
पिछले चार माह से किए गए काम की मजदूरी नहीं मिलने से मनरेगा मजदूर परेशान हैं।
Garhshankar March 29 - MNREGA workers working in the forest under the forest department near Shivalik mountains are very disturbed due to non-payment of wages for the work done for the last four months. According to MNREGA workers, due to non-payment of wages, they have become a victim of financial hardship, but they are not being heard. Most of these MNREGA workers include women from needy families.
गढ़शंकर 29 मार्च - शिवालिक पहाड़ों के पास वन विभाग के अधीन जंगल में काम करने वाले मनरेगा मजदूर पिछले चार महीने से किए गए काम की मजदूरी न मिलने से काफी परेशान हैं। मनरेगा मजदूरों के मुताबिक मजदूरी नहीं मिलने से वे आर्थिक तंगी का शिकार हो गये हैं, लेकिन उनकी कोई सुनवाई नहीं हो रही है. इन मनरेगा श्रमिकों में अधिकतर जरूरतमंद परिवारों की महिलाएं शामिल हैं।
इसी संबंध में आज क्षेत्र के चार गांवों के मनरेगा मजदूरों की बैठक गांव रामपुर में हुई इस अवसर पर श्रमिकों ने कहा कि वे लंबे समय से वन विभाग के अधीन क्षेत्र के अर्ध-पहाड़ी और जंगली इलाकों में जंगल साफ करने, नए पौधे लगाने, सड़कों की सफाई और अन्य संबंधित कार्यों में लगे हुए हैं। लेकिन पिछले चार माह से खंड विकास एवं पंचायत अधिकारी कार्यालय द्वारा उनका पारिश्रमिक जारी नहीं किया जा रहा है जिसके कारण कई मनरेगा मजदूर यह काम छोड़ने को मजबूर हैं. उन्होंने बताया कि 300 रुपये की दिहाड़ी के लिए उन्हें गांव रामपुर, बिल्डो सतनौर, पखोवाल व अन्य गांवों से किराये की गाड़ी लेकर जंगल में जाना पड़ता है। और वे इन गाड़ियों का किराया भी अपनी तरफ से दे रहे हैं लेकिन उन्हें पारिश्रमिक नहीं मिलने के कारण उनके परिवार का गुजारा करना मुश्किल हो गया है. इस संबंध में कंधी संघर्ष कमेटी के पदाधिकारी दर्शन सिंह मट्टू ने बताया कि जंगल में सफाई, पेड़-पौधे लगाना व अन्य कई जोखिम भरे कार्य मनरेगा मजदूरों द्वारा किये जा रहे हैं. इस संबंध में उनका जीवन बीमा एवं स्वास्थ्य सुरक्षा किट भी उपलब्ध होना चाहिए लेकिन इन सुविधाओं से एक ओर जहां श्रमिकों को अपना पारिश्रमिक पाने के लिए कड़ी मशक्कत करनी पड़ रही है। उन्होंने चेतावनी दी कि मनरेगा मजदूरों को सही समय पर पारिश्रमिक जारी किया जाए और उन्हें इस कार्य से जुड़ी अन्य सुविधाएं और भत्ते भी दिए जाएं. इस संबंध में खंड विकास एवं पंचायत अधिकारी नीरू बाला ने कहा कि कई बार फंड रुकने के कारण पारिश्रमिक जारी नहीं हो पाता है, इस पर जल्द कार्रवाई की जाएंगी।
