
"पंजाब इंजीनियरिंग कॉलेज ने 5G तकनीक पर छह दिवसीय एफ़डीपी सफलतापूर्वक किया आयोजित"
चंडीगढ़, 23 दिसंबर 2024: पंजाब इंजीनियरिंग कॉलेज (डीम्ड टू बी यूनिवर्सिटी), चंडीगढ़ के इलेक्ट्रॉनिक्स और कम्युनिकेशन इंजीनियरिंग (ईसीई) विभाग ने अपने छह दिवसीय फैकल्टी डेवलपमेंट प्रोग्राम "हैंड्स-ऑन ट्रेनिंग, रिसर्च एस्पेक्ट्स एंड डेमोंस्ट्रेशन इन 5G यूज़ केस लैब" को सफलतापूर्वक संपन्न किया। यह कार्यक्रम ऐ आई सी टी ई (AICTE) ट्रेनिंग एंड लर्निंग (अटल) अकादमी द्वारा प्रायोजित था और इसे 16 से 21 नवंबर 2024 तक आयोजित किया गया। इस वर्कशॉप का उद्देश्य 5G तकनीक और इसके अनुप्रयोगों में फैकल्टी सदस्यों को ज्ञान और व्यावहारिक विशेषज्ञता प्रदान करना था।
चंडीगढ़, 23 दिसंबर 2024: पंजाब इंजीनियरिंग कॉलेज (डीम्ड टू बी यूनिवर्सिटी), चंडीगढ़ के इलेक्ट्रॉनिक्स और कम्युनिकेशन इंजीनियरिंग (ईसीई) विभाग ने अपने छह दिवसीय फैकल्टी डेवलपमेंट प्रोग्राम "हैंड्स-ऑन ट्रेनिंग, रिसर्च एस्पेक्ट्स एंड डेमोंस्ट्रेशन इन 5G यूज़ केस लैब" को सफलतापूर्वक संपन्न किया। यह कार्यक्रम ऐ आई सी टी ई (AICTE) ट्रेनिंग एंड लर्निंग (अटल) अकादमी द्वारा प्रायोजित था और इसे 16 से 21 नवंबर 2024 तक आयोजित किया गया। इस वर्कशॉप का उद्देश्य 5G तकनीक और इसके अनुप्रयोगों में फैकल्टी सदस्यों को ज्ञान और व्यावहारिक विशेषज्ञता प्रदान करना था।
समापन समारोह में पेक के माननीय निदेशक प्रो. (डॉ.) राजेश कुमार भाटिया (एड इंटिरिम), प्रो. अरुण कुमार सिंह (हेड ईसीई और को-कोर्डिनेटर), प्रो. संजीव कुमार (हेड फिजिक्स और कोर्डिनेटर, कंटीन्यूइंग एजुकेशन प्रोग्राम), और डॉ. सिमरनजीत सिंह (कोऑर्डिनेटर) ने शिरकत की।
इस एफ़डीपी में उभरते विषयों जैसे आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI), IoT डिवाइसेज़, ग्रामीण क्षेत्रों में 5G/B5G सक्षम हेल्थकेयर, यूएवी अनुप्रयोग, LiFi तकनीक, और अगली पीढ़ी के नेटवर्क में सुरक्षा चुनौतियों पर विशेषज्ञ व्याख्यान आयोजित किए गए। प्रतिभागियों को PEC के उन्नत 5G उपयोग केस लैब में व्यावहारिक अनुभव प्राप्त हुआ, जहां उन्होंने Netsim और Optisystem सॉफ़्टवेयर का उपयोग करके 5G आर्किटेक्चर और कोर नेटवर्क डिज़ाइन का अनुकरण किया। STPI मोहाली के औद्योगिक दौरे ने उन्हें वास्तविक दुनिया में 5G अनुप्रयोगों का अनुभव भी प्रदान किया।
डॉ. सिमरनजीत सिंह ने एफ़डीपी का परिचय देते हुए इसके महत्व पर प्रकाश डाला, जिसमें प्रतिभागियों को 5G तकनीक में हैंड्स-ऑन ट्रेनिंग और उन्नत ज्ञान प्रदान किया गया। उन्होंने पेक की अत्याधुनिक 5G उपयोग केस लैब में आयोजित व्यावहारिक प्रयोगों को प्रमुखता से रेखांकित किया।
ईसीई विभागाध्यक्ष प्रो. अरुण कुमार सिंह ने उभरते क्षेत्रों में 5G अनुप्रयोगों के बढ़ते महत्व और राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP) के साथ इसकी संरेखना पर जोर दिया। उन्होंने कार्यशाला के प्रमुख विषयों, जैसे 5G में AI और ML, LiFi तकनीक, और 5G से आगे की प्रगति पर चर्चा की। उन्होंने पेक के सेमीकंडक्टर रिसर्च सेंटर को अत्याधुनिक नवाचारों का केंद्र बताया। प्रतिभागियों ने 5G कोर नेटवर्क डिज़ाइन और सिमुलेशन के लिए Netsim और Optisystem सॉफ़्टवेयर का उपयोग करके व्यावहारिक जानकारी प्राप्त की।
कार्यक्रम के दौरान, निदेशक प्रो. राजेश कुमार भाटिया ने अपने संबोधन में इस तरह के फैकल्टी डेवलपमेंट प्रोग्राम्स के महत्व पर जोर दिया, जो नवाचार को बढ़ावा देने और 6G जैसी आगामी तकनीकों की तैयारी में सहायक हैं। उन्होंने सफल एफ़डीपी आयोजित करने के लिए टीम को बधाई दी।
एफ़डीपी में प्रसिद्ध शिक्षाविदों और उद्योग विशेषज्ञों ने सत्र आयोजित किए, जिनमें प्रो. स्वदेस डे, प्रो. ज्योतिष मल्होत्रा, डॉ. बाबन बंसोड़, प्रो. अखिलेश मोहन, प्रो. साक्षी कौशल, श्री माधुकरी त्रिपाठी, प्रो. सत्यम् अग्रवाल, और प्रो. अश्वनी शर्मा शामिल थे। यह वर्कशॉप पेक के निदेशक प्रो. राजेश कुमार भाटिया के संरक्षण में आयोजित की गई थी। कार्यशाला के कोर्डिनेटर डॉ. सिमरनजीत सिंह थे, जबकि को-कोर्डिनेटर के रूप में प्रो. अरुण कुमार सिंह ने भूमिका निभाई। आयोजन टीम में डॉ. गौरव दास, डॉ. मंदीप सिंह, डॉ. सुरेंद्र गुप्ता, और डॉ. राधिका मल्होत्रा भी शामिल थे।
