
पंजाब सचिवालय साहित्य सभा द्वारा अजमेर सागर की स्मृति में कवि दरबार का आयोजन
चंडीगढ़, 19 अक्टूबर - पंजाब सचिवालय साहित्य सभा (रजि.) चंडीगढ़ में सभा के पूर्व प्रधान मलकीत सिंह औजला की अध्यक्षता में एवं ग़ज़लगो स्व. अजमेर सागर की स्मृति में पंजाब कला भवन, चंडीगढ़ में कवि दरबार का आयोजन किया गया, जिसमें तीस से अधिक कवियों ने रचनाएँ प्रस्तुत कीं। इस मौके पर अजमेर सागर परिवार का सम्मान किया गया।
चंडीगढ़, 19 अक्टूबर - पंजाब सचिवालय साहित्य सभा (रजि.) चंडीगढ़ में सभा के पूर्व प्रधान मलकीत सिंह औजला की अध्यक्षता में एवं ग़ज़लगो स्व. अजमेर सागर की स्मृति में पंजाब कला भवन, चंडीगढ़ में कवि दरबार का आयोजन किया गया, जिसमें तीस से अधिक कवियों ने रचनाएँ प्रस्तुत कीं। इस मौके पर अजमेर सागर परिवार का सम्मान किया गया।
इस कवि दरबार में आदि कवि महर्षि बाल्मीक जी की भी पूजा की जाती थी। कार्यक्रम में डॉक्टर सुखजिंदर सिंह योगी ने विशेष अतिथि के तौर पर शिरकत की. डॉ दविंदर सिंह बोहा, जिला भाषा अधिकारी (सेवानिवृत्त), श्री भगत राम रंगारा, अध्यक्ष कवि मंच (रजि:) मोहाली और लेखक और कवि राज कुमार सहोवालिया, उप सचिव (सेवानिवृत्त) अध्यक्षता पैनल में शामिल हुए। मॉडरेटर की भूमिका सभा के प्रधान मलकीत सिंह औजला ने निभाई।
कार्यक्रम की शुरूआत में पंजाब सिविल सचिवालय के लेखकों ने अपनी रचनाएं प्रस्तुत कीं, जिसकी शुरुआत सभा के वित्त सचिव, निजी सचिव बलजिंदरपाल सिंह बल्ली द्वारा धार्मिक गीत गाकर की गई। सभा के महासचिव भूपिंदर सिंह झाज, सुपरिंटेंडेंट ग्रेड-1, हरप्रीत सिंह बलगन, स्टेनोग्राफर, जतिंदर कौर बिंद्रा, जरनैल होशियारपुरी, कवि सुरजीत सुमन, कहानीकार गुरमीत सिंगल, जसबीर सिंह और जॉन पॉल ने कविताएं प्रस्तुत कीं।
इसके साथ ही हरदेव सिंह, शुदेश कुमारी, सुखचरण सिंह साहोके अंडर सेक्रेटरी (रिटा.), गगन झाज दुराली, जसप्रीत रंधावा पूर्व प्रधान ने भी ये विचार पेश किए। डॉ। पन्ना लाल मुस्तफाबादी, प्रसिद्ध गीतकार भूपिंदर मटौर वाला, प्रिंसिपल बहादुर सिंह घोषाल, महिंदर सिंह घोषाल, गुरबख्श कौर, प्यारा सिंह राही, गज्जन सिंह, पाल अजनबी, अली राजपुरा ने अपनी रचनाएँ प्रस्तुत कीं।
भगत राम रंगारा ने सचिवालय साहित्य सभा के प्रयासों की सराहना करते हुए अपनी रचना प्रस्तुत की। डॉ। दविंदर सिंह बोहा ने साहित्य के रस बांटे। राज कुमार साहोवालिया ने महर्षि बाल्मीक के प्रकाश उत्सव पर श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए अपनी कविता सुनाई। कार्यक्रम के अंत में सहात सभा के अध्यक्ष मलकीत सिंह औजला ने चंडीगढ़ बसाने के दौरान नष्ट हुए 28 गांवों के नाम क्रमबद्ध कर लिखा अपना गीत वंड वेल्हे दो टुकड़े किरया सुनाया।
इस मौके पर कृपाल सिंह सागर, मनप्रीत सिंह सागर, गुरुमीत सिंह, विरिंदर चट्ठा, करनैल सिंह सब्दलपुरी, भूपिंदर सिंह मलिक, हरजिंदर सिंह गोबिंदगढ़, करण कैलों, महेंद्र सिंह, रघबीर भुल्लर, अमरीक सिंह, राजिंदर कौर, अरविंद भाटिया समेत अन्य मौजूद थे। , अमरीक सिंह सेठी, डाॅ. एक। के. शर्मा सहित बड़ी संख्या में श्रोता उपस्थित हुए।
