पंजाब विश्वविद्यालय चंडीगढ़ के संस्कृत विभाग में शोध संगोष्ठी का आयोजन

पंजाब विश्वविद्यालय चंडीगढ़ के संस्कृत विभाग में 19 दिसम्बर 2024 को शोधपरिषद की विश्वविद्यालीय शोधसंगोष्ठी का आयोजन किया गया. इस शोध संगोष्ठी में संस्कृत एवं दयानंद विभाग के शोधार्थियों ने भाग लिया जिसमें दो शोध छात्रों ने अपने-अपने शोध पत्र प्रस्तुत किये. शोधछात्र अपूर्व ने "शुक्र नीति में वर्णित कर व्यव्स्था " इस विषय को आधार बनाकर अपना शोध पत्र प्रस्तुत किया. इसमें बताया कि किसी भी राजा को किस प्रकार अपनी प्रजा से कर (tax) को सुचारु रूप से प्राप्त करना चाहिए।

पंजाब विश्वविद्यालय चंडीगढ़ के संस्कृत विभाग में 19 दिसम्बर 2024 को शोधपरिषद की विश्वविद्यालीय शोधसंगोष्ठी का आयोजन किया गया. इस शोध संगोष्ठी में संस्कृत एवं दयानंद विभाग के शोधार्थियों ने भाग लिया जिसमें दो शोध छात्रों ने अपने-अपने शोध पत्र प्रस्तुत किये. शोधछात्र अपूर्व ने "शुक्र नीति में वर्णित कर व्यव्स्था " इस विषय को आधार बनाकर अपना शोध पत्र प्रस्तुत किया. इसमें बताया कि किसी भी राजा को किस प्रकार अपनी प्रजा से कर (tax) को सुचारु रूप से प्राप्त करना चाहिए।
दूसरी शोध छात्रा नीलम ने “ Antakarana in ShrimadBhagawatGeeta” इस विषय पर अपना शोध पत्र प्रस्तुत किया. शोध पत्र प्रस्तुत करने के उपरांत संगोष्ठी में बैठे हुए प्राध्यापकों द्वारा एवं शोध छात्रों द्वारा शोध पत्र में आए विषयों पर चर्चा परिचर्चा की. शोध परिषद की शोध संगोष्ठी की अध्यक्षता सहाचार्य डॉक्टर सुनीता देवी जी के द्वारा की गई. इस शोधसंगोष्ठी में विभाग के (शोध प्रभारी) सहायक आचार्य डॉ तोमीर शर्मा एवं डॉ विजय भारद्वाज उपस्थित रहे. 
शोध संगोष्ठी में शोध छात्र अंशुल चौधरी, अपूर्व शर्मा, रितु रानी ,तथा नीलम उपस्थित रहे. यह शोध संगोष्ठी संस्कृत विभाग में प्रतिमाह आयोजित की जाएगी. जनवरी माह की शोध संगोष्ठी तृतीय सप्ताह में रहेगी जिसमें शोधार्थियों द्वारा अपने शोध पत्र प्रस्तुत कर उन पर परिचर्चा की जाएगी.