
गांव महमदवाल में ख्वाजा पीर का मेला धूमधाम से संपन्न
माहिलपुर- गांव महमदवाल में 17वां ख्वाजा पीर का मेला आयोजक कमेटी, दोनों गांवों की पंचायतों और एनआरआई दिग्गजों के सहयोग से बड़ी धूमधाम से मनाया गया। मेले में देश-विदेश से आई संगत ने बड़ी श्रद्धा से भाग लिया।
माहिलपुर- गांव महमदवाल में 17वां ख्वाजा पीर का मेला आयोजक कमेटी, दोनों गांवों की पंचायतों और एनआरआई दिग्गजों के सहयोग से बड़ी धूमधाम से मनाया गया। मेले में देश-विदेश से आई संगत ने बड़ी श्रद्धा से भाग लिया।
पहले दिन बाबा सोहन सिंह और सुरजीत सिंह जीती की अगुआई में सरोवर में बेड़ा, चादर और झंडा चढ़ाने की रस्म अदा की गई। मेला प्रमोटर जसवीर सिंह शीरा सारंगवाल ने सभी से संपर्क कर इस मेले की व्यवस्था को सुचारू बनाने में योगदान दिया।
पूर्व सरपंच गुरविंदर सिंह और सरपंच गुरजीत सिंह खैरा ने सभी रस्मों को भव्य तरीके से पूरा करने में अहम भूमिका निभाई। सरपंच कमलजीत कौर ने संगत का स्वागत करते हुए कहा कि संत हमें मानवता का पाठ पढ़ाते हैं ताकि हम आपसी भाईचारा कायम रख सकें।
हम सभी संगत के रूप में इस स्थान से अपनी मनोकामनाएं पूरी करते हैं। वर्तमान समय की मांग है कि हम अपने समाज में मानवीय मूल्यों को पुनः स्थापित करें। ख्वाजा पीर के श्रद्धालुओं ने दो दिन तक खुले लंगर का आयोजन किया तथा छबील का प्रबंध किया। संगत के मनोरंजन के लिए कव्वाल व गायक ने अखाड़ा भी लगाया।
कमेटी ने देश-विदेश से आए दानदाताओं को सम्मानित किया तथा उनका विशेष आभार व्यक्त किया। युवा व्यवस्थापक दीपा बैंस व बिल्ला बैंस अपनी पूरी टीम के साथ दिन-रात जुटे रहे। सिद्ध जोगी ट्रस्ट की ओर से डॉ. जसवंत सिंह थिंद एसएमओ के नेतृत्व में निशुल्क मेडिकल कैंप भी लगाया गया, जिसमें डॉ. प्रभ हीर सहित पूरी मेडिकल टीम ने जांच के बाद दवाइयां दीं।
उन्होंने लोगों को सादा भोजन करने की सलाह भी दी, ताकि मैदे से तैयार पैक किए गए खाद्य पदार्थों से होने वाली बीमारियों से बचा जा सके। महोत्सव के दूसरे दिन का शुभारंभ करते हुए पूर्व सरपंच अमरेल सिंह, निरंजन सिंह, अमरजीत सिंह व कश्मीर सिंह खैरा ने संगत से आपसी एकता व भाईचारा बनाए रखने की अपील की। कव्वाल अली गोपालपुरिया ने अपनी शानदार कव्वालियों से श्रोताओं को परमपिता परमेश्वर से जोड़ा।
मंच संचालक जस्सी मुगोवाल व अवतार सिंह ने गांव के नए उभरते कलाकार निक्कू धारीवाल का परिचय शानदार शब्दों से करवाया। उन्होंने अपने नए गीतों से दर्शकों की खूब तालियां बटोरीं। महोत्सव में भाग लेने वाले आधा दर्जन से अधिक कलाकारों में गायक गुरजीत जीती ने अपने सांस्कृतिक गीतों से महोत्सव में चार चांद लगा दिए।
उनकी गुणवत्तापूर्ण व समसामयिक गायकी ने साबित कर दिया कि लोग आज भी अच्छी गायकी को पसंद करते हैं। सूफी गायक कांशी नाथ ने बाबा फरीद व साई बुल्ले शाह के काफियों से वाहवाही लूटी। गायक जैली व सूरज झंडेर ने अपने प्रसिद्ध गीतों से समां बांध दिया। इस अवसर पर सरकारी मिडिल स्कूल महमदवाल के अव्वल विद्यार्थियों को सम्मानित किया गया।
गांव कहारपुर से अंतरराष्ट्रीय फुटबालर हरमनजोत सिंह खाबड़ा व होशियारपुर से एशियाई रिकार्डधारी साइकिलिस्ट बलराज सिंह चौहान को विशेष सम्मान दिया गया। प्रमुख हस्तियों को सम्मानित करने के अवसर पर निक्कियां करुंबलां के संपादक एवं शिरोमणि बाल साहित्य के लेखक गांव महमदवाल में जन्मे बलजिंदर मान ने अपने संबोधन में कहा कि मेले हमें आपसी दुश्मनी भुलाकर मिलजुल कर रहने का संदेश देते हैं।
इस अवसर पर साहित्य, कला, संस्कृति, खेल और धार्मिक संस्थाओं से जुड़े प्रमुख बड़ी संख्या में मौजूद थे। पूरे मेले के दौरान आयोजन समिति ने विश्व बंधुत्व के संदेश का प्रचार-प्रसार किया। मेले के कार्यों को शानदार ढंग से संचालित करने में कश्मीर सिंह, हरजिंदर सिंह, गगन कपूर, कुलविंदर खान आदि ने योगदान दिया।
इस अवसर पर गुरपाल सिंह, बलवंत सिंह, रणजीत सिंह, तरसेम सिंह, गुरबचन दास, सूरज सिंह, सुरजन सिंह, राजवीर कौर, गुरदीप चंद, सतनाम सिंह, सोहन सिंह, कश्मीर सिंह आदि ने प्रशासनिक सेवाएं निष्ठापूर्वक निभाई।
