
शहीद अमनदीप सिंह सरकारी स्मार्ट मॉडल सीनियर सेकेंडरी स्कूल, गांव नारा में नशे के उपचार पर जागरूकता सेमिनार का आयोजन
होशियारपुर- श्रीमती कोमल मित्तल आईएएस, माननीय डिप्टी कमिश्नर होशियारपुर एवं डॉ. हरबंस कौर, डिप्टी मेडिकल कमिश्नर होशियारपुर के आदेशानुसार; शहीद अमनदीप सिंह सरकारी स्मार्ट मॉडल सीनियर सेकेंडरी स्कूल, गांव नारा, होशियारपुर में नशे और उसके इलाज पर जागरूकता सेमिनार का आयोजन डॉ. महिमा मन्हास, चिकित्सा अधिकारी, जिला नशा मुक्ति पुनर्वास केंद्र, होशियारपुर के नेतृत्व में श्रीमती निशा रानी, जिला प्रबंधक, प्रशांत आदिया, परामर्शदाता द्वारा आयोजित किया गया। यह सेमिनार प्रिंसिपल रविंदर कौर और वाइस प्रिंसिपल प्रभजोत कौर की मौजूदगी में आयोजित किया गया।
होशियारपुर- श्रीमती कोमल मित्तल आईएएस, माननीय डिप्टी कमिश्नर होशियारपुर एवं डॉ. हरबंस कौर, डिप्टी मेडिकल कमिश्नर होशियारपुर के आदेशानुसार; शहीद अमनदीप सिंह सरकारी स्मार्ट मॉडल सीनियर सेकेंडरी स्कूल, गांव नारा, होशियारपुर में नशे और उसके इलाज पर जागरूकता सेमिनार का आयोजन डॉ. महिमा मन्हास, चिकित्सा अधिकारी, जिला नशा मुक्ति पुनर्वास केंद्र, होशियारपुर के नेतृत्व में श्रीमती निशा रानी, जिला प्रबंधक, प्रशांत आदिया, परामर्शदाता द्वारा आयोजित किया गया। यह सेमिनार प्रिंसिपल रविंदर कौर और वाइस प्रिंसिपल प्रभजोत कौर की मौजूदगी में आयोजित किया गया।
इस अवसर पर जिला नशा मुक्ति पुनर्वास केंद्र होशियारपुर की प्रबंधक श्रीमती निशा रानी ने कहा कि विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार नशा एक मानसिक बीमारी है। जिसका सरकारी स्वास्थ्य संस्थाओं में निःशुल्क इलाज किया जाता है। उन्होंने नशीली दवाओं की लत के कारणों, लक्षणों और इससे जुड़ी बीमारियों के बारे में विस्तृत जानकारी दी।
इस अवसर पर जिला नशा मुक्ति पुनर्वास केंद्र होशियारपुर के काउंसलर प्रशांत आदिया ने बताया कि होशियारपुर जिले में नशा मुक्ति केंद्र सिविल अस्पताल होशियारपुर व दसूहा में नशे की लत से छुटकारा पाने के लिए मुफ्त इलाज मुहैया करवाया जाता है। जिसमें मरीज को पहले 15-21 दिनों तक डिटॉक्सीफाई किया जाता है। इसके बाद मरीज को सरकारी पुनर्वास केंद्र मोहल्ला फतेहगढ़ होशियारपुर में 90 दिनों के लिए भर्ती किया जाता है। जहां व्यक्तिगत परामर्श, समूह परामर्श, आध्यात्मिक परामर्श के साथ-साथ खेल और चिकित्सा का भी अभ्यास किया जाता है। उन्होंने कहा कि नशा मुक्ति के उपचार के साथ-साथ प्रमाणित कौशल विकास पाठ्यक्रम भी चलाए जाते हैं ताकि रोगी अपने पैरों पर खड़ा हो सके।
उन्होंने कहा कि पंजाब के स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग द्वारा नशे की लत का इलाज मुफ्त किया जाता है। यदि कोई मरीज इलाज के लिए आता है, तो व्यसन उपचार केंद्र उन्हें पूर्ण उपचार प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध है।
