
53वें जत्थे ने करतारपुर साहिब (पाकिस्तान) में मत्था टेका।
नवांशहर - गुरु नानक मिशन सेवा सोसायटी द्वारा साहिब श्री गुरु नानक देव जी के गुरुद्वारा श्री दरबार साहिब करतारपुर साहिब (पाकिस्तान) में मत्था टेकने के लिए इस महीने भेजा गया दूसरा और कुल 53वां जत्था मत्था टेकने के बाद देर रात वापस लौट आया।
नवांशहर - गुरु नानक मिशन सेवा सोसायटी द्वारा साहिब श्री गुरु नानक देव जी के गुरुद्वारा श्री दरबार साहिब करतारपुर साहिब (पाकिस्तान) में मत्था टेकने के लिए इस महीने भेजा गया दूसरा और कुल 53वां जत्था मत्था टेकने के बाद देर रात वापस लौट आया।
यह जानकारी देते हुए सोसायटी के मुख्य सेवादार सुरजीत सिंह ने बताया कि गुरु नानक साहिब जी के पवित्र तीर्थस्थल श्री करतारपुर साहिब में मत्था टेकने के लिए भेजे गए इस जत्थे में करीब 45 सदस्य शामिल थे। ठंड के बावजूद श्रद्धालुओं में तीर्थयात्रा को लेकर इतना उत्साह था कि निर्धारित प्रस्थान समय से आधा घंटा पहले ही पूरा जत्था सोसायटी कार्यालय पहुंच गया था और शायद यह पहला मौका था जब तीर्थयात्रियों को निर्धारित समय से पहले करतारपुर साहिब के लिए रवाना किया गया।
तीर्थ यात्रा के साथ आए जत्थे के नेता ओंकार सिंह उस्मानपुर ने बताया कि गुरु बाबा बकाला साहिब के दर्शन करने के बाद संगत सुबह करीब 9 बजे डेरा बाबा नानक पहुंची, जहां से इमिग्रेशन क्लीयरेंस के बाद कॉरिडोर के जरिए पाकिस्तान में दाखिल हुई। गुरुद्वारा दरबार साहिब करतारपुर पहुंचने के बाद संगत ने इस पवित्र स्थान के दर्शन किए और गुरु नानक साहिब जी के समय की उन निशानियों के दर्शन किए, जिन्हें करीब पांच सौ साल पहले गुरु साहिब ने अपने चरणों से स्पर्श किया था और प्रभु का नाम जपने, मेहनत करने और फसल का फल बांटने का संदेश भी इसी स्थान से पूरी मानवता को दिया गया था।
इस जत्थे के सदस्यों ने गुरुद्वारा दरबार साहिब, मजार साहिब, खु साहिब और खेती साहिब के भी दर्शन किए। इस अलौकिक स्थान के दर्शन करने के बाद श्रद्धालुओं के दिलों में एक विशेष खुशी की अनुभूति हुई और मन भी उस समय को याद करके भावुक हो गया। इस अवसर पर सभी सदस्यों ने अरदास में शामिल होकर गुरु का लंगर भी छका।
इस अवसर पर सुरजीत सिंह ने कहा कि गुरु नानक मिशन सेवा सोसायटी द्वारा शुरू की गई सिलसिलेवार यात्रा की यह सेवा भविष्य में भी जारी रहेगी। यात्रा के लिए श्रद्धालुओं का अगला और 54वां जत्था 07 फरवरी को रवाना किया जाएगा.
इस यात्रा में नवांशहर, बलाचौर, गढ़शंकर, राहों व जालंधर क्षेत्र के विभिन्न गांवों से श्रद्धालु शामिल हुए। समूह के सदस्यों में केवल सिंह राहो, बलदेव सिंह, सरवन सिंह बरनाला कलां, साधु सिंह चक्कदाना, ज्ञान सिंह, बख्तावर सिंह मोहिंदपुर, दिलबाग सिंह, बलबीर सिंह मेहतापुर उल्दानी, शमशेर सिंह भारटा कलां, सुरजीत सिंह मुजफ्फरपुर और बलबीर सिंह घाकेवाल शामिल थे।
