मुख्यमंत्री श्री नायब सिंह सैनी ने महापौरों से कहा कि वे शहरों के विकास के सारथी हैं।

चंडीगढ़, 16 जून - हरियाणा के मुख्यमंत्री श्री नायब सिंह सैनी ने कहा कि वे अपने-अपने शहरों के प्रथम नागरिक होने के साथ-साथ उनके विकास और प्रगति के सारथी भी हैं। उन्होंने कहा कि महापौर सरकार की नीतियों और योजनाओं को धरातल पर लाते हैं, नागरिकों की अपेक्षाओं को समझते हैं और उनकी समस्याओं का समाधान करते हैं। स्थानीय स्वशासन की अवधारणा में महापौर एक ईख की तरह हैं। मुख्यमंत्री श्री सैनी आज पंचकूला में आयोजित अखिल भारतीय महापौर कार्यकारी परिषद की 115वीं बैठक को संबोधित कर रहे थे।

चंडीगढ़, 16 जून - हरियाणा के मुख्यमंत्री श्री नायब सिंह सैनी ने कहा कि वे अपने-अपने शहरों के प्रथम नागरिक होने के साथ-साथ उनके विकास और प्रगति के सारथी भी हैं। उन्होंने कहा कि महापौर सरकार की नीतियों और योजनाओं को धरातल पर लाते हैं, नागरिकों की अपेक्षाओं को समझते हैं और उनकी समस्याओं का समाधान करते हैं। स्थानीय स्वशासन की अवधारणा में महापौर एक ईख की तरह हैं। मुख्यमंत्री श्री सैनी आज पंचकूला में आयोजित अखिल भारतीय महापौर कार्यकारी परिषद की 115वीं बैठक को संबोधित कर रहे थे।

शहर आर्थिक विकास के इंजन, नवाचार के केंद्र हैं-
मुख्यमंत्री ने कहा कि हरियाणा में महापौर सीधे जनता द्वारा चुने जाते हैं और उनके पास कार्यकारी शक्तियां होती हैं। यह व्यवस्था नागरिकों और जनप्रतिनिधियों के बीच एक मजबूत सेतु बनाती है और निर्णय लेने की प्रक्रिया को आर्थिक रूप से जवाबदेह और प्रभावी बनाती है। उन्होंने कहा कि आज जब देश प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में विकसित भारत के लक्ष्य की ओर बढ़ रहा है, तो शहरों की भूमिका और भी महत्वपूर्ण हो गई है। शहर सिर्फ रहने की जगह नहीं हैं, बल्कि आर्थिक विकास के इंजन, नवाचार के केंद्र और सांस्कृतिक आदान-प्रदान के संगम हैं।

शहरीकरण को चुनौती नहीं, अवसर मान रहा हरियाणा-
मुख्यमंत्री ने कहा कि आज हम शहरीकरण को चुनौती नहीं, अवसर मान रहे हैं। हमारा विजन है कि शहर ईज ऑफ लिविंग और ईज ऑफ डूइंग बिजनेस का संगम बनें। हमें शहरों को सिर्फ इमारतों और सड़कों का ढांचा नहीं बनाना है, बल्कि उन्हें जीवंत, संवेदनशील और आत्मनिर्भर भी बनाना है। उन्होंने कहा कि वर्ष 2047 तक भारत के लगभग 90 करोड़ लोग शहरों में रहेंगे। यह सिर्फ एक संख्या नहीं, बल्कि बहुत बड़ी संभावना है। नए अवसरों, नए बुनियादी ढांचे और नई जीवनशैली की। हमें इस बदलाव को सुनियोजित शहरीकरण, डिजिटल एकीकरण और पर्यावरण संरक्षण के साथ अपनाना है। 

हरियाणा में शहरी विकास ने गति पकड़ी-
मुख्यमंत्री ने कहा कि हरियाणा में वर्ष 2014-15 में शहरी स्थानीय निकायों को विकास कार्यों के लिए 1,693 करोड़ रुपये की राशि दी गई थी, जिसे वर्ष 2025-26 में बढ़ाकर 5,666 करोड़ रुपये कर दिया गया है। चार महानगर विकास प्राधिकरणों का गठन किया गया है तथा फरीदाबाद और करनाल को स्मार्ट सिटी के रूप में विकसित किया जा रहा है। इसके तहत फरीदाबाद में 930 करोड़ रुपये तथा करनाल में 927 करोड़ रुपये की लागत से 45 परियोजनाओं पर काम चल रहा है। उन्होंने कहा कि अब तक 2,147 अवैध कॉलोनियों को नियमित किया जा चुका है तथा नई अधिकृत कॉलोनियों में 1,000 करोड़ रुपये की लागत से विकास कार्य किए जा रहे हैं।

