
सेक्टर 88-89 में लैंड पूलिंग स्कीम से लाभान्वित मकान मालिक गमाडा द्वारा जबरन पीएलसी वसूली से परेशान हैं।
सेक्टर 88-89 में लैंड पूलिंग स्कीम से लाभान्वित मकान मालिक गमाडा द्वारा जबरन पीएलसी वसूली से परेशान हैं। लैंड पूलिंग पॉलिसी में इसका जिक्र न होने के बावजूद गमाडा ने पीएलसी वसूली का आरोप लगाया है।
एसएएस नगर, 23 नवंबर - गमाडा द्वारा वर्ष 2011 में मोहाली के सेक्टर 88-89 के लिए सोहाना, लाखनौर, मानक माजरा और भागोमाजरा गांवों के राजस्व से लैंड पूलिंग स्कीम के तहत अधिग्रहित भूमि के मालिकों को पार्कों के सामने प्लॉट या फिर कॉर्नर प्लॉटों की एनओसी देते समय कोई नीति या नियम न होने के बावजूद प्रेफरेंशियल लोकेशन चार्ज (पीएलसी) के नाम पर लाखों रुपये की वसूली की जा रही है, जिससे जमीन मालिकों में सरकार के प्रति नाराजगी है।
इन गांवों में लैंड पूलिंग के तहत प्लॉट हासिल करने वाले जमीन मालिकों में कैप्टन (रिटा.) सरदारा सिंह निवासी गांव सोहाना, हरमनजोत सिंह कुंभारा, हरदीप सिंह उप्पल निवासी सेक्टर 88, सतनाम सिंह लाखनौर, बलविंदर सिंह लाखनौर, सुरजीत सिंह मानकपुर माजरा,जसवीर सिंह लाखनौर, खुशाल सिंह ननोमाजरा, कुलदीप सिंह सेक्टर 89, वीर प्रताप सिंह, कुदरदीप सिंह, परमजीत सिंह कुंभारा, बलबीर सिंह बरोणपुर, गुलजार सिंह पूर्व सरपंच लौंडरां, प्रभजोत कौर लाखनौर आदि ने कहा कि जब उन्होंने भूमि अधिग्रहण किया था, पूलिंग स्कीम अगर जमीन पार्क और सड़क आदि के लिए दी है तो उनसे प्रिफरेंशियल लोकेशन चार्ज (पीएलसी) लेना बिल्कुल गलत है।
उन्होंने कहा कि यदि जमींदार कॉर्नर या फेसिंग पार्क वाले प्लॉट किसी को बेचते हैं तो गमाडा अधिकारियों द्वारा जमींदारों को एनओसी देते समय शपथ पत्र मांगा जाता है कि वे खरीदार से पीएलसी जमा कराएंगे। उन्होंने कहा कि गमाडा अधिकारियों की इस दादागिरी के कारण प्लॉटों की रजिस्ट्रियां रुकी हुई हैं। उन्होंने कहा कि गमाडा अधिकारी इस संबंध में कुछ भी सुनने को तैयार नहीं हैं और जमींदारों को अदालतों का सहारा लेने के लिए मजबूर होना पड़ेगा, जिससे अदालतों में मुकदमे बढ़ेंगे।
उन्होंने दावा किया कि जमींदारों से पीएलसी लेने के संबंध में सरकार की कोई नीति नहीं है और महालेखाकार पंजाब ने भी इस बात को स्वीकार किया है. उन्होंने कहा कि हैरानी की बात यह है कि गमाडा के ईकोसिटी प्रोजेक्ट में ही मकान मालिकों से उक्त पीएलसी चार्ज या ऐसी कोई अन्य फीस नहीं वसूली जाती, जबकि सेक्टर 88-89 में वसूली जा रही है। उन्होंने कहा कि लैंड पूलिंग पॉलिसी के प्रावधानों के अनुसार कॉर्नर या फेसिंग पार्क वाले प्लॉटों के एवज में पॉलिसी के तहत अर्जित भूमि के मालिकों से आवासीय प्लॉट के बदले पीएलसी लेने का कहीं भी उल्लेख नहीं है। इसके अलावा लेटर ऑफ इंटेंट (एलओआई) में पीएलसी का कोई जिक्र नहीं है, लेकिन इसके बावजूद गमाडा द्वारा पीएलसी से जबरन वसूली की जा रही है।
मकान मालिकों ने इस मामले में मुख्यमंत्री पंजाब भगवंत मान से हस्तक्षेप की मांग की और कहा कि गमाडा द्वारा लगाए जा रहे अवैध पीएलसी को तुरंत रोका जाना चाहिए और मकान मालिकों को राहत दी जानी चाहिए। उन्होंने कहा कि अगर एक सप्ताह के अंदर इस कार्रवाई को नहीं रोका गया तो बड़ी संख्या में जमींदार गमाडा कार्यालय के सामने धरना देने को मजबूर होंगे।
