सतर्कता ब्यूरो ने आरटीए कार्यालयों, ड्राइविंग टेस्ट सेंटरों पर अचानक छापे मारे; 24 लोग गिरफ्तार

चंडीगढ़/होशियारपुर- भ्रष्टाचार के खिलाफ एक बड़ी कार्रवाई में, पंजाब सतर्कता ब्यूरो ने राज्य भर में क्षेत्रीय परिवहन प्राधिकरण (आरटीए) कार्यालयों और ड्राइविंग टेस्ट सेंटरों पर अचानक छापे मारे, जिसके दौरान रिश्वतखोरी और अन्य अनियमितताओं में कथित रूप से शामिल होने के लिए 24 लोगों को गिरफ्तार किया गया। अभियान के दौरान कुल 16 एफआईआर दर्ज की गई हैं और अधिकारियों ने एजेंटों से 40,900 रुपये जब्त किए हैं जो ड्राइविंग लाइसेंस, ड्राइविंग टेस्ट और अन्य सेवाएं प्रदान करने के लिए लोगों से पैसे ले रहे थे।

चंडीगढ़/होशियारपुर- भ्रष्टाचार के खिलाफ एक बड़ी कार्रवाई में, पंजाब सतर्कता ब्यूरो ने राज्य भर में क्षेत्रीय परिवहन प्राधिकरण (आरटीए) कार्यालयों और ड्राइविंग टेस्ट सेंटरों पर अचानक छापे मारे, जिसके दौरान रिश्वतखोरी और अन्य अनियमितताओं में कथित रूप से शामिल होने के लिए 24 लोगों को गिरफ्तार किया गया। अभियान के दौरान कुल 16 एफआईआर दर्ज की गई हैं और अधिकारियों ने एजेंटों से 40,900 रुपये जब्त किए हैं जो ड्राइविंग लाइसेंस, ड्राइविंग टेस्ट और अन्य सेवाएं प्रदान करने के लिए लोगों से पैसे ले रहे थे।
आज यहां यह खुलासा करते हुए, राज्य सतर्कता ब्यूरो के एक प्रवक्ता ने कहा कि मुख्यमंत्री की भ्रष्टाचार निरोधक कार्रवाई लाइन के माध्यम से प्राप्त कई शिकायतों के बाद, फ्लाइंग स्क्वायड और आर्थिक अपराध शाखा (ईओडब्ल्यू) सहित सतर्कता ब्यूरो रेंजों द्वारा छापे मारे गए। इस अभियान में आरटीए अधिकारियों और एजेंटों को निशाना बनाया गया, जो एजेंट के रूप में काम कर रहे थे और लाइसेंस प्रक्रिया में तेजी लाने या ड्राइविंग टेस्ट के परिणामों में हेरफेर करने के लिए अवैध शुल्क वसूल रहे थे। 
प्रवक्ता ने कहा कि ये अभियान सरकारी कार्यालयों में भ्रष्टाचार को खत्म करने के लिए राज्य के चल रहे प्रयासों का हिस्सा हैं। प्रवक्ता ने कहा, "हम सरकारी सेवाओं में पारदर्शिता और जवाबदेही सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध हैं। इस तरह के छापे अवैध गतिविधियों पर लगाम लगाने और लोगों को शोषण से बचाने के लिए जारी रहेंगे।" गिरफ्तार किए गए लोगों में मोहाली का एक निजी एजेंट सुखविंदर सिंह भी शामिल है, जिसे ड्राइविंग लाइसेंस बनाने और टेस्ट की मंजूरी सुनिश्चित करने के लिए 5,000 रुपये की रिश्वत के हिस्से के रूप में 2,500 रुपये लेते हुए रंगे हाथों पकड़ा गया। 
फतेहगढ़ साहिब में एक अन्य एजेंट परमजीत सिंह को इसी तरह की अवैध सेवाओं के लिए 5,000 रुपये लेते हुए पकड़ा गया। प्रवक्ता ने आगे कहा कि लुधियाना में ईओडब्ल्यू इकाई ने 1,500 रुपये से लेकर 3,500 रुपये तक की रिश्वत मांगने के आरोप में तीन लोगों - पंकज अरोड़ा उर्फ सनी, दीपक कुमार और मनीष कुमार को हिरासत में लिया है। लुधियाना विजिलेंस ब्यूरो रेंज ने लाइसेंस बनवाने के लिए क्रमश: 7,000 रुपये और 5,500 रुपये लेने के आरोप में दो और एजेंटों तैसीफ अहमद अंसारी और हनी अरोड़ा को गिरफ्तार किया। जालंधर में मोहित कुमार और विजय कुमार को फास्ट-ट्रैक ड्राइविंग टेस्ट अपॉइंटमेंट के लिए 2,000 रुपये लेते रंगे हाथों पकड़ा गया। 
होशियारपुर में एजेंट अशोक कुमार को बिना वास्तविक ट्रायल के ड्राइविंग टेस्ट पास करने के लिए 5,000 रुपये लेने के आरोप में गिरफ्तार किया गया। कपूरथला में ही एक बड़ी जब्ती की गई, जहां एजेंट शेर अमरीक सिंह को 12,000 रुपये नकद के साथ गिरफ्तार किया गया, जिससे आरटीए अधिकारियों के साथ संदिग्ध मिलीभगत का खुलासा हुआ। एसबीएस नगर में विजिलेंस ब्यूरो की टीम ने दो आरटीए कर्मचारियों - जतिंदर सिंह, जूनियर असिस्टेंट और मनीष कुमार, डेटा एंट्री ऑपरेटर - के साथ-साथ दो निजी एजेंटों, केवल कृष्ण और कमल कुमार को भ्रष्टाचार में शामिल होने के आरोप में गिरफ्तार किया। 
संगरूर में भी विजिलेंस ब्यूरो ने शिकायतकर्ता से ड्राइविंग लाइसेंस बनाने के बदले 7000 रुपए की रिश्वत मांगने वाले लवप्रीत सिंह और पंजाब स्टेट ट्रांसपोर्ट सोसायटी के डाटा एंट्री ऑपरेटर अविनाश गर्ग के खिलाफ मामला दर्ज किया है। इसी तरह तरनतारन में भी विजिलेंस ब्यूरो ने प्राइवेट एजेंट आरोपी लखबीर सिंह ढिल्लों के खिलाफ मामला दर्ज किया है, जिसने शिकायतकर्ता से ड्राइविंग लाइसेंस बनाने के लिए 3500 रुपए की रिश्वत मांगी थी। 
इसी तरह गुरदासपुर में भी विजिलेंस ब्यूरो के पास आरोपी कुलबीर सिंह और इंद्रास (दोनों एजेंट) के खिलाफ रिकॉर्डिंग के स्पष्ट सबूत हैं, जिन्होंने एमवीआई अधिकारियों के लिए 9000 रुपए की मांग की थी। इसके अलावा विजिलेंस ब्यूरो ने बठिंडा में फर्जी पते का इस्तेमाल कर रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट बनाने के आरोप में कृष्ण लाल, इंद्रजीत सिंह और एजेंट नवीन कुमार के खिलाफ भी मामला दर्ज किया है।
 इन मामलों की पेशेवर तरीके से जांच की जा रही है तथा सतर्कता ब्यूरो भ्रष्टाचार व अनियमितताओं को समाप्त करने के लिए आरटीए कार्यालय के अधिकारियों/कर्मचारियों सहित रिश्वतखोरी के लिए इस्तेमाल किए गए तरीकों व साधनों की गहन जांच करेगा।