
38वां एआईयू उत्तर क्षेत्र युवा महोत्सव 2025 पीयू में जीवंत प्रतिभा और सांस्कृतिक उत्कृष्टता का प्रदर्शन करेगा
चंडीगढ़, 3 फरवरी, 2025- 38वां एआईयू उत्तर क्षेत्र युवा महोत्सव 2025 कलात्मक अभिव्यक्ति और सांस्कृतिक उत्सव का केंद्र बना हुआ है, जिसमें विभिन्न विश्वविद्यालयों के छात्र अपनी प्रतिभा दिखाने के लिए एक साथ आ रहे हैं। 2 फरवरी को शुरू हुआ यह महोत्सव 5 फरवरी 2025 को समाप्त होगा।
चंडीगढ़, 3 फरवरी, 2025- 38वां एआईयू उत्तर क्षेत्र युवा महोत्सव 2025 कलात्मक अभिव्यक्ति और सांस्कृतिक उत्सव का केंद्र बना हुआ है, जिसमें विभिन्न विश्वविद्यालयों के छात्र अपनी प्रतिभा दिखाने के लिए एक साथ आ रहे हैं। 2 फरवरी को शुरू हुआ यह महोत्सव 5 फरवरी 2025 को समाप्त होगा।
रचनात्मकता, टीमवर्क और सांस्कृतिक आदान-प्रदान को बढ़ावा देने के उद्देश्य से आयोजित यह महोत्सव विश्वविद्यालय के छात्रों के लिए संगीत, नृत्य, रंगमंच और ललित कलाओं में अपने कौशल का प्रदर्शन करने के लिए एक प्रमुख मंच के रूप में विकसित हुआ है। इस कार्यक्रम में छात्रों ने कई श्रेणियों में प्रतिस्पर्धा करते हुए उत्साहपूर्वक भाग लिया, जो भारत की प्रदर्शन और दृश्य कलाओं की समृद्ध विविधता को दर्शाता है।
उत्सव के दूसरे दिन कई आकर्षक प्रदर्शन और प्रतियोगिताएं हुईं, जिनमें वन-एक्ट प्ले (दूसरा दिन), स्किट, वेस्टर्न वोकल सोलो, ग्रुप सॉन्ग (भारतीय), क्लासिकल इंस्ट्रूमेंटल सोलो (नॉन-पर्क्यूशन), ऑन-द-स्पॉट पेंटिंग, क्ले मॉडलिंग, इंस्टॉलेशन, लोक/आदिवासी नृत्य, भाषण और क्विज का अंतिम राउंड शामिल था। प्रत्येक कार्यक्रम में प्रतिभागियों की प्रतिभा और समर्पण का प्रदर्शन हुआ, जिसने दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया। उत्सव का माहौल ऊर्जा से भर गया क्योंकि छात्रों ने स्वस्थ प्रतिस्पर्धा की भावना को अपनाते हुए अपनी कलात्मक क्षमता का प्रदर्शन किया। श्री सुरेंद्र सिंह यादव, डीजीपी चंडीगढ़ ने इस शानदार उपस्थिति से इस अवसर की शोभा बढ़ाई। उन्होंने इस कार्यक्रम के सफल संचालन के लिए आयोजन टीम को बधाई दी। प्रो. रेणु विग, माननीय कुलपति ने सभी प्रतिभागियों को शुभकामनाएं दीं इस अवसर पर डीन स्टूडेंट वेलफेयर (डब्ल्यू) प्रो. सिमरित कहलों और एसोसिएट डीन स्टूडेंट वेलफेयर डॉ. नरेश कुमार भी मौजूद थे।
जैसे-जैसे समारोह जारी रहेगा, दर्शक 4 फरवरी 2025 को एक और रोमांचक कार्यक्रम का इंतजार कर सकते हैं। तीसरे दिन शास्त्रीय नृत्य (भारतीय), माइम, मिमिक्री, लाइट वोकल (भारतीय), रंगोली, स्पॉट फोटोग्राफी, मेहंदी और लोक ऑर्केस्ट्रा का आयोजन होगा। प्रत्येक बीतते दिन के साथ, यह उत्सव न केवल युवा कलाकारों की कलात्मक क्षमता को उजागर करता है, बल्कि सांस्कृतिक बंधनों को भी मजबूत करता है और भव्य मंच पर रचनात्मक अभिव्यक्ति को प्रोत्साहित करता है।
