
नया साल और सरकार के कसमे-वादे
2025 का सूरज नई उम्मीदों के साथ उगा है। हर तरफ नए साल के संकल्पों की चर्चा है—कोई अपने स्वास्थ्य को बेहतर बनाने की बात कर रहा है, तो कोई खर्चों पर लगाम लगाने की। लेकिन क्या हमारी सरकार ने भी कभी इस तरह से कोई संकल्प लिया है? अगर लिया होता, तो शायद आज हम इन मुद्दों पर चर्चा न कर रहे होते। फिर भी, नया साल है और उम्मीदें कायम हैं। तो चलिए, कुछ संकल्प सरकार के लिए भी सुझा देते हैं।
2025 का सूरज नई उम्मीदों के साथ उगा है। हर तरफ नए साल के संकल्पों की चर्चा है—कोई अपने स्वास्थ्य को बेहतर बनाने की बात कर रहा है, तो कोई खर्चों पर लगाम लगाने की। लेकिन क्या हमारी सरकार ने भी कभी इस तरह से कोई संकल्प लिया है? अगर लिया होता, तो शायद आज हम इन मुद्दों पर चर्चा न कर रहे होते। फिर भी, नया साल है और उम्मीदें कायम हैं। तो चलिए, कुछ संकल्प सरकार के लिए भी सुझा देते हैं।
1. ‘मेक इन इंडिया’—सपने से हकीकत तक
‘मेक इन इंडिया’ का शोर पिछले कई सालों से सुनाई दे रहा है। लेकिन हकीकत में, हमारे मोबाइल से लेकर स्कूटर तक, हर चीज़ में ‘मेड इन चाइना’ की छाप दिखाई देती है। आत्मनिर्भरता का नारा तभी सार्थक होगा, जब हमारे उत्पाद दुनिया के बाजारों में मजबूती से जगह बना पाएंगे। इस साल सरकार को सिर्फ नारेबाजी से नहीं, बल्कि ठोस नीतियों से इस सपने को साकार करना होगा।
2. हवा—सांस लेने लायक बनाएं
दिल्ली की सर्दी हर साल जहरीले धुएं और धुंध (स्मॉग) की चादर ओढ़ लेती है। हर कोई मास्क पहनकर नए साल का स्वागत करता है, जैसे यह मास्क उनकी रोज़मर्रा की जिंदगी का हिस्सा बन गया हो। किसान, पटाखे और पड़ोसी राज्यों पर आरोप लगाने से बेहतर होगा कि सरकार प्रदूषण को रोकने के लिए ठोस कदम उठाए। स्वच्छ हवा हर भारतीय का अधिकार है।
3. सरकारी कामकाज को सरल बनाएं
हम सब जानते हैं कि सरकारी कामों में कितनी उलझन होती है। एक फॉर्म भरने में दिन और उसे समझने में हफ्ता लग जाता है। सरकार को इस साल प्रण लेना चाहिए कि प्रक्रियाओं को इतना सरल बनाया जाए कि लोग बिना किसी दिक्कत के अपने काम पूरे कर सकें। और हां, यही सुधार संसद में भी लागू हो। कम शोरगुल और ज्यादा काम—यही असली विकास है।
4. डेटा की सुरक्षा—हर नागरिक का हक
आजकल हर मोबाइल ऐप हमारी जानकारी इकट्ठा कर रही है—नाम, पता, फोन नंबर और शायद खून का ग्रुप भी! लेकिन डेटा सुरक्षा पर कोई गंभीरता नहीं दिखती। क्या 2025 वह साल होगा जब भारतीय नागरिकों की निजी जानकारी उनकी अपनी रहेगी, न कि बड़ी टेक कंपनियों के हाथों बिकेगी?
5. लोकल ट्रेन—साधारण लोगों की बुलेट ट्रेन
बुलेट ट्रेन का सपना सालों से दिखाया जा रहा है। लेकिन आम आदमी के लिए लोकल ट्रेन की हालत सुधार दी जाए तो वही बुलेट ट्रेन से कम नहीं होगा। इस साल सरकार को जमीन से जुड़े मुद्दों पर ध्यान देना चाहिए, क्योंकि यही असली विकास का पैमाना है।
6. बजट—मिडिल क्लास की उम्मीदें
हर साल बजट आता है, और कॉर्पोरेट घराने खुशी से झूमते हैं। लेकिन आम आदमी की जेब खाली की खाली रहती है। इस बार उम्मीद है कि ऐसा बजट आए जो मिडिल क्लास और गरीब वर्ग के लिए राहत लेकर आए। प्याज, पेट्रोल और गैस की कीमतें कम हों, और रोजगार के मौके बढ़ें—यही हमारी जरूरतें हैं।
नए साल की उम्मीदें और वर्तमान उपलब्धियां
यह कहना भी जरूरी है कि बीते कुछ सालों में कुछ क्षेत्रों में सरकार ने बेहतरीन काम किया है। केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी जी के नेतृत्व में देश की सड़कों और बुनियादी ढांचे में जो सुधार हुए हैं, वे काबिल-ए-तारीफ हैं। हाईवे पर सफर आज न केवल आसान हुआ है, बल्कि समय की बचत भी हो रही है।
साथ ही, विदेश नीति के मोर्चे पर डॉ. एस. जयशंकर की सूझबूझ और रणनीतिक नेतृत्व ने भारत को एक नई पहचान दी है। चाहे रूस-यूक्रेन संघर्ष के दौरान भारतीय छात्रों को सुरक्षित वापस लाने की बात हो, जी20 की सफलता हो, या क्वाड जैसे अंतरराष्ट्रीय मंचों पर भारत की मजबूत भागीदारी—ये सभी उपलब्धियां दिखाती हैं कि भारत अब विश्व मंच पर मजबूती से खड़ा है। भारत की विदेश नीति अब न केवल स्वाभिमान का प्रतीक है, बल्कि इसका उद्देश्य हर भारतीय के हितों की रक्षा करना भी है।
2025 का साल हमारे लिए नई उपलब्धियों और बेहतर जीवनशैली का प्रतीक बने। हम सब मिलकर इसे सफल बनाएंगे। और अगर कुछ कमियां रह भी जाएं, तो भारतीयों की सबसे बड़ी ताकत—हमारी क्रिकेट, हमारे मीम्स और हमारी जिंदादिली—हमेशा साथ रहेगी।
नए साल की ढेरों शुभकामनाएं!
