स्वच्छता और उचित आहार से डायरिया से बचा जा सकता है

खरड़/साहिबजादा अजीत सिंह नगर, 2 जुलाई: सिविल सर्जन डॉ. संगीता जैन के निर्देशानुसार और वरिष्ठ चिकित्सा अधिकारी पीएचसी घड़ूआं डॉ. प्रीत मोहन सिंह खुराना के नेतृत्व में तीव्र दस्त निवारण माह के मद्देनजर स्वास्थ्य खंड घड़ूआं के अंतर्गत लोगों को डायरिया से बचाव, सावधानियों और उपचार के बारे में जागरूक किया जा रहा है। डॉ. प्रीत मोहन सिंह खुराना ने पीएचसी घड़ूआं में ओआरएस कॉर्नर का उद्घाटन किया और ओआरएस पैकेट वितरित किए गए और जागरूकता पैदा की गई।

खरड़/साहिबजादा अजीत सिंह नगर, 2 जुलाई: सिविल सर्जन डॉ. संगीता जैन के निर्देशानुसार और वरिष्ठ चिकित्सा अधिकारी पीएचसी घड़ूआं डॉ. प्रीत मोहन सिंह खुराना के नेतृत्व में तीव्र दस्त निवारण माह के मद्देनजर स्वास्थ्य खंड घड़ूआं के अंतर्गत लोगों को डायरिया से बचाव, सावधानियों और उपचार के बारे में जागरूक किया जा रहा है। डॉ. प्रीत मोहन सिंह खुराना ने पीएचसी घड़ूआं में ओआरएस कॉर्नर का उद्घाटन किया और ओआरएस पैकेट वितरित किए गए और जागरूकता पैदा की गई।
इस अवसर पर डॉ. सरोज, खंड विस्तार शिक्षक गौतम ऋषि, नेत्र रोग अधिकारी इवसुखमनजीत कौर, स्टाफ नर्स रिशमजीत कौर, सीएचओ जसविंदर कौर, बीएसए इश्मीत कौर भी मौजूद थे।
एसएमओ डॉ. प्रीत मोहन सिंह खुराना ने बताया कि ब्लॉक के अंतर्गत स्वास्थ्य संस्थानों, आम आदमी क्लीनिक, सब सेंटर और आयुष्मान आरोग्य केंद्र स्तर पर ओआरएस कॉर्नर स्थापित किए गए हैं। डायरिया से बचाव के लिए ओआरएस पैकेट और जिंक की गोलियां भी दी जा रही हैं। 
आशा वर्कर ओआरएस पैकेट वितरित करने के साथ-साथ बच्चों और बड़ों को घोल बनाने की विधि, हाथों की सफाई और गर्भवती महिलाओं और नवजात शिशुओं की माताओं को स्तनपान के महत्व के बारे में विशेष रूप से जागरूक कर रही हैं। मदर्स डे के अवसर पर टीकाकरण के लिए आने वाली महिलाओं को भी इस बारे में जानकारी दी जा रही है। 
डायरिया से होने वाली हर साल होने वाली मौतों और बीमारी की रोकथाम को स्वस्थ आहार और साफ-सफाई का अधिक ध्यान रखकर रोका जा सकता है। ब्लॉक विस्तार शिक्षक गौतम ऋषि ने बताया कि डायरिया मुख्य रूप से गंदे हाथों से खाना खाने, दूषित तरीके से खाना पकाने, दूषित पानी पीने और खराब और बैक्टीरिया युक्त भोजन खाने के कारण होता है। उन्होंने कहा कि अगर बीमारी के इन स्रोतों को खत्म कर दिया जाए तो डायरिया से काफी हद तक बचा जा सकता है। 

डायरिया के मरीजों को "ओआरएस" का घोल दें
डायरिया के मरीजों को शुरू में ओआरएस का घोल बनाकर नियमित अंतराल पर पिलाना चाहिए ताकि उनमें पानी की कमी न हो। अगर ओआरएस के पैकेट उपलब्ध न हों तो साफ उबले पानी में चीनी और नमक का घोल बनाकर मरीज को पिलाना चाहिए। साथ ही डॉक्टर की सलाह पर जिंक की दवा 14 दिन तक लेनी होती है ताकि यह बीमारी लंबे समय तक दोबारा न हो।