पीआरटीसी रिटायर्ड कर्मचारियों ने पटियाला में किया जोरदार प्रदर्शन: बकाया और पेंशन की मांग

पटियाला: 11 जून: कल पीआरटीसी रिटायर्ड वर्कर्स कम्युनिटी यूनियन (एटक) के आह्वान पर सैकड़ों रिटायर्ड कर्मचारियों ने वेतन, पेंशन, मेडिकल बिल, रिटायरमेंट बकाया, पे कमीशन का बकाया और कई अन्य प्रकार के बकाया और मई महीने की पेंशन न मिलने के विरोध में पटियाला में पीआरटीसी कार्यालय के सामने प्रदर्शन किया। इस प्रदर्शन का नेतृत्व सर्व श्री निर्मल सिंह धालीवाल संरक्षक, उत्तम सिंह बागड़ी अध्यक्ष, मोहम्मद खलील महासचिव और राम सरूप अग्रवाल आदि नेताओं ने किया।

पटियाला: 11 जून: कल पीआरटीसी रिटायर्ड वर्कर्स कम्युनिटी यूनियन (एटक) के आह्वान पर सैकड़ों रिटायर्ड कर्मचारियों ने वेतन, पेंशन, मेडिकल बिल, रिटायरमेंट बकाया, पे कमीशन का बकाया और कई अन्य प्रकार के बकाया और मई महीने की पेंशन न मिलने के विरोध में पटियाला में पीआरटीसी कार्यालय के सामने प्रदर्शन किया। इस प्रदर्शन का नेतृत्व सर्व श्री निर्मल सिंह धालीवाल संरक्षक, उत्तम सिंह बागड़ी अध्यक्ष, मोहम्मद खलील महासचिव और राम सरूप अग्रवाल आदि नेताओं ने किया।
प्रदर्शनकारियों को संबोधित करते हुए सर्व श्री निर्मल सिंह धालीवाल, मोहम्मद खलील और उत्तम सिंह बागड़ी ने कहा कि आज की सरकार और अफसरशाही इतनी असंवेदनशील हो गई है कि वे कर्मचारियों के कर्तव्यों, जिम्मेदारियों, कानूनों और अधिकारों का उल्लंघन और अनदेखी करना अपनी मर्जी का मामला मानने लगे हैं। 
अगर ऐसा नहीं है तो जिन कर्मचारियों ने बुढ़ापे तक कड़ी मेहनत करके संस्था को अपना जीवन समर्पित किया है, उनके वेतन और पेंशन में एक दिन की भी देरी नहीं होनी चाहिए। 
इसलिए भले ही 11 तारीख हो गई हो, लेकिन यह कब मिलेगा इसका कोई स्पष्ट संकेत नहीं है। क्योंकि पंजाब की पूंजीपतियों और व्यापारियों के हितैषी जनविरोधी सरकार ने पीआरटीसी की मुफ्त यात्रा के लिए सरकार की ओर 600 करोड़ रुपये देने का वादा किया है, इसके बावजूद जरूरी जरूरतों के लिए जरूरी पैसा भी पीआरटीसी को नहीं दिया जा रहा है। 
जबकि वेतन आयोग का बकाया, सेवानिवृत्ति बकाया, मेडिकल बिल बकाया और 170 करोड़ से अधिक के कई अन्य बकाया कर्मचारियों को वर्षों से नहीं दिए जा रहे हैं। नेताओं ने कड़ा विरोध जताते हुए कहा कि पीआरटीसी के चेयरमैन आप पार्टी के एक राजनीतिक नेता हैं जो अब अपने अधिकारों से परे जाकर पीआरटीसी के मास्टरमाइंड बन गए हैं।
 इसी तरह, इसी पार्टी के 4-5 अन्य नेता पीआरटीसी के वाइस चेयरमैन और बोर्ड ऑफ डायरेक्टर के पदों पर काबिज हैं। क्या इन सभी का यह फर्ज नहीं बनता कि कर्मचारियों के कानूनी अधिकारों की रक्षा की जाए और इसके अलावा पीआरटीसी की बेहतरी के लिए कुछ नई बसें लाने का प्रबंध किया जाए, जिसे चार साल में एक भी बस नहीं मिल पाई है। 
जबकि सरकार इन बसों को लाने के लिए कोई पैसा नहीं देगी। नेताओं ने मैनेजमेंट को चेतावनी दी है कि इस तरह का आर्थिक उत्पीड़न ज्यादा दिनों तक बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। बल्कि लगातार अपना विरोध जताने और सरकार के कर्मचारी विरोधी चेहरे को बेनकाब करने के लिए तत्काल कार्रवाई के तौर पर 14 जून 2025 को लुधियाना के उपचुनाव वाले हलके में रोष मार्च निकाला जाएगा।