पावरकॉम सीएचबी कर्मियों के चल रहे संघर्ष के दौरान मुख्यमंत्री के साथ पैनल मीटिंग

होशियारपुर- पावरकॉम एंड ट्रांसको कॉन्ट्रैक्ट वर्कर्स यूनियन पंजाब अपनी जायज मांगों को लेकर लगातार संघर्ष कर रही है। मीटिंग की जानकारी साझा करते हुए प्रदेश अध्यक्ष बलिहार सिंह कटारिया, प्रदेश महासचिव राजेश कुमार मौर, प्रदेश सहायक सचिव टेक चंद, कार्यालय सचिव शेर सिंह, प्रेस सचिव इंद्रप्रीत सिंह ने बताया कि आउटसोर्स कॉन्ट्रैक्ट वर्कर्स को विभाग में सीधे तौर पर नियमित करने, 1948 या 15वें श्रम सम्मेलन के तहत न्यूनतम जीवन निर्वाह वेतन लागू करने, निजीकरण नीति को रद्द करने और ठेका प्रणाली को बंद करने, बिजली के झटके से मरने वाले और विकलांग हो चुके वर्कर्स को स्थायी नौकरी पेंशन की गारंटी देने सहित अन्य मांगों को लेकर लगातार विरोध प्रदर्शन किया जा रहा है।

होशियारपुर- पावरकॉम एंड ट्रांसको कॉन्ट्रैक्ट वर्कर्स यूनियन पंजाब अपनी जायज मांगों को लेकर लगातार संघर्ष कर रही है। मीटिंग की जानकारी साझा करते हुए प्रदेश अध्यक्ष बलिहार सिंह कटारिया, प्रदेश महासचिव राजेश कुमार मौर, प्रदेश सहायक सचिव टेक चंद, कार्यालय सचिव शेर सिंह, प्रेस सचिव इंद्रप्रीत सिंह ने बताया कि आउटसोर्स कॉन्ट्रैक्ट वर्कर्स को विभाग में सीधे तौर पर नियमित करने, 1948 या 15वें श्रम सम्मेलन के तहत न्यूनतम जीवन निर्वाह वेतन लागू करने, निजीकरण नीति को रद्द करने और ठेका प्रणाली को बंद करने, बिजली के झटके से मरने वाले और विकलांग हो चुके वर्कर्स को स्थायी नौकरी पेंशन की गारंटी देने सहित अन्य मांगों को लेकर लगातार विरोध प्रदर्शन किया जा रहा है। 
कल वित्त मंत्री के साथ मीटिंग के बाद आज पुलिस अकादमी फ्लोर पर मुख्यमंत्री भगवंत मान, बिजली मंत्री हरभजन सिंह और मुख्यमंत्री के मुख्य सचिव और बिजली विभाग के प्रमुख सचिव/सीएमडी के साथ-साथ प्रमुख सचिव वित्त विभाग और प्रमुख सचिव कार्मिक विभाग के अधिकारियों के साथ मीटिंग हुई। मुख्यमंत्री की अस्वस्थता के कारण यह बैठक पीसी के माध्यम से हुई और इसमें बिजली मंत्री समेत बाकी अधिकारी मौजूद रहे। 
बैठक में लंबी चर्चा के बाद ठेका कर्मचारी संगठन के नेताओं ने मांग की कि आउटसोर्स ठेका कर्मचारियों को सीधे विभाग में शामिल किया जाए, वेतन न्यूनतम जीवन निर्वाह वेतन अधिनियम 1948 के अनुसार या 15वीं श्रम सम्मेलन के निर्देशों के अनुसार जारी किया जाए और बिजली क्षेत्र का निजीकरण रद्द किया जाए, ठेकेदारी प्रथा रद्द की जाए और बिजली के झटके से जान गंवाने वाले ठेका कर्मचारियों के वारिसों को नौकरी पेंशन की गारंटी दी जाए। 
इस मुद्दे पर मुख्यमंत्री के साथ चर्चा हुई। पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने आश्वासन दिया कि बिजली मंत्री की मांगों, जिनमें आउटसोर्स ठेका कर्मचारियों को विभाग में सीधे शामिल करना, ड्राफ्ट तैयार करना और वेतन में वृद्धि शामिल है, का समाधान किया जाना चाहिए और संगठन के साथ 15 दिनों के भीतर एक और बैठक की जाएगी। 
इन सभी मांगों का एक लिखित पत्र प्रबंधक आईआर पीएसपीसीएल द्वारा जारी किया गया था। संगठन ने अपना हड़ताल कार्यक्रम सामने रखा तथा सरकार व बोर्ड प्रबंधन को चेतावनी दी कि यदि 15 दिन के भीतर समस्या का समाधान नहीं हुआ तो सभी सीएचबी ठेका श्रमिक पुनः हड़ताल करने को मजबूर होंगे।