शुतराणा के विधायक के भाई का "सर्वसम्मति से" सरपंच चुना जाना विवादों में घिर गया है

पटियाला, 2 अक्टूबर - पटियाला जिले के शूतराणा हलके से विधायक कुलवंत सिंह बाजीगर का गांव करीमनगर चिचड़वाल में अपने भाई जगीर सिंह की "सरबसमिति" से सरपंच चुना जाना विवादों में घिर गया है। और मामला पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट तक पहुंच गया है. आज यहां पटियाला मीडिया क्लब में एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए गांव करीमनगर चिचड़वाल निवासी गुरचरण राम ने कहा कि वह चाहते हैं कि गांव में सरपंच और पंच पद के लिए चुनाव पारदर्शी तरीके से हो।

पटियाला, 2 अक्टूबर - पटियाला जिले के शूतराणा हलके से विधायक कुलवंत सिंह बाजीगर का गांव करीमनगर चिचड़वाल में अपने भाई जगीर सिंह की "सरबसमिति" से सरपंच चुना जाना विवादों में घिर गया है। और मामला पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट तक पहुंच गया है. आज यहां पटियाला मीडिया क्लब में एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए गांव करीमनगर चिचड़वाल  निवासी गुरचरण राम ने कहा कि वह चाहते हैं कि गांव में सरपंच और पंच पद के लिए चुनाव पारदर्शी तरीके से हो। उन्होंने आरोप लगाया कि शुतराणा हलके के विधायक कुलवंत सिंह बाजीगर द्वारा सरेआम धक्केशाही की जा रही है। उन्होंने कहा कि उनके गांव के कई प्रमुख लोग एनओसी लेने के लिए बीडीपीओ कार्यालय पहुंचे थे, लेकिन विधायक के आदेश पर कार्यालय पर ताला लगा दिया गया. उस मौके का वीडियो भी दिखाया गया जिसमें ऑफिस पर ताला लगा हुआ था और लोग ऑफिस के बाहर खड़े नजर आ रहे थे.
गुरुचरण राम ने कहा कि विधायक ने अपने घर पर सिर्फ अपने करीबी लोगों को ही बुलाया था और चार आदमियों ने मिलकर पहले से ऑर्डर किया हुआ हार जागीर सिंह के गले में डाल दिया और पहले से ऑर्डर किये गये लड्डुओं को बांटने के बाद उन्होंने घोषणा की कि चुनाव सर्वसम्मति से हुआ है.
उन्होंने कहा कि अगर विधायक सर्वसम्मति चाहते थे तो उन्हें गांव के गुरुद्वारा साहिब या किसी आम जगह पर बैठक बुलानी चाहिए थी और पूरे गांव को भी बुलाना चाहिए था. उन्होंने कहा कि वह खुद सरपंच पद का चुनाव लड़ने में इच्छुक नहीं हैं, लेकिन चाहते हैं कि दबंगई के बजाय पारदर्शिता के साथ चुनाव हो.
उन्होंने कहा कि इस मामले में उन्होंने पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट में याचिका दायर की है, जिस पर कल 3 अक्टूबर को हाई कोर्ट में सुनवाई होनी है.
उन्होंने गांव के स्कूल के पास भरे गंदे पानी का वीडियो दिखाते हुए कहा कि कुलवंत सिंह पहले बतौर सरपंच गांव के लिए काम नहीं कर सके. और अब विधायक रहते हुए भी वह गांव में कोई विकास कार्य नहीं करा सके और गांव में साफ-सफाई के भी बुरे हालात हैं.

विधायक का पक्ष:
इस मामले में संपर्क करने पर विधायक कुलवंत सिंह बाजीगर ने कहा कि ग्रामीणों ने सर्वसम्मति से जागीर सिंह को सरपंच चुना है. उन्होंने कहा कि वे खुद कह रहे थे कि मैं खुद सरपंच रहा हूं और अब विधायक हूं, लेकिन गांव वालों ने कहा कि अनुदान आपके माध्यम से खर्च करना पड़ता है, इसलिए सर्वसम्मति से आपके परिवार को ही सरपंची देनी है. उन्होंने कहा कि जिस व्यक्ति ने प्रेस कॉन्फ्रेंस की थी, उसके खिलाफ जालसाजी और अन्य गंभीर अपराधों सहित 7 आपराधिक मामले दर्ज हैं। इसका एकमात्र उद्देश्य गनमैन पाना है।