श्री गुरु तेग बहादुर साहिब का 349वां शहीदी दिवस पूरे हर्षोल्लास के साथ मनाया गया

एसएएस नगर, 6 दिसंबर: श्री गुरु तेग बहादुर जी का 349वां शहीदी दिवस निकटवर्ती गांव सोहाना में स्थित गुरुद्वारा सिंह शहीद में बड़े हर्षोल्लास के साथ मनाया गया। इस दिन के मुख्य रूप में सुबह श्री सहज पाठ साहिब के भोग के बाद पूरे दिन धार्मिक कार्यक्रमों का आयोजन किया गया। इस धार्मिक समारोह में भाई सुखजीत सिंह पंछोखरा साहिब वाले के अंतरराष्ट्रीय ढाडी जत्थे ने संगत को तिलक-जंझू की रक्षा के लिए श्री गुरु तेग बहादुर जी द्वारा दी गई शहादत का पूरा प्रसंग विस्तार से सुनाया।

एसएएस नगर, 6 दिसंबर: श्री गुरु तेग बहादुर जी का 349वां शहीदी दिवस निकटवर्ती गांव सोहाना में स्थित गुरुद्वारा सिंह शहीद में बड़े हर्षोल्लास के साथ मनाया गया। इस दिन के मुख्य रूप में सुबह श्री सहज पाठ साहिब के भोग के बाद पूरे दिन धार्मिक कार्यक्रमों का आयोजन किया गया। इस धार्मिक समारोह में भाई सुखजीत सिंह पंछोखरा साहिब वाले के अंतरराष्ट्रीय ढाडी जत्थे ने संगत को तिलक-जंझू की रक्षा के लिए श्री गुरु तेग बहादुर जी द्वारा दी गई शहादत का पूरा प्रसंग विस्तार से सुनाया।
 रोमनी प्रचारक भाई सोमर सिंह करनाल वाले ने गुरमत विचारों के माध्यम से बताया कि कैसे दशम पिता जी ने अपने पिता श्री गुरु तेग बहादुर जी को छोटी उम्र में हिंदू धर्म की रक्षा के लिए बलिदान देने के लिए प्रेरित किया। भाई सुखदीप सिंह गुरुद्वारा दुख निवारण साहिब पटियाला वाले के रागी जत्था ने रस भरे कीर्तन के माध्यम से संगत को दिव्य बाणी में डुबोकर गुरु से जोड़ने का प्रयास किया।
इसके अलावा भाई निर्भय सिंह, भाई ज्ञान सिंह, भाई हरजिंदर सिंह, भाई कुलदीप सिंह अमृतसर वाले, मित्र प्यारे और कीर्तनी जत्था, भाई जतिंदर सिंह, भाई महिंदरपाल सिंह, भाई बलविंदर सिंह, भाई सतिंदरपाल सिंह, भाई सुखविंदर सिंह का जत्था और गुरुद्वारा सिंह शहीद भाई गुरमीत सिंह, भाई इंद्रजीत सिंह, भाई जसवंत सिंह और भाई संदीप सिंह के अन्य जत्थों ने पूरे दिन कथा, कीर्तन, कविता और गुरमत विचारों के माध्यम से हर जस सुनाकर संगत को निहाल किया।
शहीदी दिवस के मुख्य रूप में हजारों लोगों ने इस स्थान के पवित्र तालाब में स्नान किया। गुरु का लंगर खूब बरताया गया।
इस अवसर पर गुरुसिंह शहीद आयोजन समिति के प्रवक्ता ने बताया कि आगामी 10 दिसंबर को दसवीं का दिहाड़ा पूरे उत्साह के साथ मनाया जाएगा। उन्होंने बताया कि इस दिन सुबह श्री सहज पाठ साहिब के भोग के बाद श्री दरबार साहिब अमृतसर के होरी रागी, अंतरराष्ट्रीय ढाडी जत्था और उच्च कोटि के पंथ के प्रसिद्ध प्रचारक दिनभर हरि जस सुनाकर संगत को निहाल करेंगे। इस दिन विशाल अमृत संचार होगा। दिनभर गुरु का लंगर बरताया जाएगा।