एलपीजी बॉटलिंग प्लांट के समीप पराली एवं खुली आग जलाने पर प्रतिबंध, उपायुक्त ने जारी किए आदेश

ऊना, 22 अप्रैल- जिला ऊना के रायपुर सहोड़ा, मैहतपुर स्थित इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन लिमिटेड (आईओसीएल) एलपीजी बॉटलिंग प्लांट की सीमा दीवार से 60 मीटर की परिधि के भीतर पराली जलाने तथा किसी भी प्रकार की खुली आग जलाने से संबंधित गतिविधियों पर तत्काल प्रभाव से प्रतिबंध लगाया गया है।

ऊना, 22 अप्रैल- जिला ऊना के रायपुर सहोड़ा, मैहतपुर स्थित इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन लिमिटेड (आईओसीएल) एलपीजी बॉटलिंग प्लांट की सीमा दीवार से 60 मीटर की परिधि के भीतर पराली जलाने तथा किसी भी प्रकार की खुली आग जलाने से संबंधित गतिविधियों पर तत्काल प्रभाव से प्रतिबंध लगाया गया है। 
यह आदेश जिला दंडाधिकारी ऊना जतिन लाल द्वारा आपदा प्रबंधन अधिनियम, 2005 की धारा 33 एवं 34 के अंतर्गत प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए जन सुरक्षा एवं संभावित आपदा की रोकथाम के दृष्टिगत जारी किए गए हैं।
उपायुक्त ने बताया कि आईओसीएल का यह एलपीजी बॉटलिंग प्लांट एक अत्यंत महत्वपूर्ण सार्वजनिक सुविधा है, जहाँ बल्क एलपीजी का भंडारण एवं घरेलू उपयोग हेतु एलपीजी सिलेंडरों में भराई की जाती है। यह प्लांट हिमाचल प्रदेश एवं पंजाब के कुछ क्षेत्रों की घरेलू एलपीजी आवश्यकताओं की पूर्ति करता है तथा इसमें लगभग 900 मीट्रिक टन अत्यधिक ज्वलनशील एलपीजी का भंडारण किया जाता है। 
उन्होंने कहा कि एलपीजी अत्यधिक ज्वलनशील पदार्थ है, और प्लांट के निकट पराली या अन्य किसी प्रकार की खुली आग जलाने से आगजनी एवं विस्फोट का गंभीर खतरा उत्पन्न हो सकता है, जिससे जनजीवन, सार्वजनिक संपत्ति एवं पर्यावरण को भारी क्षति पहुँचने की आशंका रहती है।
उपायुक्त ने संबंधित उपमंडल दंडाधिकारी, तहसीलदार, पुलिस तथा स्थानीय पंचायत अधिकारियों को आदेशों की कड़ाई से अनुपालना सुनिश्चित बनाने के निर्देश दिए हैं। साथ ही, इन आदेशों की अवहेलना करने वाले व्यक्तियों के विरुद्ध आपदा प्रबंधन अधिनियम, 2005 की धाराओं 51 से 60 के अंतर्गत नियमानुसार कानूनी कार्रवाई अमल में लाई जाएगी।