
मुस्लिम संगठन पंजाब व अन्य संगठनों ने वक्फ संशोधन अधिनियम के खिलाफ किया प्रदर्शन
नवांशहर- आज मुस्लिम संगठन पंजाब व अन्य संगठनों ने वक्फ संशोधन अधिनियम को निरस्त करने की मांग को लेकर नवांशहर में प्रदर्शन किया, जिसमें भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी-लेनिनवादी) न्यू डेमोक्रेसी ने बड़ी संख्या में भाग लिया। प्रदर्शनकारी पहले स्थानीय मस्जिद में एकत्र हुए, जिसके बाद उन्होंने शहर में प्रदर्शन किया और राष्ट्रपति के नाम जिला प्रशासन को ज्ञापन सौंपा।
नवांशहर- आज मुस्लिम संगठन पंजाब व अन्य संगठनों ने वक्फ संशोधन अधिनियम को निरस्त करने की मांग को लेकर नवांशहर में प्रदर्शन किया, जिसमें भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी-लेनिनवादी) न्यू डेमोक्रेसी ने बड़ी संख्या में भाग लिया। प्रदर्शनकारी पहले स्थानीय मस्जिद में एकत्र हुए, जिसके बाद उन्होंने शहर में प्रदर्शन किया और राष्ट्रपति के नाम जिला प्रशासन को ज्ञापन सौंपा।
डीसी कार्यालय के समक्ष आयोजित प्रदर्शन का नेतृत्व मुस्लिम संगठन पंजाब के अध्यक्ष एडवोकेट नईम, जमीयत-ए-उलमा हिंद जिला जालंधर के अध्यक्ष मजहर आलम, मुस्लिम संगठन पंजाब के जिला अध्यक्ष निजाम, जमीयत-ए-उलमा हिंद जिला नवांशहर के अध्यक्ष डॉ. अशरफ, सीपीआई (एमएल) एनडी नेता कुलविंदर सिंह वड़ैच, डेमोक्रेटिक लॉयर्स एसोसिएशन पंजाब के कन्वीनर दलजीत सिंह एडवोकेट, जम्हूरी अधिकार सभा के जिला सचिव जसबीर दीप, डॉ. भवन के अध्यक्ष सतीश, इस्तेखार, इरशाद, जावेद व सलीम ने किया।
अब बोर्ड के सभी सदस्यों की नियुक्ति सरकार करेगी, जिससे समुदाय द्वारा चुने जाने की प्रक्रिया खत्म हो गई है। उन्होंने कहा कि नए कानून में हर प्रांतीय बोर्ड में दो अन्य समुदायों (गैर-मुस्लिम) के सदस्यों को शामिल करना अनिवार्य कर दिया गया है। साफ है कि यह पूरी योजना वक्फ संपत्तियों से मुस्लिम समुदाय का नियंत्रण हटाकर सरकार को देने की है।
नेताओं ने कहा कि नया कानून समुदाय से प्रबंधन का अधिकार छीन लेता है, जहां बोर्ड के 11 सदस्यों में से केवल 4 मुस्लिम होने चाहिए। इस तरह 7 सदस्य गैर-मुस्लिम हो सकते हैं और मुस्लिम सदस्यों की राय को नजरअंदाज कर उनके धार्मिक मामलों में हस्तक्षेप किया जा सकता है। वक्फ वे दान हैं जो मुसलमान धार्मिक या धर्मार्थ उद्देश्यों के लिए देते हैं। वक्फ बोर्ड ऐतिहासिक मस्जिदों, मकबरों, कब्रिस्तानों, ईदगाहों, दुकानों और लाखों एकड़ जमीन का प्रबंधन करते हैं। सच्चर कमेटी की रिपोर्ट के मुताबिक 6 लाख एकड़ से ज्यादा जमीन वक्फ के अधीन है।
नया कानून वक्फ संपत्तियों, खासकर शहरी इलाकों की कीमती संपत्तियों पर ध्यान केंद्रित कर रहा है। सच्चर कमेटी ने कहा कि दिल्ली समेत पांच राज्यों में 604 वक्फ संपत्तियों पर सरकार ने अवैध कब्जा कर रखा है। यह हमला आरएसएस-बीजेपी द्वारा अल्पसंख्यकों पर फासीवादी हमला है। वे नौकरी, रोजगार, आवास, भोजन की आजादी से लेकर धार्मिक अधिकारों तक पर मुसलमानों पर हमला कर रहे हैं। व्यावसायिक जबरन वसूली की मांग, हिंसक हमले और अब ये कानूनी हमले। ये सब एक समग्र हमले का हिस्सा हैं।
