लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने शहरी स्थानीय निकायों पर पहले दो दिवसीय राष्ट्रीय सम्मेलन का उद्घाटन किया।

चंडीगढ़, 3 जुलाई - लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने कहा कि लोकतंत्र को मजबूत करने में शहरी संस्थाओं की अहम भूमिका है। शहरी संस्थाओं को नई सोच, सशक्त मार्गदर्शन और जनप्रतिनिधियों के कुशल व्यवहार के साथ विकसित भारत के विजन-2047 को ध्यान में रखते हुए अपनी जिम्मेदारी निभानी होगी। उन्होंने कहा कि सभी को संकल्प लेना चाहिए कि मेरा निगम, मेरी परिषद और मेरी नगर पालिका तथा मेरा शहर दुनिया के सबसे स्वच्छ और सुंदर शहरों में से एक हो।

चंडीगढ़, 3 जुलाई - लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने कहा कि लोकतंत्र को मजबूत करने में शहरी संस्थाओं की अहम भूमिका है। शहरी संस्थाओं को नई सोच, सशक्त मार्गदर्शन और जनप्रतिनिधियों के कुशल व्यवहार के साथ विकसित भारत के विजन-2047 को ध्यान में रखते हुए अपनी जिम्मेदारी निभानी होगी। उन्होंने कहा कि सभी को संकल्प लेना चाहिए कि मेरा निगम, मेरी परिषद और मेरी नगर पालिका तथा मेरा शहर दुनिया के सबसे स्वच्छ और सुंदर शहरों में से एक हो। 
लोकसभा अध्यक्ष वीरवार को मानेसर स्थित आईसीएटी-2 परिसर सभागार में स्वायत्त लोकतंत्र को मजबूत बनाने और राष्ट्र निर्माण में शहरी स्थानीय निकायों की भूमिका पर आयोजित पहले दो दिवसीय राष्ट्रीय सम्मेलन में देशभर से आए जनप्रतिनिधियों को संबोधित कर रहे थे। सम्मेलन के मुख्य अतिथि श्री ओम बिरला ने दीप प्रज्ज्वलित कर दो दिवसीय राष्ट्रीय सम्मेलन का औपचारिक उद्घाटन किया। 
इस अवसर पर मुख्यमंत्री श्री नायब सिंह सैनी, हरियाणा विधानसभा अध्यक्ष श्री हरविन्द्र कल्याण, उपाध्यक्ष डॉ. कृष्ण लाल मिड्डा, उद्योग एवं वाणिज्य मंत्री राव नरबीर सिंह, शहरी निकाय मंत्री विपुल गोयल तथा लोकसभा सचिवालय के महासचिव श्री उत्पल कुमार सिंह भी उपस्थित थे। लोकसभा अध्यक्ष ने कहा कि शहरी संस्थागत जनप्रतिनिधि यदि सकारात्मक सोच के साथ कदम उठाएं तो निश्चित रूप से शहरी क्षेत्र में नई ऊर्जा भर सकते हैं। 
उन्होंने कहा कि राष्ट्र की सबसे छोटी इकाई के रूप में कार्य कर रही शहरी संस्थाएं देश को नई दिशा देने में मजबूती से आगे बढ़ रही हैं। इन दो दिनों के दौरान राष्ट्रहित में शहरी संस्थाओं के प्रतिनिधि चर्चा, संवाद, नवाचार तथा अपने कुशल अनुभवों को साझा करके नए भारत, विकसित भारत के सपने को साकार करने में भाग लेंगे। उन्होंने कहा कि राष्ट्र निर्माण में शहरी संस्थाओं की अहम भूमिका है जहां जनप्रतिनिधि जमीनी स्तर पर लोगों की समस्याओं का समाधान करेंगे। 
उन्होंने कहा कि लोकसभा, विधानसभा के साथ-साथ शहरी एवं पंचायत संस्थाएं आम आदमी से जुड़ने का सशक्त माध्यम बनें। उन्होंने कहा कि स्थानीय स्वशासन लोकतंत्र का मजबूत स्तंभ है। लोकतंत्र को जड़ों तक पहुंचाने में शहरी संस्थाओं की भूमिका सबसे महत्वपूर्ण है।