
तप स्थान श्री गुरु रविदास ऐतिहासिक तीर्थ श्री खुरालगढ़ साहिब में बैसाखी और डॉ. बीआर अंबेडकर जन्म उत्सव को समर्पित एक भव्य समारोह आयोजित किया गया।
श्री खुरालगढ़ साहिब, 17 अप्रैल - तप स्थान श्री गुरु रविदास ऐतिहासिक तीर्थ श्री खुरालगढ़ साहिब में बैसाखी और डॉ. बीआर अंबेडकर जन्म उत्सव को समर्पित एक भव्य समारोह आयोजित किया गया। इन तीन दिवसीय आयोजनों के दौरान उत्तर भारत के कोने-कोने से बड़ी संख्या में संगत ने श्री खुरालगढ़ साहिब में मत्था टेका।
श्री खुरालगढ़ साहिब, 17 अप्रैल - तप स्थान श्री गुरु रविदास ऐतिहासिक तीर्थ श्री खुरालगढ़ साहिब में बैसाखी और डॉ. बीआर अंबेडकर जन्म उत्सव को समर्पित एक भव्य समारोह आयोजित किया गया। इन तीन दिवसीय आयोजनों के दौरान उत्तर भारत के कोने-कोने से बड़ी संख्या में संगत ने श्री खुरालगढ़ साहिब में मत्था टेका।
इस संबंध में जानकारी देते हुए प्रबंधक कमेटी के सदस्यों ने बताया कि 11 अप्रैल को तप स्थान श्री खुरालगढ़ साहिब में गुरु घर के हेड ग्रंथी बाबा नरेश सिंह द्वारा श्री गुरु ग्रंथ साहिब जी का अखंड पाठ आरंभ किया गया.
12 अप्रैल को बड़ी संख्या में संगत पहुंचने लगी, जिसके लिए गुरु घर की प्रबंधन समिति द्वारा विशेष व्यवस्था की गई थी। इसी दिन रात्रि में मध्य दा भोग एवं रैन सवाई कीर्तन दरबार सजाया गया।
बाबा केवल सिंह चाकर गुरु घर के कीर्तन दरबार में शामिल हुए और बाबा सर्बजोत सिंह डांगो वाले भी इस मौके पर विशेष तौर पर पहुंचे। कीर्तन दरबार के दौरान बाबा मनप्रीत सिंह अमलोह ने गुरु महाराज जी का गुणगान कर संगत को निहाल किया।
13 अप्रैल को सुबह 10 बजे श्री गुरु ग्रंथ साहिब जी का अखंड जप संपन्न होने के बाद श्री गुरु रविदास जी महाराज की समाधि पर झूल रहे निशान साहिबों को सुंदर पोशाकें पहनाई गईं। इस अवसर पर बाबा नरेश सिंह के जत्थे ने गुरु महाराज जी के चरणों में आरती व अरदास कर कीर्तन दरबार की शुरुआत की.
खुले पंडाल में सजाए गए कीर्तन दरबार के दौरान गुरु घर से हजूरी जत्थे बाबा केवल सिंह चाकर के जत्थे ने गुरु महाराज जी की बाणी और सिद्धांत को संगत के साथ साझा किया।
बाबा केवल सिंह चाकर ने श्रद्धालुओं से अनुरोध किया कि गुरु जी के सिद्धांतों के अनुसार आपस में प्रेम से रहने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि गुरु जी ने अपने सिद्धांतों में बताया है कि अशिक्षा एक बहुत बड़ा अभिशाप है, पढ़ने से व्यक्ति का ज्ञान का दीपक मजबूत होता है लेकिन अशिक्षा से ज्ञान का दीपक मंद होकर बुझ जाता है।
बाबा केवल सिंह चाकर ने कहा कि गुरु जी ने जहां रोटी, कपड़ा और समानता के सिद्धांत की बात की, वहीं शिक्षा को भी बहुत महत्व दिया। इस मौके पर भाई शामजीत सिंह मेला डगाना कबीले और जत्थेदार बलजीत सिंह भी मौजूद थे।
चेयरमैन डॉ. कुलवरण सिंह, बाबा नरेश सिंह, बाबा सुखदीप सिंह, हरभजन सिंह, चौधरी जीत सिंह, मक्खन सिंह, सतपाल, बिंदर सिंह, गुरुमीत सिंह, चरण भारती, सरपंच रोशन लाल निनेवां, डॉ. जसवीर सिंह और अन्य समिति सदस्य प्रबंधन समिति द्वारा जहां आये हुए लोगों का उचित सम्मान किया गया, वहीं लोगों की सुविधा को ध्यान में रखते हुए विशेष व्यवस्था की गयी.
