
पटियाला में विश्वकर्मा मंदिर के प्रबंधन में बड़ा फैसला, प्रबंधन धर्म अर्थ बोर्ड को सौंपने की मांग
पटियाला, 5 जून - विश्वकर्मा मंदिर लाहौरी गेट पटियाला रजि. नंबर 1429 के प्रबंधन को लेकर स्थिति तनावपूर्ण हो गई है। पिछले 55 वर्षों से विश्वकर्मा वंश द्वारा चलाए जा रहे इस ऐतिहासिक मंदिर की शुरुआत श्रद्धालुओं और सेवकों ने की थी।
पटियाला, 5 जून - विश्वकर्मा मंदिर लाहौरी गेट पटियाला रजि. नंबर 1429 के प्रबंधन को लेकर स्थिति तनावपूर्ण हो गई है। पिछले 55 वर्षों से विश्वकर्मा वंश द्वारा चलाए जा रहे इस ऐतिहासिक मंदिर की शुरुआत श्रद्धालुओं और सेवकों ने की थी।
मंदिर ऐसी स्थिति में पहुंच गया है कि बैंक में अतिरिक्त बैलेंस है और 2 एकड़ जमीन उपलब्ध है जो सरकारी अनुदान और श्रद्धालुओं के योगदान से खरीदी गई थी। यह संपत्ति अब मंदिर की है, लेकिन कुछ वर्षों से कुछ सदस्यों ने अपने निजी हितों के लिए विश्वकर्मा ट्रस्ट का गठन किया और अपनी मर्जी से ट्रस्टी नियुक्त किए।
वे शुरू से ही गलत फैसले लेते रहे। 15-05-2025 को मौजूदा अध्यक्ष सुरजीत सिंह महल को ट्रस्टियों द्वारा असहयोग करने के आरोप में हटा दिया गया, जिसका विश्वकर्मा समुदाय ने कड़ा विरोध किया।
इस संबंध में रविवार दिनांक 01-06-2025 को आम बैठक बुलाई गई थी, लेकिन मंदिर में दूसरे पक्ष द्वारा भारी संख्या में पुलिस बुला ली गई। पुलिस ने न केवल बैठक रोक दी, बल्कि बाहर से आने वाले सदस्यों को भी मंदिर में प्रवेश करने से रोक दिया।
इसके विरोध में सभी सदस्यों ने मंदिर में ही विरोध बैठक की। बैठक में सर्वसम्मति से भगवान विश्वकर्मा मंदिर कमेटी लाहौरी गेट पटियाला का वर्तमान रजिस्ट्रेशन नंबर 1429 के अनुसार पुनर्गठन करने का निर्णय लिया गया तथा सुरजीत सिंह माहल को अध्यक्ष नियुक्त किया गया। सभी सदस्यों ने हाथ उठाकर अपना समर्थन जताया। इसके साथ ही उन्हें कोरम पूरा करने के लिए टीम चुनने का अधिकार भी दिया गया।
मौजूदा तनावपूर्ण स्थिति व संघर्ष को देखते हुए सभी सदस्यों ने सरकार से अपील की है कि मंदिर को धर्म अर्थ बोर्ड के अधीन किया जाए तथा नया प्रशासक नियुक्त किया जाए, ताकि आगे किसी भी तरह के तनाव या वित्तीय नुकसान से बचा जा सके।
