मैकमास्टर यूनिवर्सिटी ने कनिष्क घटना स्मारक बनाया

वैंकूवर, 27 मई - हैमिल्टन, ओंटारियो में मैकमास्टर यूनिवर्सिटी ने करीब चालीस साल पहले हुई उस घटना के लिए एक स्मारक बनाया है, जिसमें मॉन्ट्रियल-दिल्ली एयर इंडिया की फ्लाइट बम विस्फोट में उड़ गई थी। उल्लेखनीय है कि इस बम विस्फोट में विमान में सवार सभी यात्री मारे गए थे। इस घटना का सच अभी तक लोगों के सामने नहीं आया है। इस दुर्घटना को कनिष्क घटना के नाम से भी जाना जाता है।

वैंकूवर, 27 मई - हैमिल्टन, ओंटारियो में मैकमास्टर यूनिवर्सिटी ने करीब चालीस साल पहले हुई उस घटना के लिए एक स्मारक बनाया है, जिसमें मॉन्ट्रियल-दिल्ली एयर इंडिया की फ्लाइट बम विस्फोट में उड़ गई थी। उल्लेखनीय है कि इस बम विस्फोट में विमान में सवार सभी यात्री मारे गए थे। इस घटना का सच अभी तक लोगों के सामने नहीं आया है। इस दुर्घटना को कनिष्क घटना के नाम से भी जाना जाता है।
योगेश्वर सिंह रंधावा ने कहा कि यह सिर्फ एक स्मारक नहीं है, बल्कि एक आवाज है जो न्याय की मांग करती रहेगी। उन्होंने कहा कि यूनिवर्सिटी का यह कदम सरकारों को ऐसी घटनाओं के बारे में सचेत करता रहेगा और यह स्थान कनाडा की न्याय व्यवस्था को तब तक मुंह चिढ़ाता रहेगा, जब तक न्याय नहीं मिल जाता।
गौरतलब है कि सितंबर 1985 में मॉन्ट्रियल से दिल्ली जा रहे कनिष्क नामक विमान में रखा टाइम बम हवा में ही फट गया था, जिसके बाद उसका मलबा समुद्र में भी नहीं मिला था।
इस संबंध में वर्षों तक चली जांच के बाद अदालत ने 10 साल पहले सबूतों के अभाव में कथित दोषियों को बरी कर दिया था। इस दुर्घटना में मरने वाले यात्री, जिनमें से अधिकतर भारतीय थे, जिनमें पंजाब के एक पूर्व मंत्री का परिवार भी शामिल है, न्याय की मांग कर रहे हैं। इससे पहले पूर्व प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने कहा था कि वह इसकी जांच करेंगे, लेकिन किसी भी जांच एजेंसी को इसकी जिम्मेदारी नहीं सौंपी गई है।