भगत कबीर जी के दोहे आज भी समाज और मानव जीवन में पूरी तरह प्रासंगिक: राज्यपाल गुलाब चंद कटारिया

साहिबजादा अजीत सिंह नगर, 11 जून: पंजाब के राज्यपाल गुलाब चंद कटारिया ने आज यहां भगत कबीर जी के प्रकाश उत्सव के अवसर पर चंडीगढ़ ग्रुप ऑफ कॉलेजज, लांडरां में भगत कबीर वेलफेयर फाउंडेशन द्वारा आयोजित राज्य स्तरीय सेमिनार में शामिल होते हुए कहा कि भगत कबीर जी के दोहे और शिक्षाएं आज की सामाजिक परिस्थितियों और मानव जीवन के लिए पूरी तरह प्रासंगिक हैं।

साहिबजादा अजीत सिंह नगर, 11 जून: पंजाब के राज्यपाल गुलाब चंद कटारिया ने आज यहां भगत कबीर जी के प्रकाश उत्सव के अवसर पर चंडीगढ़ ग्रुप ऑफ कॉलेजज, लांडरां में भगत कबीर वेलफेयर फाउंडेशन द्वारा आयोजित राज्य स्तरीय सेमिनार में शामिल होते हुए कहा कि भगत कबीर जी के दोहे और शिक्षाएं आज की सामाजिक परिस्थितियों और मानव जीवन के लिए पूरी तरह प्रासंगिक हैं।
 उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश के वाराणसी (काशी) में जन्मे इस महान संत को यद्यपि किताबी ज्ञान नहीं था, लेकिन उन्होंने महान संतों की संगति से अनुभव के आधार पर ज्ञान प्राप्त किया। यही कारण है कि सैकड़ों वर्षों के बाद भी उनकी शिक्षाएं आम लोगों, समाज और बुद्धिजीवियों के बीच उतनी ही प्रभावी हैं।
उन्होंने कहा कि भगत कबीर जी भक्ति आंदोलन के एक प्रमुख स्तंभ थे, जो ईश्वर के प्रति प्रेम और भक्ति पर केंद्रित था। कबीर जी को संत रामानंद और शेख तकी जैसे गुरुओं से आध्यात्मिक मार्गदर्शन प्राप्त हुआ, जिसने उनके अद्वितीय दर्शन को आकार दिया।
उन्होंने कहा कि जिस समय संत कबीर का अवतरण हुआ, वह समय भारत में विदेशी आक्रांताओं के हमलों, नरसंहारों और लूटपाट का समय था। ऐसे कठिन वातावरण में कबीर साहब स्वयं लोगों के बीच विश्वास, प्रेम और सद्भाव का संदेश फैलाने के लिए जाते थे।
 वे लोगों से सीधा संवाद करते थे। उस समय भेदभाव, जातिवाद और छुआछूत की गहरी नींद में सोए लोगों को जगाने के लिए ऐसा करना बेहद जरूरी था, क्योंकि एक जागृत व्यक्ति ही समाज का भला कर सकता है, इसलिए उन्होंने पहले समाज को जगाया और फिर उन्हें बोध कराया। 
उन्होंने कहा कि भगत कबीर जी ने उस समय के विभाजित समाज में सद्भाव लाने के लिए सामाजिक सद्भाव का बारीक धागा बुना। उन्होंने इसे ज्ञान के रंग से खूबसूरती से रंगा। उन्होंने एकता और सद्भाव का मजबूत सूत्र तैयार किया तथा समरस समाज के निर्माण का ताना-बाना बुना।
उन्होंने कहा कि भगत कबीर जी ने हमेशा इस बात पर जोर दिया कि समाज के सबसे कमजोर वर्ग के प्रति संवेदनशीलता और करुणा के बिना मानवता की रक्षा नहीं की जा सकती। असहाय लोगों की मदद के बिना समाज में समरसता नहीं आ सकती। सभी मनुष्यों के प्रति प्रेम ही सच्चा मानव धर्म है।
राज्यपाल कटारिया ने कहा कि वे स्वयं को बहुत सौभाग्यशाली मानते हैं कि वे आज भगत कबीर जी की जयंती के अवसर पर भगत कबीर वेलफेयर फाउंडेशन (रजि.) द्वारा श्री हरि शरणम सेवा संस्थान के सहयोग से आयोजित कार्यक्रम का हिस्सा बन सके। उन्होंने कहा कि फाउंडेशन द्वारा दलगत भावना से ऊपर उठकर बड़ी श्रद्धा और उत्साह के साथ आयोजित यह सेमिनार निःसंदेह आने वाले समय में एक बड़ी उपलब्धि के रूप में जाना जाएगा।
चंडीगढ़ ग्रुप ऑफ कॉलेज लांडरां कैंपस के ऑडिटोरियम में भगत कबीर वेलफेयर फाउंडेशन (रजि.) द्वारा श्री हरि शरणम सेवा संस्थान के सहयोग से, फाउंडेशन के संस्थापक महासचिव प्रदीप सिंह हैप्पी व संस्थान के अध्यक्ष विशाल शर्मा के नेतृत्व में आयोजित इस सेमिनार के दौरान अन्य वक्ताओं ने भी भगत कबीर जी के जीवन व शिक्षाओं पर अपने विचार साझा किए। 
अमृतसर उत्तरी के विधायक डॉ. कुंवर विजय प्रताप सिंह ने कहा कि भगत कबीर जी एक समाज विज्ञानी के रूप में जाने जाते हैं, भगत कबीर जी के क्रांतिकारी विचारों की प्रामाणिकता आज भी पूरी तरह अस्पष्टता में बरकरार है। 
केंद्रीय विश्वविद्यालय धर्मशाला के कुलपति डॉ. कुलदीप अग्निहोत्री ने कहा कि मध्यकाल में भी भगत कबीर जी ने राजाओं व बादशाहों की मौजूदगी में स्पष्ट व निडरता से कहा था कि शब्दों के अर्थ होते हैं और अर्थों की खोज करके ही जीवन की सच्चाई को पाया जा सकता है। भगत कबीर जी ने मध्यकाल में लोगों को नई उम्मीद दी थी।
 इस अवसर पर चंडीगढ़ ग्रुप ऑफ कॉलेजेज के अध्यक्ष रशपाल सिंह धालीवाल, बाल मुकंद शर्मा चेयरमैन पंजाब राज्य खाद्य आयोग, गुरप्रीत सिंह जी पी, पूर्व विधायक बस्सी पठाना, परमजीत कौर लांडरां (पूर्व चेयरपर्सन पंजाब राज्य महिला आयोग), संजीव वशिष्ठ, सुखविंदर सिंह गोल्डी, कुलजीत सिंह बेदी डिप्टी मेयर मोहाली, सुरिंदर सिंह किशनपुरा, कवलजीत सिंह रूबी-अध्यक्ष सरबत दा भला चैरिटेबल ट्रस्ट मोहाली, परमजीत सिंह काहलों, प्रेम सिंह ढिल्लों, एडवोकेट गुरजीत सिंह शेखां माजरा, एडवोकेट गगनप्रीत सिंह बैंस, पूर्व पार्षद गुरमुख सिंह सोहल, फुलराज सिंह-स्टेट अवार्डी, हरमनप्रीत सिंह-सनी खन्ना, जसवंत सिंह भुल्लर, डीएसपी हरसिमरत सिंह बल्ल, कवलजीत कौर सुहाना और जसवीर कौर अतली भी मौजूद थे।