*आशा वर्करों और फैसिलिटेटरों की सेवानिवृत्ति आयु बढ़ाकर 62 वर्ष की गई*

गढ़शंकर, 29 नवंबर: डेमोक्रेटिक आशा वर्कर्स फैसिलिटेटर यूनियन पंजाब की प्रदेश अध्यक्ष मनदीप कौर बिलगा, महासचिव शकुंतला सरोया, परमजीत कौर मान, सरबजीत कौर मचाकी, परमजीत कौर मुदकी, गुरमिंदर कौर गुरदासपुर और शुष्मा सरोया ने संयुक्त प्रेस बयान के माध्यम से जानकारी दी कि उपचुनाव के दौरान गिद्दड़बाहा, चब्बेवाल, डेरा बाबा नानक, बरनाला और पटियाला में मानद कर्मचारी सांझा मोर्चा पंजाब द्वारा पंजाब सरकार के खिलाफ किए गए जोरदार विरोध के दबाव में आज स्वास्थ्य मंत्री पंजाब और स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों ने सिविल सचिवालय में डेमोक्रेटिक आशा वर्करों के साथ बैठक की।

गढ़शंकर, 29 नवंबर: डेमोक्रेटिक आशा वर्कर्स फैसिलिटेटर यूनियन पंजाब की प्रदेश अध्यक्ष मनदीप कौर बिलगा, महासचिव शकुंतला सरोया, परमजीत कौर मान, सरबजीत कौर मचाकी, परमजीत कौर मुदकी, गुरमिंदर कौर गुरदासपुर और शुष्मा सरोया ने संयुक्त प्रेस बयान के माध्यम से जानकारी दी कि उपचुनाव के दौरान गिद्दड़बाहा, चब्बेवाल, डेरा बाबा नानक, बरनाला और पटियाला में मानद कर्मचारी सांझा मोर्चा पंजाब द्वारा पंजाब सरकार के खिलाफ किए गए जोरदार विरोध के दबाव में आज स्वास्थ्य मंत्री पंजाब और स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों ने सिविल सचिवालय में डेमोक्रेटिक आशा वर्करों के साथ बैठक की। 
फैसिलिटेटर यूनियन पंजाब के प्रतिनिधिमंडल के साथ बैठक हुई, जिसमें राज्य अध्यक्ष मनदीप कौर बिलगा, परमजीत कौर मुदकी, गुरमिंदर कौर गुरदासपुर, सुखवीर कौर फरीदकोट व अन्य नेताओं ने भाग लिया। बैठक में वर्करों की मुख्य मांगों में आशा वर्करों को 58 वर्ष की आयु में सेवानिवृत्त करना, बर्खास्त वर्करों को बहाल करना, फैसिलिटेटरों का दौरा भत्ता बढ़ाना, मानदेय दोगुना करना, प्रत्येक वर्कर को 5 लाख रुपये का मुफ्त बीमा प्रदान करना, रिटायरमेंट के समय वर्करों को 5 लाख रुपये का अनुदान और 10,000 रुपये पेंशन प्रदान करना, वर्करों के कटे हुए भत्ते बहाल करना शामिल थे। इस पर विस्तार से चर्चा हुई। 
पैनल मीटिंग पर दबाव बनाने के बाद वर्करों की आयु 62 वर्ष करने, बर्खास्त वर्करों को बहाल करने, फैसिलिटेटरों का दौरा भत्ता बढ़ाने के लिए मीटिंग में ही नेताओं को पत्र सौंपा गया। भरोसा दिया गया कि बाकी मांगों को जल्द ही फिर से पूरा करके पूरा किया जाएगा। बैठक के बाद नेताओं ने घोषणा की कि यह मजदूरों के तीव्र संघर्ष के कारण मिली आंशिक जीत है तथा शेष मांगों को पूरा करने के लिए संघर्ष जारी रहेगा।