तनाव, मानसिक थकान और अनिद्रा जैसी बीमारियों को योग से दूर किया जा सकता है - योगी उदय

नवांशहर - प्रसिद्ध विद्वान योगी उदय (दिल्ली) ने केसी ग्रुप ऑफ इंस्टीट्यूशंस में सीएम द योगशाला के तहत गुरु रविदास आयुर्वेदिक विश्वविद्यालय द्वारा संचालित पुनश्चर्या प्रशिक्षण पाठ्यक्रम के दौरान तीन दिवसीय प्रेरक व्याख्यान दिया। मंच पर उनके साथ वरिष्ठ सलाहकार अमरेश झा, वरिष्ठ सलाहकार कमलेश मिश्रा भी मौजूद थे, उन्होंने योग निद्रा, जीवनशैली संबंधी विकार, योग उपचार के साथ-साथ सप्तचक्र ध्यान के बारे में जानकारी साझा की।

नवांशहर - प्रसिद्ध विद्वान योगी उदय (दिल्ली) ने केसी ग्रुप ऑफ इंस्टीट्यूशंस में सीएम द योगशाला के तहत गुरु रविदास आयुर्वेदिक विश्वविद्यालय द्वारा संचालित पुनश्चर्या प्रशिक्षण पाठ्यक्रम के दौरान तीन दिवसीय प्रेरक व्याख्यान दिया। मंच पर उनके साथ वरिष्ठ सलाहकार अमरेश झा, वरिष्ठ सलाहकार कमलेश मिश्रा भी मौजूद थे, उन्होंने योग निद्रा, जीवनशैली संबंधी विकार, योग उपचार के साथ-साथ सप्तचक्र ध्यान के बारे में जानकारी साझा की।
उन्होंने कहा कि योगनिद्रा का अर्थ आध्यात्मिक नींद है। ये वो नींद है जिसमें जागते हुए भी सोना पड़ता है. योग निद्रा नींद और जागने के बीच की अवस्था है, इसे स्वप्न और जाग्रत के बीच की अवस्था माना जा सकता है। योग निद्रा का अभ्यास पूरी जागरूकता के साथ किया जाता है। योग निद्रा के माध्यम से आपका शरीर, मन और आत्मा तनाव मुक्त हो जाता है। यह कार की बैटरी चार्ज करने की तरह सभी को स्वस्थ और तरोताजा बनाता है। इसके साथ ही अस्वस्थ जीवनशैली और गलत खान-पान से होने वाली बीमारियों को लाइफस्टाइल डिजीज कहा जाता है। ये बीमारियाँ न तो संक्रमण से फैलती हैं और न ही आनुवंशिक होती हैं, हाँ, आनुवंशिक कारक इसमें शामिल होते हैं, अस्वस्थ जीवनशैली और गलत खान-पान से होने वाली बीमारियाँ जीवनशैली से जुड़ी बीमारियाँ कहलाती हैं। इससे बचने के लिए हमें योग करना चाहिए। सप्तचक्र को ध्यान योग का बहुत महत्वपूर्ण अंग माना जाता है। हमारे शरीर में सात प्रकार के चक्र होते हैं जिनका अपना-अपना महत्व होता है। शरीर में आंतरिक ऊर्जा को योग और तंत्र प्रथाओं के माध्यम से प्रसारित किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि रोगी और साधक को ये क्रियाएं हमेशा अपनी देखरेख में ही करनी चाहिए। इस मौके पर किरण बाला, रमनदीप कौर, वंदना, निर्मल सिंह, जतिन कुमार और राहुल के साथ मैनेजमेंट कॉलेज के हेड प्रोफेसर अंकुश निझावन भी मौजूद रहे।