
कृषि विज्ञान केन्द्र द्वारा उर्वरकों के समुचित उपयोग हेतु जागरूकता अभियान
पटियाला, 14 नवंबर - किसानों को उर्वरकों के उचित उपयोग के बारे में जानकारी देने के लिए कृषि विज्ञान केंद्र द्वारा जागरूकता शिविर आयोजित किए जा रहे हैं। वहीं, पराली के उचित प्रबंधन को लेकर भी अभियान चलाया जा रहा है. केवीके, पटियाला के उप निदेशक (प्रशिक्षण) डॉ. हरदीप सिंह साबिखी ने कहा कि फसलों में उर्वरकों का प्रयोग मिट्टी की जांच के आधार पर ही करना चाहिए।
पटियाला, 14 नवंबर - किसानों को उर्वरकों के उचित उपयोग के बारे में जानकारी देने के लिए कृषि विज्ञान केंद्र द्वारा जागरूकता शिविर आयोजित किए जा रहे हैं। वहीं, पराली के उचित प्रबंधन को लेकर भी अभियान चलाया जा रहा है. केवीके, पटियाला के उप निदेशक (प्रशिक्षण) डॉ. हरदीप सिंह साबिखी ने कहा कि फसलों में उर्वरकों का प्रयोग मिट्टी की जांच के आधार पर ही करना चाहिए।
इस संबंध में किसानों को जानकारी देने के लिए लगातार शिविरों का आयोजन किया जा रहा है और किसानों को डीएपी उर्वरक के विकल्प के रूप में उपयोग किए जा सकने वाले अन्य उर्वरकों के बारे में भी जानकारी दी जा रही है। उन्होंने कहा कि पराली जलाने से होने वाले नुकसान के बारे में जागरूक करने के लिए स्कूल स्तर तक अभियान चलाया जा रहा है. उन्होंने बताया कि सरकारी सीनियर सेकेंडरी स्मार्ट स्कूल कल्याण में प्रिंसिपल रमनजीत के नेतृत्व में सेमिनार करवाया गया। जहां छात्रों को जागरूक करने के लिए रैली निकाली गई और भाषण, निबंध लेखन, पेंटिंग और संदेश लेखन प्रतियोगिताएं भी आयोजित की गईं।
सेमिनार की वक्ता प्रोफेसर (पादप विज्ञान) डॉ. गुरुउपदेश कौर ने पराली जलाने से होने वाले नुकसान के बारे में जानकारी दी और विद्यार्थियों को इस जागरूकता अभियान में अहम भूमिका निभाने के लिए प्रेरित किया। डॉ. रजनी गोयल, प्रोफेसर (खाद्य विज्ञान), केवीके, पटियाला ने छात्रों के साथ जंक फूड से होने वाले नुकसान के बारे में जानकारी साझा की। साथ ही कृषि उत्पादों के मूल्य संवर्धन के लिए प्रसंस्करण तकनीकों के महत्व को भी समझाया।
इस मौके पर लेक्चरर डॉ. जसविंदर सिंह, बलजीत कौर सिद्धू व अर्पणजोत कौर व सभी अध्यापकों ने भी विद्यार्थियों को पराली को आग न लगाने का संदेश दिया।
