राजपुरा में बनने वाले कनॉट एस्टेट को लेकर प्लेटिनम स्मार्ट बिल्डर्स के निदेशकों का बड़ा खुलासा

राजपुरा, 21/10/24: जमीन दूसरी कंपनी को ऊंचे दाम पर बेचने के लालच में आ गई थाना सिटी पुलिस; वहीं रजिस्ट्री करवाकर धोखाधड़ी करने के मामले में कंपनी के निदेशकों समेत 7 लोगों के खिलाफ धारा 406, 420, 120बी आईपीसी के तहत मामला दर्ज कर आगे की कार्रवाई शुरू कर दी है।

राजपुरा, 21/10/24: जमीन दूसरी कंपनी को ऊंचे दाम पर बेचने के लालच में आ गई थाना सिटी पुलिस; वहीं रजिस्ट्री करवाकर धोखाधड़ी करने के मामले में कंपनी के निदेशकों समेत 7 लोगों के खिलाफ धारा 406, 420, 120बी आईपीसी के तहत मामला दर्ज कर आगे की कार्रवाई शुरू कर दी है।
प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान शिकायतकर्ता नछत्तर सिंह, निवासी गांव सैदपुर, अंबाला शहर और जतिंदर सिंह नोनी, निवासी सन्नी एन्क्लेव जीरकपुर ने बयान दर्ज कराए; ये दोनों मैसर्स प्लैटिनम स्मार्ट बिल्डकॉन एलएलपी इंडस्ट्रियल एरिया फेज 1 चंडीगढ़ के संयुक्त भागीदार हैं; सतपाल बंसल डायरेक्टर श्री ओमजी इंफ्रास्ट्रक्चर एंड प्रोजेक्ट्स प्राइवेट लिमिटेड निवासी प्रशात विहार नई दिल्ली आदि ने अपनी कंपनी की 42.17 एकड़ भूमि क्षेत्र राजपुरा के सामने सिविल कोर्ट राजपुरा को बेचने के लिए बातचीत शुरू कर दी। जिस पर सतपाल बंसल डायरेक्टर नाहनपुर नखरोला जिला गुरूग्राम हरियाणा, कार्यालय नाहनपुर नखरोला जिला गुरूग्राम हरियाणा के साथ राकेश बत्ता व राम करसा सिंह की उपस्थिति में पर्सेस आर्य अथॉरिटीज मेसर्स ओमजी इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट प्राइवेट लिमिटेड दोनों की उपस्थिति में एक एग्रीमेंट तैयार किया गया। 
उनकी जमीन 98 करोड़ रुपये में. जिस पर उत्तान ने अन्य निदेशकों से हस्ताक्षर करवाने के लिए उनसे एग्रीमेंट ले लिया। लेकिन बाद में उन्होंने कहा कि समझौता ख़त्म हो गया है. इसके बाद वह दिल्ली गया और कंपनी के अन्य निदेशकों आनंद मिड्डा, निर्मल मिड्डा, सुरिंदर आर्य निवासी प्रशांत विहार नई दिल्ली, सतपाल बंसल, प्रवीण भसीन और पर्सेस आर्य को 1 करोड़ 50 लाख रुपये दे दिए। इसके अलावा राजपुरा में अलग-अलग तारीखों पर सतपाल बंसल और प्रसेस आर्य को 4 करोड़ 50 लाख रुपये के चेक दिए गए। लेकिन उन्होंने आयकर छापे का हवाला देकर चेक लौटा दिए और इन चेकों के बदले नकद राशि ले ली। समझौते के अनुसार, मेसर्स प्लैटिनम स्मार्ट बिल्डकॉन एलएलपी जमीन पर कब्जा करने वाले श्रमिक श्रमिकों को जमीन से हटा देगा और श्रमिकों को हटाने की लागत का भुगतान श्री ओमजी इंफ्रास्ट्रक्चर और पंपोश टाउन प्लानर्स प्राइवेट लिमिटेड द्वारा किया जाएगा। 
जसवंत कौर अध्यक्ष ढागा मिल्ली मजदूर यूनियन राजपुरा पंजाब के साथ हुए समझौते के मुताबिक मजदूरों को वहां से निकालने में 14 करोड़ 91 लाख रुपये खर्च हुए. जिसमें से विपक्षी ने 2 करोड़ 65 लाख रुपये वापस कर दिये लेकिन 12 करोड़ 26 लाख रुपये की रकम बकाया है. जिस पर उक्त कंपनी के निदेशकों ने उक्त भूमि के 25 प्रतिशत हिस्से की रजिस्ट्री अपनी फर्म को न कराकर पंपोज टाउन प्लानर्स प्राइवेट लिमिटेड कार्यालय नाहनपुर कासन, नखरोला हरियाणा के नाम करा दी। जिससे स्पष्ट है कि उक्त कंपनी ने लालच में आकर हमारे माध्यम से जमीन खाली कराकर ऐसा कार्य किया है। 
जिस पर थाना सिटी राजपुरा पुलिस ने मामले की जांच कर; कंपनी के निदेशक आनंद मिड्डा, निर्मल मिड्डा, सुरिंदर आर्य, सतपाल बंसल, प्रवीण भसीन और प्रसेस आर्य पंपोस टाउन ने कंपनी के निदेशक राजिंदर यादव के खिलाफ धोखाधड़ी समेत विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज कर लिया है और आगे की कार्रवाई शुरू कर दी है। शिकायतकर्ता नछत्तर सिंह और जतिंदर सिंह ने बताया कि उक्त फर्मों द्वारा टीडीआई सिटी नाम की कंपनी रजिस्टर्ड करवाकर और उनके द्वारा खाली की गई जमीन पर अरेरा नंबर जारी करवाकर प्लॉट बेचे जा रहे हैं। 
उन्होंने शहरवासियों से अपील की है कि जब तक उक्त स्थान का मामला हल नहीं हो जाता, तब तक किसी भी प्लाट का सौदा न करें। उनके पास अब तक उक्त कंपनी के साथ हुए सौदे व समझौते के दस्तावेज और जमा राशि के लिए जारी चेक समेत अन्य दस्तावेज मौजूद हैं।