इतिहास और प्राचीन भारतीय इतिहास विभाग ने प्रो. सचिदानंद मोहंती द्वारा 'सरला देवी की खोई दुनिया' पर व्याख्यान दिया

चंडीगढ़ 19 दिसंबर, 2024- इतिहास विभाग ने प्राचीन भारतीय इतिहास, संस्कृति और पुरातत्व विभाग के सहयोग से, प्रतिष्ठित शिक्षाविद, सांस्कृतिक इतिहासकार और ऑरोविले फाउंडेशन गवर्निंग बोर्ड के पूर्व सदस्य प्रो. सचिदानंद मोहंती, श्री अरबिंदो चेयर, पंजाब विश्वविद्यालय द्वारा "नारीवादी अभिलेखागार से हाल की खोजें: सरला देवी की खोई दुनिया" विषय पर एक आकर्षक व्याख्यान दिया। इस कार्यक्रम में 50 से अधिक छात्रों और शिक्षकों की उपस्थिति के साथ एक प्रभावशाली उपस्थिति देखी गई।

चंडीगढ़ 19 दिसंबर, 2024- इतिहास विभाग ने प्राचीन भारतीय इतिहास, संस्कृति और पुरातत्व विभाग के सहयोग से, प्रतिष्ठित शिक्षाविद, सांस्कृतिक इतिहासकार और ऑरोविले फाउंडेशन गवर्निंग बोर्ड के पूर्व सदस्य प्रो. सचिदानंद मोहंती, श्री अरबिंदो चेयर, पंजाब विश्वविद्यालय द्वारा "नारीवादी अभिलेखागार से हाल की खोजें: सरला देवी की खोई दुनिया" विषय पर एक आकर्षक व्याख्यान दिया। इस कार्यक्रम में 50 से अधिक छात्रों और शिक्षकों की उपस्थिति के साथ एक प्रभावशाली उपस्थिति देखी गई।
प्राचीन भारतीय इतिहास, संस्कृति और पुरातत्व विभाग के सेमिनार रूम में आयोजित, प्रो. सचिदानंद मोहंती के व्याख्यान ने छात्रों और संकाय सदस्यों दोनों से महत्वपूर्ण रुचि प्राप्त की। प्रो. मोहंती ने पश्चिमी देशों और भारत में लैंगिक असमानता के विभिन्न पहलुओं पर गहन चर्चा करते हुए एक ज्ञानवर्धक व्याख्यान दिया। उन्होंने इस कमी को पूरा करने में सरला देवी की भूमिका पर प्रकाश डाला। निबंध, जीवनी, अनुवाद आदि उनके विविध कार्यों पर चर्चा की गई।
इससे पहले, कार्यक्रम की शुरुआत प्रो. पारू बाल सिद्धू के गर्मजोशी भरे स्वागत भाषण से हुई, जिसने बौद्धिक रूप से उत्तेजक प्रवचन के लिए मंच तैयार किया। प्रो. अंजू सूरी ने विशिष्ट अतिथि का परिचय दिया।
व्याख्यान के बाद एक आकर्षक प्रश्नोत्तर सत्र हुआ, जिसमें उपस्थित लोगों को विषय की जटिलताओं में गहराई से उतरने और विद्वत्तापूर्ण चर्चा में शामिल होने का अवसर मिला। इतिहास विभाग के अध्यक्ष डॉ. जसबीर सिंह ने इतिहास विभाग और प्राचीन भारतीय इतिहास, संस्कृति और पुरातत्व विभाग की ओर से आभार व्यक्त किया। डॉ. आशीष कुमार और डॉ. पंकज श्रीवास्तव सहित उपस्थित प्रतिष्ठित प्रोफेसरों का विशेष उल्लेख किया गया, जिनकी उपस्थिति ने इस अवसर की शैक्षणिक समृद्धि में चार चांद लगा दिए।