
पीएयू कैंप कार्यालय सेक्टर-70 में गन्ना विकास समिति की बैठक आयोजित
साहिबजादा अजीत सिंह नगर, 23 जनवरी: पंजाब सरकार द्वारा गठित गन्ना विकास समिति की बैठक कल पीएयू कैंप कार्यालय सेक्टर-70, साहिबजादा अजीत सिंह नगर में पंजाब कृषि विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. एस.एस. गोसल की अध्यक्षता में हुई। इस बैठक में किसान प्रतिनिधि स. सतनाम सिंह शाहनी, स. जंगवीर सिंह चौहान, स. गुरनाम सिंह और स. गुरपताप सिंह के अलावा कृषि विश्वविद्यालय के विशेषज्ञ और मिल प्रतिनिधि भी शामिल हुए।
साहिबजादा अजीत सिंह नगर, 23 जनवरी: पंजाब सरकार द्वारा गठित गन्ना विकास समिति की बैठक कल पीएयू कैंप कार्यालय सेक्टर-70, साहिबजादा अजीत सिंह नगर में पंजाब कृषि विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. एस.एस. गोसल की अध्यक्षता में हुई।
इस बैठक में किसान प्रतिनिधि स. सतनाम सिंह शाहनी, स. जंगवीर सिंह चौहान, स. गुरनाम सिंह और स. गुरपताप सिंह के अलावा कृषि विश्वविद्यालय के विशेषज्ञ और मिल प्रतिनिधि भी शामिल हुए।
बैठक के दौरान कृषि विश्वविद्यालय के विशेषज्ञों ने गन्ने के लागत मूल्य और अगले वर्ष के लिए गन्ने की खेती पर आने वाले लागत मूल्य का विवरण साझा किया, जिसके बारे में किसान सदस्यों ने भी अपने विचार प्रस्तुत किए। इसके अलावा मिलवार गन्ने की किस्मों की रूपरेखा निर्धारित करने पर भी चर्चा की गई, ताकि क्षेत्र के अनुसार गन्ने की पैदावार के साथ-साथ अच्छी चीनी रिकवरी हासिल की जा सके।
समिति ने चीनी मिलों को जैव नियंत्रण विधि पर अधिक काम करने तथा इस विधि के माध्यम से कीट प्रबंधन को लोकप्रिय बनाने पर जोर दिया ताकि खेती की लागत कम करने के साथ-साथ पर्यावरण अनुकूल तकनीकों को भी बढ़ावा दिया जा सके। डॉ. गुलजार सिंह संघेरा ने कहा कि गन्ने की फसल की उचित पैदावार और चीनी रिकवरी के लिए गन्ने की फसल का खेती प्रबंधन, कीट प्रबंधन, फसल की समय पर बुवाई/कटाई आदि बहुत जरूरी है।
समिति ने उत्तर पश्चिमी जोन के लिए पंजाब कृषि विश्वविद्यालय और भारत सरकार द्वारा सिफारिश की गई गन्ने की किस्मों की बुवाई पर जोर दिया। समय के साथ मजदूरों की कमी के कारण गन्ने की कटाई के लिए केन हार्वेस्टर के इस्तेमाल को बढ़ावा देने और केन हार्वेस्टर द्वारा गन्ने की कटाई के लिए कैलेंडर तैयार करने के बारे में भी विचार-विमर्श किया गया। समिति सदस्यों ने बताया कि गन्ने की फसल के विकास और किसानों की कठिनाइयों को दूर करने के लिए अच्छे माहौल में विचार-विमर्श किया गया।
