पेक में ड्रोनवर्स 2.0 की हुई सफल शुरुआत

चंडीगढ़, 07 मार्च 2025:पंजाब इंजीनियरिंग कॉलेज (डीम्ड टू बी यूनिवर्सिटी), चंडीगढ़ के एयरोस्पेस इंजीनियरिंग विभाग ने 7 से 8 मार्च 2025 तक एयरोनॉटिकल सोसाइटी ऑफ इंडिया (चंडीगढ़ शाखा) के सहयोग से राष्ट्रीय संगोष्ठी और ड्रोन फ्लाइंग कॉम्पिटिशन – “ड्रोनवर्स 2.0” का आयोजन किया। यह कार्यक्रम उन्नत ज्ञान के आदान-प्रदान और अत्याधुनिक तकनीक के प्रदर्शन का एक बेहतरीन संगम था।

चंडीगढ़, 07 मार्च 2025:पंजाब इंजीनियरिंग कॉलेज (डीम्ड टू बी यूनिवर्सिटी), चंडीगढ़ के एयरोस्पेस इंजीनियरिंग विभाग ने 7 से 8 मार्च 2025 तक एयरोनॉटिकल सोसाइटी ऑफ इंडिया (चंडीगढ़ शाखा) के सहयोग से राष्ट्रीय संगोष्ठी और ड्रोन फ्लाइंग कॉम्पिटिशन – “ड्रोनवर्स 2.0” का आयोजन किया। यह कार्यक्रम उन्नत ज्ञान के आदान-प्रदान और अत्याधुनिक तकनीक के प्रदर्शन का एक बेहतरीन संगम था।
उद्घाटन समारोह में आईआईटी बॉम्बे के प्रो. आर.एस. पंत मुख्य अतिथि और मुख्य वक्ता के रूप में शामिल हुए। उनके साथ श्री ओरबिंदो हांडा (पूर्व महानिदेशक, एएआईबी) और डॉ. शशि पोद्दार (प्रिंसिपल साइंटिस्ट, सीएसआईआर-सीएसआईओ) भी प्रमुख वक्ता के रूप में उपस्थित रहे। इस अवसर पर पीईसी के माननीय निदेशक प्रो. राजेश कुमार भाटिया (एड-इंटरिम), प्रो. राकेश कुमार (हेड, एयरोस्पेस इंजीनियरिंग विभाग एवं कोऑर्डिनेटर), पीकोसा अध्यक्ष इंजीनियर मनीष गुप्ता, डॉ. पूनम सैनी (कोऑर्डिनेटर) और श्री विवेक कलोत्रा (कोऑर्डिनेटर, मानद सचिव एवं क्षेत्रीय निदेशक, आरसीएमए, चंडीगढ़) भी उपस्थित थे। इस आयोजन को श्री प्रसून सुमेश्वर यादव (एयरोस्पेस एलुमनाई, बैच 1989) पिकोसा द्वारा, एयरोनॉटिकल सोसाइटी ऑफ इंडिया (एइएसआई) और सोफ्लाई इनोवेशन के सहयोग से प्रायोजित किया गया। कार्यक्रम की शुरुआत दीप प्रज्वलन और अतिथियों के स्वागत के साथ हुई।
प्रो. राकेश कुमार ने सभी प्रतिभागियों और गणमान्य अतिथियों का स्वागत करते हुए ड्रोन टेक्नोलॉजी के महत्व को रेखांकित किया। उन्होंने कहा कि ड्रोन हमारे जीवन का अहम हिस्सा बनते जा रहे हैं और जल्द ही लगभग हर उद्योग को प्रभावित करेंगे। उन्होंने यह भी कहा कि आने वाले वर्षों में ड्रोन तकनीक मानव जीवन में सकारात्मक परिवर्तन लाने वाली है। डॉ. पूनम सैनी ने ड्रोन टेक्नोलॉजी और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के संयोजन पर चर्चा की। उन्होंने इसके वास्तविक अनुप्रयोगों, चुनौतियों और एक उत्तरदायी यूएवी इकोसिस्टम विकसित करने की आवश्यकता पर जोर दिया।
पीईसी के निदेशक, प्रो. राजेश कुमार भाटिया ने कहा कि आज ड्रोन स्वास्थ्य से लेकर रक्षा तक हर क्षेत्र में अपनी छाप छोड़ रहे हैं। उन्होंने ड्रोनवर्स 2.0 को विशेषज्ञों के लिए एक महत्वपूर्ण मंच बताया, जहां वे अपने विचार साझा कर सकते हैं और व्यावहारिक अनुभव प्राप्त कर सकते हैं।
मुख्य अतिथि प्रो. आर.एस. पंत ने पेक में अपने छात्र जीवन की यादें साझा कीं और बताया कि वे डॉ. कल्पना चावला के एक वर्ष जूनियर थे। उन्होंने यूएवी (अनमैन्ड एरियल व्हीकल) और ड्रोन टेक्नोलॉजी की बारीकियों पर गहराई से चर्चा की और तकनीकी विशेषज्ञता, सैद्धांतिक ज्ञान और व्यावहारिक अनुभव के संतुलन पर जोर दिया। छात्रों को प्रेरित करते हुए उन्होंने कहा, "खुलकर प्रयोग करें, ड्रोन उड़ाएं—अगर असफल भी होते हैं तो कोई बात नहीं, लेकिन सीखना कभी मत छोड़ें!"
इस अवसर पर एयरोनॉटिकल सोसाइटी ऑफ इंडिया (एइएसआई) के स्टूडेंट चैप्टर का उद्घाटन किया गया, जिससे छात्रों को एयरोस्पेस क्षेत्र में नई संभावनाओं का अन्वेषण करने का अवसर मिलेगा। इस आयोजन में कलासलिंगम अकादमी ऑफ रिसर्च एंड एजुकेशन (तमिलनाडु), उत्तरांचल यूनिवर्सिटी, यूपीइएस, उत्तराखंड यूनिवर्सिटी (देहरादून), चंडीगढ़ यूनिवर्सिटी और पीईसी के छात्रों ने उत्साहपूर्वक भाग लिया। अंत में, श्री दीपक लेखी ने सभी प्रतिभागियों और आयोजकों का आभार व्यक्त किया। यह दो दिवसीय आयोजन ड्रोन उड़ान प्रतियोगिता और पोस्टर प्रेजेंटेशन जैसी गतिविधियों से भरपूर रहेगा, जहां छात्र यूएवी टेक्नोलॉजी में अपनी तकनीकी विशेषज्ञता और नवाचार का प्रदर्शन कर सकेंगे।