केंद्र सरकार के निजीकरण के खिलाफ सीटू का अभियान शुरू करने का फैसला

एसएएस नगर, 17 अक्टूबर - सीटू ने केंद्र सरकार की निजीकरण नीतियों के खिलाफ देशव्यापी अभियान शुरू करने का फैसला किया है।

एसएएस नगर, 17 अक्टूबर - सीटू ने केंद्र सरकार की निजीकरण नीतियों के खिलाफ देशव्यापी अभियान शुरू करने का फैसला किया है। इस निर्णय को लागू करने के लिए सीटू की राज्य कमेटी की बैठक हुई जिसमें सीटू के अखिल भारतीय अध्यक्ष डॉ. हेम लता और महासचिव साथी तपन सेन (पूर्व सांसद) विशेष रूप से शामिल हुए.
इस मौके पर दोनों नेताओं ने सीटू सेंटर द्वारा लिए गए फैसलों की जानकारी दी. उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार ने सार्वजनिक संस्थानों (जिसमें बिजली और रेलवे प्रमुख हैं) के चल रहे निजीकरण के खिलाफ अभियान शुरू करने का फैसला किया है। इस अभियान के तहत कर्मचारियों और आम लोगों को निजीकरण के नुकसान के बारे में जागरूक किया जाएगा और 3 नवंबर को पूरे पंजाब में बिजली दफ्तरों के सामने धरने दिए जाएंगे. उन्होंने कहा कि निजीकरण के खिलाफ 5 से 9 नवंबर तक रेलवे स्टेशन के सामने विरोध प्रदर्शन किया जायेगा.
नेताओं ने पंजाब सरकार द्वारा पुरानी पेंशन योजना लागू करने में की जा रही ढिलाई की भी निंदा की। नेताओं ने कहा कि सरकार इस मामले में लगातार बहानेबाजी कर रही है, जबकि इसे राजस्थान और छत्तीसगढ़ की कांग्रेस सरकार ने बहाल किया है. उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार ईपीएफ पेंशन बढ़ाने से इनकार कर रही है और सुप्रीम कोर्ट के फैसले को लागू करने में भी देरी की जा रही है. इस वजह से करीब 65 लाख ईपीएफ पेंशनभोगी अदालतों में लड़ाई लड़ रहे हैं.
इसके साथ ही 25 से 28 नवंबर तक राज्यों की राजधानियों में किए जाने वाले संघर्ष में संयुक्त किसान मोर्चा और ट्रेड यूनियन मोर्चा की भागीदारी के लिए भी ठोस योजना बनाई गई.