
NOC process for tree felling in Haryana will be simplified.
चंडीगढ़, 15 जुलाई - हरियाणा के वन मंत्री राव नरबीर सिंह ने वन विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि वे सार्वजनिक या निजी कार्यों के लिए पेड़ों की कटाई हेतु एनओसी जारी करने में अनावश्यक देरी न करें। उन्होंने कहा कि यदि लोगों द्वारा दिए गए आवेदन पर कोई आपत्ति है, तो उसे तुरंत दर्ज किया जाए ताकि प्रक्रिया में पारदर्शिता बनी रहे और जनता को बार-बार परेशान न होना पड़े।
चंडीगढ़, 15 जुलाई - हरियाणा के वन मंत्री राव नरबीर सिंह ने वन विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि वे सार्वजनिक या निजी कार्यों के लिए पेड़ों की कटाई हेतु एनओसी जारी करने में अनावश्यक देरी न करें। उन्होंने कहा कि यदि लोगों द्वारा दिए गए आवेदन पर कोई आपत्ति है, तो उसे तुरंत दर्ज किया जाए ताकि प्रक्रिया में पारदर्शिता बनी रहे और जनता को बार-बार परेशान न होना पड़े।
श्री राव नरबीर सिंह आज चंडीगढ़ स्थित हरियाणा निवास में वन विभाग की समीक्षा बैठक की अध्यक्षता कर रहे थे। बैठक में विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव श्री आनंद मोहन शरण, प्रधान मुख्य वन संरक्षक और फील्ड डीएफओ सहित अन्य अधिकारी उपस्थित थे।
निविदा प्रक्रिया में पारदर्शिता और जवाबदेही सुनिश्चित की जाए-
वन मंत्री ने निविदा प्रक्रिया को सरल और पारदर्शी बनाने के भी निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि कार्य आवंटन में डीएफओ का निविदाओं पर एकाधिकार नहीं होना चाहिए। उन्होंने स्पष्ट किया कि किसी भी प्रकार की खरीद से पहले मंत्री स्तर से अनुमोदन लेना आवश्यक होगा। उन्होंने यह भी कहा कि दिल्ली व अन्य राज्यों की निविदा प्रणाली का अध्ययन किया जाना चाहिए ताकि हरियाणा में भी एक अच्छी प्रक्रिया लागू की जा सके।
वन विभाग की नर्सरियों में गुणवत्तापूर्ण पौधे हों, "एक पेड़ माँ के लिए" नामक अभियान सफल हो -
श्री राव नरबीर सिंह ने वन विभाग को राज्य गठन के बाद से रोपे गए पौधों का विवरण शीघ्र उपलब्ध कराने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी द्वारा शुरू किए गए "एक पेड़ माँ के लिए" नामक अभियान को मूर्त रूप देना वन विभाग की प्राथमिकता होनी चाहिए। उन्होंने विभाग की सभी नर्सरियों में पौधों का वार्षिक चक्रण और परिपक्वता सुनिश्चित करने के निर्देश दिए, ताकि बेहतर पौधरोपण सुनिश्चित किया जा सके।
काबुली कीकर (बबूल) हटाना, सफेदा की खरीद पर प्रतिबंध -
मंत्री ने निर्देश दिए कि सड़कों के किनारे हर साल कम से कम 10 प्रतिशत काबुली कीकर को हटाया जाए और उसके स्थान पर उपयुक्त पेड़ लगाए जाएं। उन्होंने इस बात पर भी जोर दिया कि वन विभाग सफेदा जैसे अधिक पानी की खपत वाले पेड़ न लगाए। उन्होंने कहा कि यदि कोई किसान निजी भूमि पर सफेदा लगाना चाहता है, तो उसे रोका नहीं जाएगा, लेकिन विभाग भविष्य में इसकी खरीद न करे।
गाड़ियां खोदने की दरों पर पुनर्विचार-
राव नरबीर सिंह ने यह भी कहा कि गाड़ियां खोदने की जो 24 रुपये प्रति गाड़ियां रोपाई के लिए निर्धारित की गई है, वह अधिक है और इसे कम किया जाना चाहिए। उन्होंने कृषि वानिकी, हरित भारत मिशन और लकड़ी आधारित उद्योगों को प्रोत्साहन देने के लिए गाड़ियां लगाने पर विशेष जोर दिया।
बैठक में अधिकारियों को अपनी कार्यशैली में सकारात्मक बदलाव लाने के निर्देश दिए गए ताकि जनता को स्पष्ट रूप से लगे कि वन विभाग में बदलाव आया है।
