वास्तु बन सकता है वरदान - डॉ. भूपेंद्र वास्तुशास्त्री।

होशियारपुर- मनुष्य को गलतियों की मूर्ति भी कहा गया है, अगर व्यक्ति को अतीत की गलतियों से सीख लेकर आने वाले कल को सुनहरा बनाना है तो उसे अतीत की गलतियों को छिपाना होगा। और गलतियों को रोकने के लिए उसे अपने घर के वास्तु, खासकर पंच तत्वों को सुधारना होगा।

होशियारपुर- मनुष्य को गलतियों की मूर्ति भी कहा गया है, अगर व्यक्ति को अतीत की गलतियों से सीख लेकर आने वाले कल को सुनहरा बनाना है तो उसे अतीत की गलतियों को छिपाना होगा। और गलतियों को रोकने के लिए उसे अपने घर के वास्तु, खासकर पंच तत्वों को सुधारना होगा। 
यह मानना है अंतरराष्ट्रीय ख्याति प्राप्त वास्तुविद और लेखक डॉ. भूपेंद्र वास्तुशास्त्री का! अगर हम अपने घर में पंच तत्वों को सही तरीके से व्यवस्थित कर लें तो हमारा घर हमारे भविष्य का मार्गदर्शक बनकर हमारे लिए वरदान बन सकता है! पृथ्वी, जल, अग्नि, आकाश और वायु, शरीर पंच तत्वों से बना है। प्रकृति और मानव शरीर में पंच तत्व__
आकाश, पृथ्वी, जल, वायु और अग्नि ये पांच तत्व हैं जिनसे ब्रह्मांड बना है और हम इन तत्वों से अपने भवनों का निर्माण करते हैं।_
आकाश तत्व को संतुलित करने से सुनने की शक्ति बढ़ती है, जिससे व्यक्ति शांत और शांतिपूर्ण रहता है।
पृथ्वी तत्व को संतुलित करके हम अपने जीवन में स्थिरता और सुरक्षा की भावना पैदा कर सकते हैं।
जल तत्व को संतुलित करके हम अपने व्यवसाय को बढ़ावा दे सकते हैं और धन में वृद्धि कर सकते हैं।
अग्नि तत्व को संतुलित करके हम अपने जीवन और संपत्ति को सुरक्षित रख सकते हैं।
वायु तत्व को संतुलित करके हम अपने सम्मान और अच्छे स्वास्थ्य को बढ़ा सकते हैं।
यदि किसी भी भवन में पंच तत्वों का उचित संतुलन है, तो वहां रहने वाला व्यक्ति प्रकृति द्वारा दिए गए वरदान के रूप में उत्तरोत्तर विकास के पथ पर सफलता का घोड़ा दौड़ाता रहेगा।