पीजीआईएमईआर, चंडीगढ़ में जन्म दोष सेमिनार का आयोजन किया गया

मार्च महीने को जन्म दोष जागरूकता माह के रूप में मनाया जाता है और हर साल 3 मार्च को विश्व जन्म दोष जागरूकता माह के रूप में मनाया जाता है। WHO के अनुसार, दुनिया में हर साल लगभग 8 मिलियन बच्चे जन्म दोष के साथ पैदा होते हैं।

मार्च महीने को जन्म दोष जागरूकता माह के रूप में मनाया जाता है और हर साल 3 मार्च को विश्व जन्म दोष जागरूकता माह के रूप में मनाया जाता है। WHO के अनुसार, दुनिया में हर साल लगभग 8 मिलियन बच्चे जन्म दोष के साथ पैदा होते हैं।
23 मार्च को पीजीआईएमईआर, चंडीगढ़ में जेनेटिक मेटाबोलिक यूनिट के तहत एपीसी ऑडिटोरियम में एक सांस्कृतिक सह शैक्षिक कार्यक्रम आयोजित किया गया था। प्रसूति एवं स्त्री रोग, नर्सिंग कॉलेज (एनआईएनई) सहित अन्य विभागों के संकाय और कुछ गैर सरकारी संगठनों ने भाग लिया और इंटरैक्टिव चर्चाओं में योगदान दिया।
जन्म दोष और दुर्लभ विकारों के बारे में जागरूकता निवारक कार्यक्रम को लक्षित करने और जन्म दोष वाले रोगियों के लिए बेहतर परिणाम प्राप्त करने में मदद कर सकती है। मुख्य अतिथि सुश्री अनुजा शर्मा, प्रिंसिपल, डीएवी स्कूल, ने इस अवसर की शोभा बढ़ाई और मरीजों और परिवारों के लिए प्रेरणा और प्रोत्साहन से भरे शब्द बोले। डाउन सिंड्रोम वाले मरीजों ने भी अपने रचनात्मक प्रदर्शन से कार्यक्रम को समृद्ध बनाया। सभी हितधारकों की भागीदारी से दुर्लभ रोग नीति का प्रभावी कार्यान्वयन संभव है।