
78वें वार्षिक माता भद्रकाली मेले में 23 मई को सुबह 8 से 10 बजे तक भव्य कवि दरबार का आयोजन किया जाएगा ----कंवर इकबाल सिंह
कपूरथला (पैग़ाम-ए-जगत)- हर वर्ष की भांति इस वर्ष भी 23 मई शुक्रवार को मंदिर के मुख्य मंच पर सुबह 8 से 10 बजे तक भव्य कवि दरबार का आयोजन किया जा रहा है। मेला कमेटी के पदाधिकारियों श्री परषोत्तम पासी अध्यक्ष, राधे श्याम शर्मा चेयरमैन, विनय आनंद पब्लिक सेक्रेटरी, भूपिंदर आनंद उपाध्यक्ष, विक्की बहल उपाध्यक्ष, मनु पराशर कैशियर, श्री राहुल आनंद एवं सभी कमेटी सदस्यों ने कवि दरबार के संचालन की जिम्मेदारी हर वर्ष की भांति इस वर्ष भी राष्ट्रीय कवि कंवर इकबाल सिंह जी को सौंपी है।
कपूरथला (पैग़ाम-ए-जगत)- हर वर्ष की भांति इस वर्ष भी 23 मई शुक्रवार को मंदिर के मुख्य मंच पर सुबह 8 से 10 बजे तक भव्य कवि दरबार का आयोजन किया जा रहा है। मेला कमेटी के पदाधिकारियों श्री परषोत्तम पासी अध्यक्ष, राधे श्याम शर्मा चेयरमैन, विनय आनंद पब्लिक सेक्रेटरी, भूपिंदर आनंद उपाध्यक्ष, विक्की बहल उपाध्यक्ष, मनु पराशर कैशियर, श्री राहुल आनंद एवं सभी कमेटी सदस्यों ने कवि दरबार के संचालन की जिम्मेदारी हर वर्ष की भांति इस वर्ष भी राष्ट्रीय कवि कंवर इकबाल सिंह जी को सौंपी है।
गौरतलब है कि पहले यह मेला पाकिस्तान में आयोजित होता था, लेकिन भारत-पाकिस्तान के विभाजन के बाद अब यह भव्य मेला भारत के कपूरथला शहर के बाहरी इलाके में स्थित गांव शेखूपुर में हर वर्ष आयोजित किया जाता है! इस मेले में भारत के प्रसिद्ध कवि शिव कुमार बटालवी, करतार सिंह बलगन, प्रिंसिपल चमन गोबिंदपुरी, पंजाब के रफी कहे जाने वाले रशपाल सिंह पाल, डॉ. हरि सिंह जाचक, इंजी. करमजीत सिंह नूर, चैन सिंह चक्रवर्ती, सुजान सिंह सुजान, आशी ईशपुरी आदि समय-समय पर आयोजित कवि दरबारों में शिरकत करते रहे हैं!
कपूरथला शहर के निवासी और राष्ट्रीय कवि के रूप में पहचाने जाने वाले अंतर्राष्ट्रीय कवि कंवर इकबाल सिंह पिछले 19 वर्षों से लगातार इस मेले का आयोजन करते आ रहे हैं!
मेला कमेटी द्वारा दिए गए ध्येय वाक्य "हमारा देश भीड़ है, दुश्मन देश खतरा है" और "कश्मीर की मार से हम अपनी जवानी फिर से पा लेंगे" के अनुसार इस बार पंजाब के 10 प्रसिद्ध कवियों में शामिल कवि कंवर इकबाल सिंह, लाली करतारपुरी लकी मालियां वाला, सुरजीत साजन, रूप दबुर्जी, रजनी वालिया, आशु कुमरा, मुख्तार सिंह सहोता, गुरदीप गिल, तेजबीर सिंह आदि अपने-अपने काव्य से महामहिम के दरबार में महामहिम का गुणगान करेंगे! यह भी उल्लेखनीय है कि हर साल देश-विदेश से लाखों श्रद्धालु इस पावन दरबार में माथा टेकने और अपनी झोली भरने आते हैं।
