
सिविल और पुलिस प्रशासन के अधिकारियों की कड़ी मेहनत से सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने वाले जिले का पुरस्कार मिला
नवांशहर - फरवरी 2021 बच्चों में नशीली दवाओं के दुरुपयोग को रोकने के लिए राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग नई दिल्ली और नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो द्वारा संयुक्त रूप से संयुक्त कार्य योजना "एक युद्ध नशा के विरूद्ध" तैयार की गई थी।
नवांशहर - फरवरी 2021 बच्चों में नशीली दवाओं के दुरुपयोग को रोकने के लिए राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग नई दिल्ली और नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो द्वारा संयुक्त रूप से संयुक्त कार्य योजना "एक युद्ध नशा के विरूद्ध" तैयार की गई थी।
जिसमें बच्चों में नशीली दवाओं के दुरुपयोग की रोकथाम के लिए जिला शहीद भगत सिंह नगर (नवांशहर) को सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने वाले जिले का पुरस्कार मिलने पर डिप्टी कमिश्नर ने सिविल और पुलिस अधिकारियों की सराहना की। इस बीच जिला प्रशासनिक कांप्लेक्स में आयोजित एक सादे समारोह के दौरान डिप्टी कमिश्नर नवजोत पाल सिंह रंधावा को नागरिक और पुलिस प्रशासन के अधिकारियों की कड़ी मेहनत के कारण यह पुरस्कार मिला है। एसएसपी डॉ. महताब सिंह भी मौजूद रहे।
डिप्टी कमिश्नर नवजोत पाल सिंह रंधावा ने बताया कि 30 जून को विज्ञान भवन, नई दिल्ली में आयोजित कार्यक्रम के दौरान राज्य के गृह मंत्री श्री नित्यानंद राय जी और राष्ट्रीय बाल अधिकार आयोग, नई दिल्ली के चेयरपर्सन श्री प्रियांक कानूनगो, एसडीएम नवांशहर अक्षिता गुप्ता, सहायक आयुक्त जनरल गुरलीन कौर और जिला बाल संरक्षण अधिकारी कंचन अरोड़ा को जिला नवांशहर के लिए सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन पुरस्कार से सम्मानित किया गया।
उन्होंने प्रसन्नता व्यक्त करते हुए कहा कि उक्त संयुक्त कार्य योजना विगत तीन वर्षों से जिले में क्रियान्वित की जा रही है। और इस कार्य योजना को क्रियान्वित करने में शिक्षा विभाग, स्वास्थ्य विभाग, बाल संरक्षण विभाग, उत्पाद शुल्क विभाग, बाल कल्याण समिति, जिला औषधि नियंत्रण प्राधिकरण के साथ-साथ पुलिस विभाग ने भी योगदान दिया है. और जिला शहीद भगत सिंह नगर में बच्चों में नशीली दवाओं के दुरुपयोग को रोकने के लिए अधिक से अधिक गतिविधियां तैयार की गई हैं। जिसके चलते नवांशहर जिले को सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने वाला जिला घोषित किया गया है। उन्होंने कहा कि जिला मजिस्ट्रेट ने सीआरपीसी की धारा 133 के तहत जिले के सभी मेडिकल/फार्मेसी दुकानों को आदेश दिया है कि वे 18 वर्ष से कम उम्र के बच्चों को अनुसूची XH और H1 के तहत दवाएं न बेचें और सभी मेडिकल/सीसीटीवी कैमरे फार्मेसी दुकानों में लगाए जाएं। जिसके चलते जिले में करीब 195 दुकानों में सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं और 498 से ज्यादा दुकानों का निरीक्षण किया गया है.
शिक्षा विभाग ने माध्यमिक विद्यालयों में 106 रोकथाम क्लब बनाए हैं जो बच्चों को नशे से दूर रखने के लिए विभिन्न गतिविधियाँ (जैसे पेंटिंग प्रतियोगिता, गीत प्रतियोगिता, भाषण प्रतियोगिता और रैलियाँ) आयोजित करते हैं। पिछले दो वर्षों के दौरान स्कूलों में 2544 गतिविधियाँ आयोजित की गई हैं पुलिस विभाग द्वारा नशा विरोधी क्लब और लगभग 32 प्रशिक्षण कार्यक्रम संचालित किये गये हैं। उपरोक्त कार्य योजना को क्रियान्वित करते हुए बच्चों की सुरक्षा सुनिश्चित करने तथा बच्चों को नशे से दूर रखने के लिए जिला बाल संरक्षण विभाग द्वारा पिछले दो वर्षों में 183 जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किये गये हैं। वहीं गांव व ब्लॉक स्तर पर गठित बाल संरक्षण समितियों को भी बच्चों में नशाखोरी रोकने के लिए नुक्कड़ नाटक दिए गए हैं। इसके साथ ही जिला सामाजिक सुरक्षा कार्यालय द्वारा 150 जागरूकता शिविरों का आयोजन किया गया है ताकि अधिक से अधिक जनता को इसके प्रति जागरूक किया जा सके। जिले के अंतर्गत सभी सरकारी स्कूलों के 100 मीटर के दायरे में नशीली दवाओं या शराब की बिक्री नहीं होती है।
उधर, एसएसपी डॉ. महताब सिंह ने कहा कि नशे पर अंकुश लगाने के लिए पुलिस विभाग सख्ती से काम कर रहा है। करीब 70 एनडीपी एस एक्ट के तहत पर्चा काटकर कार्रवाई की गई। नशा बेचने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जा रही है, क्रिकेट मैच और साइकिल रैलियों के जरिए युवाओं को नशे से दूर रहने के लिए प्रेरित किया जा रहा है. समय-समय पर स्कूलों व कॉलेजों में नाटक व अन्य कार्यक्रम आयोजित कर युवाओं को नशे के दुष्परिणामों के बारे में जागरूक किया जाता रहा है। उन्होंने कहा कि विभाग द्वारा लगभग 193 सेमिनार भी युवाओं को नशे से दूर रख सकते हैं।
