``गोल्ड मेडल दा दहेज`` मूक-बधिर लोगों से जुड़ी अंतरराष्ट्रीय संस्थाओं के प्रतिनिधियों के बीच प्रदर्शित

होशियारपुर 14 फरवरी- 9वें भारतीय अंतरराष्ट्रीय बधिर महोत्सव के अवसर पर लोगों के दिलों को छूने वाली एक दृष्टिहीन लड़की की कहानी पर आधारित पंजाबी फिल्म ``गोल्ड मेडल दा दहेज`` सीटी यूनिवर्सिटी के ऑडिटोरियम में मूक-बधिर लोगों से जुड़ी अंतरराष्ट्रीय संस्थाओं के प्रतिनिधियों के बीच प्रदर्शित की गई। इस अवसर पर प्रमुख समाजसेवी एवं राजनीतिक नेता श्री अविनाश राय खन्ना और दीपक बाली सहित अन्य विशेष रूप से उपस्थित थे।

होशियारपुर 14 फरवरी- 9वें भारतीय अंतरराष्ट्रीय बधिर महोत्सव के अवसर पर लोगों के दिलों को छूने वाली एक दृष्टिहीन लड़की की कहानी पर आधारित पंजाबी फिल्म ``गोल्ड मेडल दा दहेज`` सीटी यूनिवर्सिटी के ऑडिटोरियम में मूक-बधिर लोगों से जुड़ी अंतरराष्ट्रीय संस्थाओं के प्रतिनिधियों के बीच प्रदर्शित की गई। इस अवसर पर प्रमुख समाजसेवी एवं राजनीतिक नेता श्री अविनाश राय खन्ना और दीपक बाली सहित अन्य विशेष रूप से उपस्थित थे।
उत्तर भारत के बेहतरीन आधुनिक तकनीकों से जुड़े ऑडिटोरियम में फिल्म की स्क्रीनिंग के साथ-साथ सांकेतिक भाषा विशेषज्ञों द्वारा मूक-बधिरों की भाषा में कहानी को बेहतरीन ढंग से समझाया गया। निर्देशक अशोक पुरी और कलाकारों नैंसी अरोड़ा, अमृत लाल, कमलजीत कौर, रेणुका राजपूत, रमेश कुमार, पार्श्व गायक सतीश सिल्ली उप्पल, अजय सचदेव और गुरमेल धालीवाल द्वारा सुनाई गई इस कहानी की सराहना करते हुए दर्शकों ने एक अनूठा अनुभव प्राप्त किया। 
इस अवसर पर फिल्म के कहानीकार अविनाश राय खन्ना ने आयोजकों व अतिथियों से विशेष व्यक्तियों के जीवन में आने वाली समस्याओं व उपलब्धियों के बारे में बातचीत की। उन्होंने कहा कि समाज के इस उपेक्षित वर्ग को मुख्यधारा में जोड़ने के लिए इस तरह के प्रयास समय की मांग हैं। स्क्रीनिंग के बाद संस्था ने कहानीकार अविनाश राय खन्ना व निर्देशक डॉ. अशोक पुरी सहित सभी कलाकारों को सम्मानित किया। 
इस अवसर पर निर्देशक अशोक पुरी ने कहा कि एक अंधी लड़की पर बनी इस फिल्म को बनाते समय जहां हमें अंधे लोगों की जिंदगी के बारे में पता चला, वहीं आज मूक-बधिरों की समस्याओं व एक सभ्य जीवन की संभावनाओं को उजागर किया गया है।