नशा एक गंभीर बीमारी है, लेकिन इसका इलाज संभव है - संजीव अरोड़ा

होशियारपुर- भारत विकास परिषद होशियारपुर द्वारा अध्यक्ष एवं प्रसिद्ध समाजसेवी संजीव अरोड़ा की अध्यक्षता में डी-ड्रग सेंटर फतेहगढ़ में नशे के खिलाफ सेमिनार का आयोजन किया गया। सेमिनार का उद्घाटन केंद्र की डॉ. महिमा मिन्हास ने भारत विकास परिषद के सदस्यों का स्वागत करते हुए किया तथा केंद्र की गतिविधियों की विस्तृत जानकारी दी।

होशियारपुर- भारत विकास परिषद होशियारपुर द्वारा अध्यक्ष एवं प्रसिद्ध समाजसेवी संजीव अरोड़ा की अध्यक्षता में डी-ड्रग सेंटर फतेहगढ़ में नशे के खिलाफ सेमिनार का आयोजन किया गया। सेमिनार का उद्घाटन केंद्र की डॉ. महिमा मिन्हास ने भारत विकास परिषद के सदस्यों का स्वागत करते हुए किया तथा केंद्र की गतिविधियों की विस्तृत जानकारी दी।
इस अवसर पर अध्यक्ष संजीव अरोड़ा ने कहा कि नशा एक गंभीर बीमारी है लेकिन इसका इलाज संभव है। इसका सेवन करने से व्यक्ति का जीवन नष्ट हो जाता है, इसलिए नशीली दवाओं का सेवन नहीं करना चाहिए। अरोड़ा ने नशेड़ियों से कहा कि तुम्हारे माता-पिता ने तुम्हें इसलिए पाला था कि तुम बड़े होकर उनका सहारा बनोगे, लेकिन तुम नशे के दलदल में फंस गए हो। केवल अपने बारे में ही न सोचें, बल्कि अपने बच्चों और परिवार का भी ध्यान रखें और नशा छोड़ दें ताकि आप और आपका परिवार सुखी जीवन जी सकें।
इस सेंटर की प्रशंसा करते हुए अरोड़ा ने कहा कि सेंटर में मरीजों के लिए धार्मिक स्थल भी बनाए गए हैं ताकि मरीज सुबह-शाम वहां पूजा-अर्चना कर सकें। अरोड़ा ने कहा कि उन्हें प्रतिदिन सुबह-शाम सिर झुकाकर भगवान से प्रार्थना करनी चाहिए कि यहां से जाने के बाद उन्हें नशा छोड़ने की शक्ति प्रदान करें।
इस अवसर पर सचिव राजिंदर मौदगिल व एडवोकेट गौरव गर्ग ने कहा कि आज के समय में हमें नशे के प्रति जागरूक होने की जरूरत है। अगर हम स्वयं जागरूक होंगे तभी हम समाज में जाकर सेमिनारों के माध्यम से लोगों को जागरूक कर पाएंगे। उन्होंने कहा कि नशा कोई आदत नहीं बल्कि एक बीमारी है जिसका इलाज संभव है। पंजाब सरकार नशे के आदी लोगों को मुफ्त इलाज मुहैया कराती है।
सरकार ने विभिन्न जिलों में नशा मुक्ति केंद्र खोले हैं, जहां उन्हें अच्छी स्वास्थ्य सुविधाएं भी मिलती हैं। उन्होंने कहा कि हमारा समाज भी समय-समय पर मरीजों को जागरूक करने के लिए यहां आता है और यहां नए चेहरे देखने को मिलते हैं। हम आशा करते हैं कि जब वे यहां से जाएंगे तो नशा छोड़ देंगे और अपने परिवारों के साथ खुशी से रहेंगे।
सेमिनार को संबोधित करते हुए मैडम तजिंदर कौर एएसआई. उन्होंने मरीजों को नशीली दवाओं के बारे में चेतावनी देते हुए कहा कि जो कोई भी नशीली दवाओं का उपयोग करता है वह अपने जीवन के साथ खेल रहा है। चाहे वह अफीम हो, चिता हो, सिंथेटिक ड्रग्स हो या कोई अन्य नशा जैसे टीकाकरण, ये सभी बहुत खतरनाक नशे हैं जो व्यक्ति को मौत की ओर धकेलते हैं। अंत में उपस्थित सभी लोगों ने नशा न करने की शपथ ली।