शहरी परिवहन, आवास और ठोस अपशिष्ट प्रबंधन में प्रमुख उपलब्धियां-
मुख्यमंत्री ने कहा कि अमृत मिशन के तहत अब तक 2,930 करोड़ रुपये खर्च किए जा चुके हैं। 375 इलेक्ट्रिक बसों के संचालन के लक्ष्य में से 9 शहरों में 50 बसें संचालित की जा चुकी हैं तथा प्रधानमंत्री ई-बस सेवा योजना के तहत वर्ष 2026 तक 450 बसें खरीदी जाएंगी। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री आवास योजना-शहरी के तहत 21,431 मकान बनाए जा चुके हैं तथा 11,412 मकान निर्माणाधीन हैं। मुख्यमंत्री शहरी आवास योजना के तहत 14 शहरों में 15,256 परिवारों को 30-30 वर्ग गज के प्लाट दिए गए हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि हरियाणा ने डोर-टू-डोर कूड़ा कलेक्शन, सामुदायिक खाद बनाने तथा बायोगैस प्लांट के माध्यम से ठोस अपशिष्ट प्रबंधन में सराहनीय कार्य किया है। इसके लिए हर प्रक्रिया को सरल तथा डिजिटल बनाया गया है ताकि नागरिकों को शहरी सेवाएं आसानी से मिल सकें। 

महापौरों से शहरों की ब्रांडिंग करने की अपील- 
मुख्यमंत्री ने कहा कि यह बैठक पिछले अनुभवों की समीक्षा, नई चुनौतियों पर चर्चा तथा महापौर निगमों को मजबूत बनाने की दिशा में मील का पत्थर साबित होगी। उन्होंने सभी महापौरों से अपील की कि वे अपने शहरों की ब्रांडिंग करें, उन्हें विशेष पहचान दें और इस मिशन में भागीदार बनें। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि परिषद की यह बैठक सार्थक चर्चाओं और नए संकल्पों के साथ समाप्त होगी तथा सभी प्रतिनिधि अपने-अपने शहरों में सकारात्मक बदलाव के वाहक बनेंगे।

प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में भारत की प्रगति-
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के नेतृत्व में देश ने पिछले 11 वर्षों में असाधारण प्रगति की है। 2014 में जब प्रधानमंत्री ने शपथ ली थी, तब भारत की अर्थव्यवस्था 11वें स्थान पर थी। आज भारत 2025 तक चौथी सबसे बड़ी आर्थिक शक्ति के रूप में स्थापित हो चुका है और 2029 तक तीसरी सबसे बड़ी आर्थिक शक्ति बन जाएगा। प्रधानमंत्री श्री मोदी जी ने 2047 से पहले भारत को विकसित राष्ट्र बनाने का जो संकल्प लिया है, वह अवश्य साकार होगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारी सरकार ने महापौर और सभापति के सीधे चुनाव कराकर उनकी प्रतिष्ठा और विकास की गति को बढ़ाने का काम किया है। एंथोंडेया की भावना के अनुरूप सभी महापौरों को अधिक जिम्मेदारी के साथ काम करना होगा ताकि विकास योजनाओं का लाभ अंतिम व्यक्ति तक पहुंच सके।

इंदौर मॉडल की सराहना व प्रेरणा-
मुख्यमंत्री ने इंदौर की स्वच्छता रैंकिंग की सराहना करते हुए कहा कि महापौर व पार्षद इंदौर जाकर वहां की योजनाओं व मॉडलों का अध्ययन करें ताकि हरियाणा के शहरों में भी ऐसे ही मॉडल लागू किए जा सकें। उन्होंने प्रधानमंत्री आवास योजना, स्वच्छ भारत मिशन व शौचालय निर्माण जैसी योजनाओं की सफलता में महापौरों की भूमिका की सराहना की और कहा कि इन योजनाओं को धरातल पर लागू करने का काम महापौरों द्वारा ही किया जाता है।
इस बैठक में राज्यसभा सांसद श्री कार्तिकेय शर्मा, कालका से विधायक श्रीमती शक्ति रानी शर्मा, अखिल भारतीय महापौर परिषद की अध्यक्ष श्रीमती माधुरी अतुल पटेल, अखिल भारतीय महापौर परिषद के संगठन महासचिव व मध्य प्रदेश के पूर्व मंत्री श्री उमाशंकर, अखिल भारतीय महापौर परिषद की वरिष्ठ उपाध्यक्ष व करनाल की महापौर श्रीमती रेणु बाल गुप्ता, पंचकूला के महापौर श्री कुलभूषण गोयल व विभिन्न राज्यों के महापौर उपस्थित थे।