
कीर्ति किसान यूनियन ने अमित शाह, खट्टर और विज के खिलाफ शुभकरण की हत्या का मामला दर्ज करने की मांग की
नवांशहर - कीर्ति किसान यूनियन जिला शहीद भगत सिंह नगर ने पंजाब सरकार द्वारा शुभकरण सिंह की हत्या का मामला अज्ञात लोगों के खिलाफ दर्ज करने की प्रक्रिया को खारिज करते हुए इस हत्या का मामला असली आरोपियों के नाम पर दर्ज करने की मांग की है।
नवांशहर - कीर्ति किसान यूनियन जिला शहीद भगत सिंह नगर ने पंजाब सरकार द्वारा शुभकरण सिंह की हत्या का मामला अज्ञात लोगों के खिलाफ दर्ज करने की प्रक्रिया को खारिज करते हुए इस हत्या का मामला असली आरोपियों के नाम पर दर्ज करने की मांग की है।
शुभकरण सिंह की हत्या और अन्य किसानों व किसानों पर अत्याचार के लिए जिम्मेदार केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर, हरियाणा के गृह मंत्री अनिल विज के खिलाफ पंजाब सरकार द्वारा शुभकरण सिंह की हत्या की धारा 302 मोदी सरकार के दमन के खिलाफ और 307 के तहत मुकदमा दर्ज करने, टूटे वाहनों का मुआवजा देने की मांग को लेकर नवांशहर में विरोध मार्च निकाला गया. इससे पहले स्थानीय बरांदरी बाग में सभा को संबोधित करते हुए किरती किसान यूनियन जिला शहीद भगत सिंह नगर के अध्यक्ष सुरिंदर सिंह बैंस, राज्य कमेटी सदस्य भूपिंदर सिंह वड़ैच, जिला सचिव तरसेम सिंह बैंस, जिला उपाध्यक्ष सोहन सिंह अटवाल, महिला विंग की जिला अध्यक्ष सुरजीत कौर उत्तल, महिला जागृति मंच की प्रदेश अध्यक्ष गुरबख्श कौर संघा, आईएफटीयू के प्रदेश नेता अवतार सिंह तारी, प्रवासी मजदूर यूनियन के नेता परवीन कुमार निराला ने कहा कि मोदी सरकार और हरियाणा सरकार अपने ही नागरिकों को मारने के लिए फासीवादी हथकंडे अपना रही है। आना किसान लोकतांत्रिक तरीकों से अपनी लड़ाई लड़ रहे हैं वे दिल्ली जाना चाहते हैं लेकिन हरियाणा की खट्टर सरकार ने उनकी राह में ऐसे रोड़े अटका दिए हैं जो दुश्मन देशों की आपसी सीमाओं पर भी नहीं हैं. अगर आंदोलनरत किसानों पर कहर बरपाने के लिए केंद्र की मोदी सरकार और हरियाणा की खट्टर सरकार जिम्मेदार है तो पंजाब की माननीय सरकार को भी इसके दोष से मुक्त नहीं किया जा सकता। पंजाब की सीमा में हरियाणा की पुलिस ने किसानों के साथ बलात्कार किया और उनकी ट्रैक्टर-ट्रॉली और अन्य वाहनों को नष्ट कर दिया। लेकिन पंजाब सरकार ने शुभकरण की हत्या का मामला दर्ज कर असली दोषियों को बचाने और पंजाब की जनता की नजरों में उसे छोटा बनाने की कोशिश की है. पंजाब सरकार का यह कदम हमें स्वीकार्य नहीं है. इस मौके पर सुरिंदर सिंह मेहरामपुर, परमजीत सिंह शहाबपुर, कमलजीत सनावा, बलदेव सिंह उड़ापर, बचितर सिंह महमूदपुर, जरनैल सिंह काहमा, रामजी दास सनावा, गुरदयाल रक्कड़, मंजीत कौर अलाचौर, हरिलाल, हरे राम नेता भी मौजूद थे।
