बूथ लेवल अधिकारियों के साप्ताहिक प्रशिक्षण में 838 बीएलओ को चुनावी व्यवस्था की चुनौतियों के बारे में जागरूक किया गया

एसएएस नगर, 9 जुलाई: भारत निर्वाचन आयोग के निर्देशानुसार, जिला साहिबज़ादा अजीत सिंह नगर के 838 बूथ लेवल अधिकारियों को जिला निर्वाचन अधिकारी-सह-उपायुक्त कोमल मित्तल के नेतृत्व में चुनावी व्यवस्था की चुनौतियों, नई तकनीकों, भारत निर्वाचन आयोग के मतदाता पंजीकरण में वृद्धि, मतदाता जागरूकता और विभिन्न मोबाइल ऐप्स के बारे में प्रशिक्षित किया जा रहा है।

एसएएस नगर, 9 जुलाई: भारत निर्वाचन आयोग के निर्देशानुसार, जिला साहिबज़ादा अजीत सिंह नगर के 838 बूथ लेवल अधिकारियों को जिला निर्वाचन अधिकारी-सह-उपायुक्त कोमल मित्तल के नेतृत्व में चुनावी व्यवस्था की चुनौतियों, नई तकनीकों, भारत निर्वाचन आयोग के मतदाता पंजीकरण में वृद्धि, मतदाता जागरूकता और विभिन्न मोबाइल ऐप्स के बारे में प्रशिक्षित किया जा रहा है।
जिला नोडल अधिकारी स्वीप प्रो. गुरबख्शीश सिंह अंटाल ने बताया कि जिले के तीन विधानसभा क्षेत्रों में से खरड़ के रयात व बाहरा यूनिवर्सिटी, डेराबस्सी सुखमनी ग्रुप ऑफ कॉलेज डेराबस्सी और मोहाली के बीएलओ को 4 से 11 जुलाई तक प्रतिदिन 50-50 के बैच में स्कूल ऑफ एमिनेंस 3बी1 मोहाली में प्रशिक्षण दिया जा रहा है। 
आज जिला नोडल अधिकारी, चुनाव तहसीलदार संजय कुमार, चुनाव वकील सुरिंदर बत्रा ने स्कूल ऑफ एमिनेंस 3बी1 मोहाली में प्रशिक्षण में भाग लिया। उन्होंने कहा कि प्रशिक्षण का मुख्य उद्देश्य बूथ स्तर के अधिकारियों को तकनीकी रूप से अधिक साक्षर बनाना है ताकि मतदाता पंजीकरण की प्रक्रिया को आम नागरिकों के लिए और अधिक सुविधाजनक बनाया जा सके। 
स्वीप टीमों, मतदाता जागरूकता समूहों और बीएलओ के समन्वय से मतदाता साक्षरता अभियान को सुचारू रूप से लागू किया जा सकता है और मतदाताओं को भारत के चुनाव आयोग द्वारा समय-समय पर प्रदान की जाने वाली सुविधाओं के बारे में जागरूक किया जा सकता है। वरिष्ठ नागरिकों, युवाओं, प्रवासी श्रमिकों, महिलाओं, दिव्यांगों और ट्रांसजेंडर मतदाताओं तक पहुंच बनाई जा सकती है और उनका पंजीकरण किया जा सकता है। 
इस प्रशिक्षण सत्र के बाद, बूथ लेवल अधिकारियों की लिखित परीक्षा भी ली जा रही है और परीक्षा में सफल होने वाले बी.एल.ओ. को प्रमाण पत्र भी दिए जा रहे हैं। आज के प्रशिक्षण का संचालन मास्टर ट्रेनर-सह-भूमि संरक्षण अधिकारी अनिल बाना, प्रो. खुशप्रीत सिंह, प्रो. यादविंदर सिंह ने किया।