इश्योरेंस से जीएसटी हटने पर लोगों को मिलेगी राहत-सुनील पपनेजा

हांसी:- केंद्र सरकार ने बीमा उत्पादों पर जीएसटी खत्म करके बीमा धारकों को सीधे तौर पर बहुत ही ज्यादा राहत दी है। पहले बीमा योजनाओं पर 18 प्रतिशत तक टैक्स लगता था। यानि कि 50000 रुपये के प्रीमियम पर 9000 रुपये टैक्स के चुकाने पड़ते थे पर अब ग्राहक सिर्फ असली प्रीमियम की रकम ही देंगे। यानी कि सीधे तौर पर उसकी जेब का बोझ घटेगा।

हांसी:- केंद्र सरकार ने बीमा उत्पादों पर जीएसटी खत्म करके बीमा धारकों को सीधे तौर पर बहुत ही ज्यादा राहत दी है। पहले बीमा योजनाओं पर 18 प्रतिशत तक टैक्स लगता था। यानि कि 50000 रुपये के प्रीमियम पर 9000 रुपये टैक्स के चुकाने पड़ते थे पर अब ग्राहक सिर्फ असली प्रीमियम की रकम ही देंगे। यानी कि सीधे तौर पर उसकी जेब का बोझ घटेगा।
यह बात हांसी के वरिष्ठ निवेशक व बीमा विशेषज्ञ सुनील पपनेजा ने बताई। उन्होंने कहा कि सरकार ने लाइफ व हैल्थ इंश्योरेंस को सोशल सिक्योरिटी का साधन माना है। काफी समय से इंश्योरेंस से जीएसटी हटाए जाने की मांग भी थी। 
जिसको अब केंद्र सरकार ने पूरा किया और इससे जनता को सीधा लाभ मिला है। इससे केंद्र सरकार का इंश्योरेंस फॉर ऑल 2047 का जो लक्ष्य हैं उसको भी पूरा करने में बहुत सहायता मिलेगी। बीमा पॉलिसी पर मिलने वाली मैच्योरिटी को धारा 10 (डी) के तहत पहले की तरह ही पूरा कर मुक्त रखा हुआ है। 
केंद्र सरकार की इस घोषणा से बीमा उत्पादों के सस्ते होने से अब लोगों के अंदर अपनी व अपने परिवार को पर्याप्त बीमे से सुरक्षित करने की समझ में और अधिक इजाफा होगा। सरकार का यह कदम इंश्योरेंस सेक्टर को और अधिक ऊंचाई पर ले जाएगा। इससे आमजन लाइफ व हैल्थ इंश्योरेंस लेने के प्रति और अधिक प्रोत्साहित होंगे।