किताबें मनुष्य की सच्ची मित्र होती हैं

पुस्तकें प्राचीन काल से ही जीवन का मार्गदर्शन करने का साधन रही हैं अच्छी पुस्तकों की प्रेरणा से विश्व के अनेक महापुरुषों के जीवन में आश्चर्यजनक परिवर्तन आये हैं महान पुस्तकें महान लेखकों के जीवन का सार होती हैं किताबें हमें मानसिक रूप से स्वस्थ और मजबूत बनाती हैं

आज भी जब मैं अपने विद्यार्थी जीवन को याद करता हूँ तो हमारे अध्यापक का यह कथन कि "किताबें मनुष्य की सच्ची मित्र होती हैं" आज अधिक प्रासंगिक लगती है। पुस्तकें प्राचीन काल से ही जीवन का मार्गदर्शन करने का साधन रही हैं अच्छी पुस्तकों की प्रेरणा से विश्व के अनेक महापुरुषों के जीवन में आश्चर्यजनक परिवर्तन आये हैं महान पुस्तकें महान लेखकों के जीवन का सार होती हैं किताबें हमें मानसिक रूप से स्वस्थ और मजबूत बनाती हैं
वर्तमान युग को हम प्रौद्योगिकी पर केन्द्रित युग कह सकते हैं प्रौद्योगिकी हमारे दैनिक जीवन में प्रमुख है समय की बचत और परफेक्शन के लिए तकनीकी उपकरण समय की बुनियादी जरूरत बन गए हैं आज हमारे पास हर क्षेत्र और हर विषय की गहन जानकारी प्राप्त करने के लिए इंटरनेट की सुविधा है आज की युवा पीढ़ी किताबों से दूर होती जा रही है लाइब्रेरी में बैठे छात्र के हाथ में किताब कम ही देखने को मिलती है लेकिन हर बच्चा मोबाइल फोन या लैपटॉप में व्यस्त नजर आता है
आज की पीढ़ी के लिए फेसबुक, व्हाट्सएप, इंस्टाग्राम आदि सोशल साइट्स एक जरूरत या कहें कमजोरी बन गई हैं
एक समय था जब कॉलेजों, विश्वविद्यालयों और शहरों के पुस्तकालयों में चोखी चहल को प्राथमिकता दी जाती थी। सुबह लाइब्रेरी खुलते ही छात्र अखबार पढ़ने में व्यस्त हो गये हर घर में कुछ किताबें अच्छी तरह से संरक्षित रखी जाती थीं पुस्तकें ज्ञान का भण्डार होती हैं किताबें हमारी शब्दावली को समृद्ध करती हैं हम किताब में जो पढ़ते हैं वह जीवन भर याद रहता है समृद्ध एवं रचनात्मक साहित्य नये लेखकों के लिए मार्गदर्शक बनता है किताबें याददाश्त के लिए टॉनिक का काम करती हैं
आज के तकनीकी-समृद्ध विज्ञान युग में भी किताबों का महत्व कम नहीं हुआ है अब समय आ गया है कि हम अपने बच्चों को अच्छा साहित्य और ज्ञानवर्धक पुस्तकें पढ़ने के लिए प्रोत्साहित करें हमारा पैसा और संपत्ति हमसे छीनी जा सकती है, लेकिन किताबों से प्राप्त ज्ञान जीवन भर हमारा साथ देता है

- देविंदर कुमार