अध्यापकों की मांगों का समाधान न होने के विरोध में 11 जून को लुधियाना में राज्य स्तरीय रोष प्रदर्शन किया जाएगा।

गढ़शंकर, 8 जून, 2025- पंजाब सरकार के शिक्षा क्रांति के नारे को खोखला करार देते हुए स्कूली अध्यापकों के प्रमुख विरोध संगठनों ने अध्यापकों की विभागीय और वित्तीय मांगों का समाधान न होने के विरोध में 11 जून को लुधियाना शहर में राज्य स्तरीय रोष प्रदर्शन करने का ऐलान किया है।

गढ़शंकर, 8 जून, 2025- पंजाब सरकार के शिक्षा क्रांति के नारे को खोखला करार देते हुए स्कूली अध्यापकों के प्रमुख विरोध संगठनों ने अध्यापकों की विभागीय और वित्तीय मांगों का समाधान न होने के विरोध में 11 जून को लुधियाना शहर में राज्य स्तरीय रोष प्रदर्शन करने का ऐलान किया है।
इस अवसर पर डीटीएफ के राज्य संयुक्त सचिव मुकेश कुमार, जिला अध्यक्ष सुखदेव डांसवाल, जिला सचिव इंद्रसुखदीप सिंह ओदरा और स्थानीय नेता संदीप सिंह, हरविंदर सिंह और मनदीप सिंह ने पंजाब सरकार से मांग की कि पुनर्गठित मेरिट सूची से बाहर किए गए 3704 मास्टर कैडर, 899 अंग्रेजी, 6635 ईटीटी के सैकड़ों अध्यापकों की नौकरी और भविष्य सुरक्षित किया जाए और 3704 मास्टर कैडर और 6635 ईटीटी अध्यापकों को जारी किए गए सेवा समाप्ति नोटिस शुरू से ही रद्द किए जाएं।
इसी तरह पक्षपातपूर्ण स्टेशन चयन नीति के शिकार 6635 ईटीटी, 4161 व 2392 मास्टर, ईटीटी से मास्टर व मास्टर से लेक्चरर पदोन्नत अध्यापकों व छूट प्राप्त श्रेणियों को बिना शर्त तबादलों का विशेष अवसर दिया जाए तथा ‘जनरल तबादलों-2025’ की प्रक्रिया तुरंत शुरू की जाए। 
नेताओं ने मांग की कि शिक्षा विभाग में कार्यरत ईटीटी से प्रिंसिपल तक सभी टीचिंग व नॉन टीचिंग कैडर कर्मचारियों की सभी लंबित पदोन्नतियां बिना किसी पक्षपात के सभी रिक्त स्टेशनों को प्रस्तुत करके 75 प्रतिशत पदोन्नति कोटे के अनुसार पूरी की जाएं। शिक्षा विभाग के अधीन कंप्यूटर अध्यापकों, मेधावी अध्यापकों, सहयोगी अध्यापकों, सभी कच्चे अध्यापकों व सभी नॉन टीचिंग को नियमित किया जाए। 
5178 अध्यापकों को प्रोबेशन अवधि के दौरान पूर्ण वेतनमान के अनुसार एरियर देने के न्यायालय के फैसले को सामान्य करने के फैसले को हकीकत में लागू किया जाए। डीटीएफ की ओर से अध्यापक नरिंदर भंडारी की सेवा समाप्ति के प्रस्ताव को रद्द कर सेवाएं पक्की करने तथा ओडीएल अध्यापकों के लंबित नियमित आदेश जारी करने की मांग फिर उठाई गई।
 इसी प्रकार पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट द्वारा डॉ. रविंदर कंबोज की सेवा समाप्ति के आदेश को रद्द करने के फैसले को वापस लेते हुए लंबित नियमित पत्र को लागू करने की मांग की गई। उन्होंने मांग की कि ओडीएल अध्यापकों को नियमित तिथि के अनुसार बकाया वेतन देने के कोर्ट के फैसले को लागू किया जाए।
 प्रिंसिपल, बीपीईओ और हेडमास्टरों की सीधी भर्ती को रद्द करने के फैसले को वापस लिया जाए और 25 प्रतिशत कोटे के अनुसार भर्ती पूरी की जाए। 17-07-2020 के बाद लागू किए गए नए स्केल को रद्द करने, पंजाब वेतनमान को बहाल करने और प्रोबेशन अवधि के दौरान पूरा वेतनमान देने के बारे में कोर्ट के फैसले को लागू किया जाए। 
पुरानी पेंशन, ग्रामीण और सीमा क्षेत्र भत्ते और वार्षिक दक्षता योजना (एसीपी) सहित काटे गए सभी भत्ते बहाल किए जाएं और कर्मचारियों का लंबित 13 प्रतिशत डीए जारी किया जाए। पीटीआई और आर्ट क्राफ्ट अध्यापकों के पे ग्रेड को कम करने के फैसले को शुरू से रद्द किया जाए। 10 साल की सेवा पूरी कर चुके 125 वालंटियर अध्यापकों को एसोसिएट अध्यापक का दर्जा दिया जाए। 
3582 मास्टर कैडर को प्रशिक्षण की तिथि से सभी लाभ मिलना सुनिश्चित किया जाए। 5994 ईटीटी (बैकलॉग) तथा 2364 भर्तियों में से शेष बचे नियुक्ति पत्र जारी किए जाएं। पुरुष अध्यापकों के लिए अप्रत्याशित अवकाश के विस्तार के लिए अनुबंध आधारित नौकरियों को भी योग्य माना जाए।