सरकारी स्कूल लेक्चरर यूनियन पंजाब

पंजाब सरकार के शिक्षा विभाग ने 2018 में स्कूल और निरीक्षण कैडर ग्रुप ए के नियमों में संशोधन करते हुए प्रिंसिपल पद के लिए मास्टर डिग्री, बी.एड., प्रोफेशनल डिग्री और लगभग 20 से 25 साल के शिक्षण और प्रशासनिक अनुभव की योग्यता को हटा दिया था और पदोन्नति कोटा 75:25 से घटाकर 50:50 कर दिया था।

पंजाब सरकार के शिक्षा विभाग ने 2018 में स्कूल और निरीक्षण कैडर ग्रुप ए के नियमों में संशोधन करते हुए प्रिंसिपल पद के लिए मास्टर डिग्री, बी.एड., प्रोफेशनल डिग्री और लगभग 20 से 25 साल के शिक्षण और प्रशासनिक अनुभव की योग्यता को हटा दिया था और पदोन्नति कोटा 75:25 से घटाकर 50:50 कर दिया था।
 ऐसा करते समय एनसीटीई नियमों की अनदेखी करते हुए कार्मिक विभाग द्वारा उठाई गई आपत्तियों को नजरअंदाज करते हुए बीएड की शर्त को हटा दिया गया तथा 2004 के नियमों के तहत 10 व 7 वर्ष के अनुभव की शर्त को 2020 तक घटाकर मात्र 3 वर्ष कर दिया गया|
 जोकि पंजाब के सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले लाखों विद्यार्थियों के साथ सरासर अन्याय था, जिसका सरकारी स्कूल लेक्चरर यूनियन पंजाब द्वारा लगातार विरोध किया गया तथा इस निर्णय/नियमों में संशोधन किया गया। माननीय पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय में सरकार के तर्कहीन 2018 नियमों को चुनौती दी गई थी, जिसका मामला माननीय न्यायालय में सुनवाई के अधीन है।
सरकारी स्कूल लेक्चरर यूनियन पंजाब और सरकारी लेक्चरर प्रमोशन फ्रंट पंजाब द्वारा कल राज्य अध्यक्ष श्री संजीव कुमार की अध्यक्षता में सचिव स्कूल शिक्षा श्रीमती आनंदिता मित्रा के साथ स्कूल और इंस्पेक्शन कैडर ग्रुप ए और स्कूल शिक्षा विभाग के नियमों से संबंधित विभिन्न मुद्दों के संबंध में एक महत्वपूर्ण बैठक हुई।
 इस मीटिंग संबंधी जानकारी देते हुए श्री संजीव कुमार ने बताया कि यह मीटिंग खुशी के माहौल में हुई और इसमें माननीय सचिव स्कूल शिक्षा ने विभिन्न मुद्दों को सुना और अपने व सरकार स्तर पर समस्याओं के समाधान का आश्वासन दिया। बैठक में 2018 के नियमों में संशोधन, फीडर कैडर से प्रिंसिपल पद पर पदोन्नति, लेक्चरर कैडर की वरिष्ठता सूची, पूर्व में जिन स्कूलों में नई स्ट्रीम दी गई थी| 
वहां रिक्त पदों की स्वीकृति, रिवर्सन जोन में आए लेक्चरर की एसीपी की बहाली, स्थानांतरण व लंबे समय से कार्यरत कर्मचारियों की प्रक्रिया में प्राथमिकता, ग्यारहवीं व बारहवीं कक्षा के पाठ्यक्रम का नवीनीकरण, किसी भी कर्मचारी के खिलाफ कार्रवाई करने से पहले कर्मचारी का पक्ष जानना, स्कूलों में चार पदों को भरना, जिला शिक्षा प्रशिक्षण संस्थानों की समस्याएं, स्कूलों में पुरानी हो चुकी कंप्यूटर लैब, एसओई स्कूलों के दाखिले व प्रवेश परीक्षाओं से संबंधित मुद्दे आदि पर चर्चा की गई।
राज्य महासचिव स. रविंदरपाल सिंह ने बताया कि इस बैठक में यूनियन ने पाठ्यक्रम और परीक्षा के दौरान प्रश्न-पत्रों की रूपरेखा के बारे में सुझाव दिए, जिस पर शिक्षा सचिव ने सकारात्मक प्रतिक्रिया दी। राज्य प्रेस सचिव रणबीर सिंह सोहल ने बताया कि माननीय सचिव स्कूल शिक्षा ने स्कूली पाठ्यक्रम में सुधार के लिए विषय विशेषज्ञों की एक समिति बनाने की बात कही। 
वहीं, जब उनसे परीक्षा केंद्रों में स्वकेंद्र स्थापित करने का अनुरोध किया गया तो उन्होंने छात्रों की समस्या बताते हुए स्वकेंद्र का समर्थन किया और छात्रों की सुरक्षा को महत्वपूर्ण बताया। इस अवसर पर श्री सुखबीर इंदर सिंह, श्री हरविंदर सिंह फतेहगढ़ साहिब तथा संगठन के अन्य नेता भी उपस्थित थे।