9वें अंतरराष्ट्रीय बधिर महोत्सव के उद्घाटन के अवसर पर मूक-बधिर लोगों के संगठन के प्रतिनिधियों की स्क्रीनिंग

होशियारपुर- 9वें भारतीय अंतरराष्ट्रीय बधिर महोत्सव के उद्घाटन के अवसर पर सी.टी. विश्वविद्यालय के ऑडिटोरियम में मूक-बधिर लोगों से जुड़ी अंतरराष्ट्रीय संस्थाओं के प्रतिनिधियों के बीच एक अंधी लड़की की हृदयस्पर्शी कहानी पर आधारित पंजाबी फिल्म "गोल्ड मेडल दा दहेज" की स्क्रीनिंग की गई।

होशियारपुर- 9वें भारतीय अंतरराष्ट्रीय बधिर महोत्सव के उद्घाटन के अवसर पर सी.टी. विश्वविद्यालय के ऑडिटोरियम में मूक-बधिर लोगों से जुड़ी अंतरराष्ट्रीय संस्थाओं के प्रतिनिधियों के बीच एक अंधी लड़की की हृदयस्पर्शी कहानी पर आधारित पंजाबी फिल्म "गोल्ड मेडल दा दहेज" की स्क्रीनिंग की गई। 
इस अवसर पर प्रमुख समाजसेवी, राजनीतिक नेता अविनाश राय खन्ना और दीपक बाली विशेष रूप से उपस्थित रहे। उत्तर भारत की बेहतरीन आधुनिक तकनीकों से जुड़े ऑडिटोरियम में फिल्म की स्क्रीनिंग के साथ-साथ सांकेतिक भाषा विशेषज्ञों द्वारा मूक-बधिरों की भाषा में कहानी को बेहतरीन ढंग से समझाया गया। 
फिल्म के निर्देशक अशोक पुरी और कलाकारों नैंसी अरोड़ा, अमृत लाल, कमलजीत कौर, रेणुका राजपूत, रमेश कुमार, पार्श्व गायक सतीश सिल्ली उप्पल, अजय सचदेव और गुरमेल धालीवाल की ओर से बोलने वाले दर्शकों ने इस कहानी की सराहना करते हुए एक अनूठा अनुभव प्राप्त किया। 
इस अवसर पर फिल्म के कहानीकार अविनाश राय खन्ना जी ने आयोजकों का आभार व्यक्त किया तथा अतिथियों के साथ विशेष व्यक्तियों के जीवन में आने वाली समस्याओं एवं उपलब्धियों का जिक्र किया। उन्होंने कहा कि समाज के इस उपेक्षित वर्ग को मुख्यधारा में जोड़ने के लिए इस तरह के प्रयास समय की मांग है। 
स्क्रीनिंग के बाद संस्था ने सभी कलाकारों के साथ कहानीकार अविनाश राय खन्ना एवं निर्देशक डॉ. अशोक पुरी को सम्मानित किया। इस अवसर पर निर्देशक अशोक पुरी ने कहा कि एक अंधी लड़की पर बनी इस फिल्म को बनाते समय जहां हमें अंधे लोगों के जीवन के बारे में पता चला, वहीं आज मूक-बधिरों की समस्याओं एवं उनके लिए सम्मानजनक जीवन की संभावनाओं पर प्रकाश डाला गया है।