घायलों को बचाना, भारतीय परंपराएं

पटियाला- पटियाला स्थित सिख धर्म एवं संस्कृति अकादमी में चल रहे गुरमत प्रशिक्षण शिविर के दौरान रेड क्रॉस के सेवानिवृत्त प्रशिक्षण पर्यवेक्षक श्री काका राम वर्मा ने स्कूल-कॉलेजों के विद्यार्थियों, अध्यापकों, बुद्धिजीवियों और अभिभावकों को प्राथमिक उपचार, घर की सुरक्षा, भोजन, पानी, हवा, स्वास्थ्य, मानवता के प्रति प्रेम और पीड़ितों की मदद करने के बारे में जानकारी देते हुए कहा कि दुनिया में सबसे ज्यादा मौतें, अपंगताएं और मानवता का विनाश युद्धों और आपदाओं के दौरान होता है, क्योंकि अप्रत्याशित घटनाओं के दौरान सैनिकों, डॉक्टरों और नर्सों के अलावा लोगों को खुद को और पीड़ितों को बचाने के लिए प्रशिक्षित नहीं किया जाता है।

पटियाला- पटियाला स्थित सिख धर्म एवं संस्कृति अकादमी में चल रहे गुरमत प्रशिक्षण शिविर के दौरान रेड क्रॉस के सेवानिवृत्त प्रशिक्षण पर्यवेक्षक श्री काका राम वर्मा ने स्कूल-कॉलेजों के विद्यार्थियों, अध्यापकों, बुद्धिजीवियों और अभिभावकों को प्राथमिक उपचार, घर की सुरक्षा, भोजन, पानी, हवा, स्वास्थ्य, मानवता के प्रति प्रेम और पीड़ितों की मदद करने के बारे में जानकारी देते हुए कहा कि दुनिया में सबसे ज्यादा मौतें, अपंगताएं और मानवता का विनाश युद्धों और आपदाओं के दौरान होता है, क्योंकि अप्रत्याशित घटनाओं के दौरान सैनिकों, डॉक्टरों और नर्सों के अलावा लोगों को खुद को और पीड़ितों को बचाने के लिए प्रशिक्षित नहीं किया जाता है।
आज के समय में युद्धों के दौरान देश रासायनिक, परमाणु, परमाणु बम और वायरस का इस्तेमाल करके ज्यादा से ज्यादा लोगों को मारने की कोशिश कर रहे हैं, लेकिन उन्हें बचाने के लिए कोई प्रशिक्षण अभ्यास नहीं है।
लेकिन दुनिया में जहां श्री गुरु गोबिंद सिंह जी ने युद्धों के दौरान क्रूर दुश्मनों को मारने के लिए सेनाएं तैयार कीं, वहीं उन्होंने घायल सैनिकों और नागरिकों को बचाने के लिए अपने सैनिकों और नागरिकों को पानी और प्राथमिक उपचार का प्रशिक्षण भी दिया।
जिसके लिए आज भी भाई घनैया जी के मानवतावादी मिशन का विश्व में सम्मान किया जाता है। काका राम वर्मा ने घरेलू घटनाओं को रोकने, दिल के दौरे, ब्लैकआउट, घुटन, गैसों, आग से बचने और पीड़ितों को मरने से बचाने के लिए प्राथमिक उपचार और हेल्प लाइन नंबरों की जानकारी दी। 
आयोजकों ने धन्यवाद करते हुए कहा कि ऐसी जीवन रक्षक जानकारी हर विद्यार्थी, नागरिक कर्मचारी को उपलब्ध होनी चाहिए, ताकि श्री गुरु गोबिंद सिंह जी के मानवतावादी सिद्धांतों को अपनाकर मृतकों को बचाने के लिए घरों, मोहल्लों और गांवों में टीमें तैयार रहें।