घसोखाना सीवरेज पाइपलाइन मामला

मौर मंडी/बठिंडा- मौर मंडी में गंदे पानी की निकासी के लिए कोटफत्ता के लसारा ड्रेन (घसोखाना गांव के रास्ते) तक बिछाई जा रही पाइप लाइन के विरोध में प्रदर्शन कर रहे किसान नेता काका सिंह कोटड़ा समेत बड़ी संख्या में नेताओं की गिरफ्तारी के विरोध में बठिंडा पुलिस ने दर्जनों किसानों को हिरासत में ले लिया।

मौर मंडी/बठिंडा- मौर मंडी में गंदे पानी की निकासी के लिए कोटफत्ता के लसारा ड्रेन (घसोखाना गांव के रास्ते) तक बिछाई जा रही पाइप लाइन के विरोध में प्रदर्शन कर रहे किसान नेता काका सिंह कोटड़ा समेत बड़ी संख्या में नेताओं की गिरफ्तारी के विरोध में बठिंडा पुलिस ने दर्जनों किसानों को हिरासत में ले लिया। 
पुलिस की नाकेबंदी विफल होने के बाद किसान सड़कों पर उतरने में सफल रहे। पुलिस किसानों के मार्च को विफल करने में सफल जरूर रही, लेकिन किसानों को खेतों तक ही सीमित रखने की नीति को विफल नहीं किया जा सका। भारतीय किसान यूनियन एकता सिद्धूपुर के नेतृत्व में पहुंचे किसानों ने इन गिरफ्तारियों के खिलाफ बठिंडा में धरना देने का आह्वान किया था। 
पंजाब के मुख्यमंत्री के बठिंडा दौरे के मद्देनजर किसानों के इस ऐलान के चलते जिला प्रशासनिक परिसर के पास का इलाका पुलिस छावनी में तब्दील हो गया था। पुलिस ने किसी भी अप्रिय स्थिति से निपटने के लिए अपने उपकरण तैनात कर रखे थे तथा गिरफ्तारी की स्थिति में किसानों को ले जाने के लिए बसें आदि मौके पर मौजूद थीं।
 इस बीच, जैसे ही छोटे-छोटे समूहों में मौके पर पहुंचे किसानों ने विरोध प्रदर्शन शुरू किया, तो मौके पर मौजूद पुलिस ने किसानों को हिरासत में लेना शुरू कर दिया। मौके पर तैनात एक डीएसपी के आदेश पर पुलिस ने गलियों में घूम रहे किसानों की तलाशी ली तथा उन्हें गिरफ्तार कर बसों में अज्ञात स्थान पर ले गई। पुलिस ने किसानों के मोबाइल फोन भी अपने कब्जे में ले लिए। 
किसानों ने पुलिस कार्रवाई को लोकतंत्र की हत्या तथा उत्पीड़न करार दिया है। यहां यह भी उल्लेखनीय है कि कुछ दिन पहले ग्रामीणों ने जिले के उच्च अधिकारियों को लिखित आवेदन के माध्यम से पाइप बिछाने के कारण गांव को हो रहे नुकसान से अवगत कराया था तथा गांव में पाइप न बिछाने की मांग की थी। किसानों का तर्क था कि सरकार को गांव के अंदर सड़क के बजाय स्टेट हाईवे बाईपास से पाइप बिछाने पर विचार करना चाहिए। 
इसके बावजूद जब जिला प्रशासन ने पाइप बिछाने का काम शुरू किया तो किसानों ने विरोध प्रदर्शन करने के लिए तंबू गाड़ लिए। भारतीय किसान यूनियन एकता सिद्धूपुर के प्रदेश महासचिव काका सिंह कोटड़ा व कोषाध्यक्ष मुख्तियार सिंह कुब्बे जब किसानों का नेतृत्व करने मौके पर पहुंचे तो पुलिस ने दोनों नेताओं व करीब 20 किसानों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया। 
किसान यूनियन ने इसके विरोध में आज किसानों को बठिंडा पहुंचने का आह्वान किया था, लेकिन किसानों के विरोध प्रदर्शन शुरू करने से पहले ही पुलिस ने उन्हें हिरासत में ले लिया। उल्लेखनीय है कि मौड़ मंडी में लंबे समय से गलियों व बाजारों में खड़े गंदे पानी की निकासी का उचित प्रबंध करने के लिए सरकार सीवर पाइप बिछाने पर करीब 24 करोड़ रुपये खर्च कर रही है। सीवर के गंदे पानी को लेकर मंडी वासी कई बार सीवरेज विभाग व पंजाब सरकार के खिलाफ विरोध प्रदर्शन कर चुके थे और मंडी वासियों में इसको लेकर बड़ा विरोध भी हुआ था। 
यह एक ऐसा मामला है जो सामाजिक व राजनीतिक हलकों में बड़े स्तर पर चर्चा का विषय बन रहा था। इस विरोध को दूर करने के लिए जिला प्रशासन सरकारी नियमों के अनुसार काम करवाने पर तुला हुआ है, जिसका भारतीय किसान यूनियन एकता सिद्धूपुर विरोध कर रही है। पिछले मंगलवार को पुलिस ने प्रदर्शनकारियों के टेंट आदि उखाड़ दिए थे और पाइप बिछाने का काम शुरू कर दिया था।