भूमि अधिग्रहण संघर्ष समिति के नेताओं का दमन पंजाब सरकार का दलित-विरोधी, मजदूर-विरोधी चेहरा उजागर करता है - नेता

नवांशहर- किरती किसान यूनियन ने संगरूर जिले के बीड़ अश्विन में जींद के राजा की 927 एकड़ जमीन पर बेगमपुरा बसाने के लिए भूमि अधिग्रहण संघर्ष कमेटी द्वारा किए जा रहे लोकतांत्रिक धरने को रोकने तथा सैकड़ों कार्यकर्ताओं व नेताओं की गिरफ्तारी के लिए छह जिलों की पुलिस की कड़ी निंदा की है।

नवांशहर- किरती किसान यूनियन ने संगरूर जिले के बीड़ अश्विन में जींद के राजा की 927 एकड़ जमीन पर बेगमपुरा बसाने के लिए भूमि अधिग्रहण संघर्ष कमेटी द्वारा किए जा रहे लोकतांत्रिक धरने को रोकने तथा सैकड़ों कार्यकर्ताओं व नेताओं की गिरफ्तारी के लिए छह जिलों की पुलिस की कड़ी निंदा की है। 
संगठन के जिला शहीद भगत सिंह नगर अध्यक्ष सुरिंदर सिंह बैंस, राज्य कमेटी सदस्य भूपिंदर सिंह वड़ैच और जिला सचिव तरसेम सिंह बैंस ने कहा है कि आम आदमी पार्टी की पंजाब सरकार दिल्ली विधानसभा चुनाव में पार्टी की हार के बाद पुलिस बल के माध्यम से राज्य के लोगों के हर लोकतांत्रिक संघर्ष को कुचलने के आत्मघाती रास्ते पर चल पड़ी है। 
उन्होंने कहा कि समाज में सबसे अधिक प्रभावित लोगों में शामिल भूमिहीन दलित वर्ग द्वारा जींद के राजा के गांव बेचिराग की 927 एकड़ भूमि को भूमिहीनों में वितरित करने के लिए लंबे समय से चलाए जा रहे अभियान के प्रति पंजाब की भगवंत सिंह मान सरकार का रवैया लोगों की जायज मांगों को नजरअंदाज करने की उसकी घिनौनी आदत का परिचायक है।
 उन्होंने कहा कि आज बेगमपुरा को बसाने आ रहे जत्थों को पुलिस ने बैरियर लगाकर रोका, उन पर दबाव बनाया और सैकड़ों लोगों को गिरफ्तार किया, जिससे यह पता चलता है कि किसानों के बाद अब आप सरकार दलितों के संघर्ष को भी बलपूर्वक कुचलने पर उतर आई है।
किसान नेताओं ने कहा कि दिल्ली में विधानसभा चुनाव में हार के बाद आप सरकार ने राज्य को पुलिस राज्य में बदल दिया है। राज्य की जनता के हर लोकतांत्रिक संघर्ष पर पुलिस बल का प्रयोग किया जा रहा है।
नेताओं ने कहा कि सदियों से दबे-कुचले दलित लोगों के हक में आवाज उठाने वाले भूमि अधिग्रहण संघर्ष कमेटी के नेताओं पर दमन करना पंजाब सरकार का दलित-विरोधी और मजदूर-विरोधी चेहरा उजागर करता है।