मोहाली जिला आबकारी टीम ने पुलिस के साथ मिलकर डेरा बस्सी में एक बड़ा अभियान चलाया

डेराबस्सी, 19 मई- आबकारी एवं कराधान मंत्री हरपाल सिंह चीमा और आबकारी आयुक्त जतिंद्र जोरवाल के निर्देशों का पालन करते हुए मोहाली जिला आबकारी टीम ने एस.एच.ओ. सुमित मोर के नेतृत्व में स्थानीय पुलिस के साथ मिलकर डेरा बस्सी में एक बड़ा अभियान चलाया। मुबारकपुर, गांव बेहरा और जनेतपुर जैसे प्रमुख स्थानों को निशाना बनाया गया।

डेराबस्सी, 19 मई- आबकारी एवं कराधान मंत्री हरपाल सिंह चीमा और आबकारी आयुक्त जतिंद्र जोरवाल के निर्देशों का पालन करते हुए मोहाली जिला आबकारी टीम ने एस.एच.ओ. सुमित मोर के नेतृत्व में स्थानीय पुलिस के साथ मिलकर डेरा बस्सी में एक बड़ा अभियान चलाया। मुबारकपुर, गांव बेहरा और जनेतपुर जैसे प्रमुख स्थानों को निशाना बनाया गया।
रोपड़ रेंज के सहायक आयुक्त (आबकारी) अशोक चलोत्रा ने विस्तृत जानकारी देते हुए बताया कि इसका उद्देश्य अवैध गतिविधियों पर अंकुश लगाना और मिलावटी शराब के सेवन के खतरों के बारे में जागरूकता फैलाना था। इस पहल के तहत आबकारी और पुलिस अधिकारियों द्वारा समुदाय के साथ सीधे संवाद करते हुए एक संयुक्त जागरूकता अभियान चलाया गया।
उन्होंने कहा कि नकली शराब के सेवन से जुड़ी एक हालिया दुखद घटना के मद्देनजर, मोहाली के आबकारी विभाग ने अवैध शराब के नेटवर्क को खत्म करने और अवैध शराब से जुड़े गंभीर स्वास्थ्य जोखिमों के बारे में लोगों को जागरूक करने के लिए पूरे जिले में कड़ी कार्रवाई शुरू की है। इसके अलावा, स्थानीय खुफिया सूचनाओं के माध्यम से पहचाने गए संवेदनशील और सीमा से सटे इलाकों में पुलिस विभाग के साथ नियमित संयुक्त अभियान चलाए जा रहे हैं। 
इन गहन प्रयासों के परिणामस्वरूप, अब तक 18 एफआईआर दर्ज की गई हैं। सभी संबंधित मामलों की सक्रिय जांच की जा रही है, आबकारी और पुलिस टीमें पहले से प्रभावित क्षेत्रों में कड़ी निगरानी रख रही हैं। अब तक तीन बड़ी बरामदगी भी हुई हैं, जिसमें चंडीगढ़ में बिक्री के लिए शराब की 220, 17 और 23 पेटियां जब्त की गई हैं। उन्होंने कहा कि लगातार निगरानी और नियमित छापेमारी के जरिए आदतन शराब तस्करों और बार-बार अपराध करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जा रही है। 
आबकारी नियमों का अनुपालन सुनिश्चित करने तथा विशेष विकृत स्पिरिट के दुरुपयोग को रोकने के लिए सभी एल-17 लाइसेंसधारियों का नियमित तथा औचक निरीक्षण किया जा रहा है, जिसमें सटीक रिकॉर्ड रखने, वैध उपयोग तथा स्टॉक सत्यापन पर जोर दिया जा रहा है। अवैध शराब के किसी भी अवैध भंडारण या बोतलबंद करने का पता लगाने के लिए खाली गोदामों, अप्रयुक्त भवनों, कारखानों, चावल शेलर, ईंट भट्टों तथा ढाबों जैसे परित्यक्त तथा विशिष्ट स्थानों पर भी निरीक्षण किया जा रहा है।
इसके अतिरिक्त, मेथनॉल (मिथाइल अल्कोहल) का कारोबार करने वाली औद्योगिक इकाइयों तथा व्यापारियों पर कड़ी निगरानी रखी जा रही है। कानूनी अनुपालन सुनिश्चित करने तथा अवैध शराब के निर्माण में ऐसे रसायनों के अनधिकृत उपयोग को रोकने के लिए उनके रिकॉर्ड तथा संचालन का गहन सत्यापन किया जा रहा है।
उन्होंने कहा कि जन जागरूकता को मजबूत करने के लिए पंजाबी में मोबाइल घोषणाएँ तथा लाइसेंस प्राप्त शराब की दुकानों पर बैनर प्रदर्शित करके अवैध शराब के खतरों को उजागर किया जा रहा है। इन प्रयासों का उद्देश्य कमजोर समुदायों तक पहुँचना तथा उन्हें अवैध शराब निर्माण या वितरण से संबंधित संदिग्ध गतिविधियों की सूचना देने के लिए प्रोत्साहित करना है।
आबकारी विभाग जनता से सतर्क रहने और अनधिकृत स्रोतों से शराब पीने से बचने का आग्रह करता है। नागरिकों को किसी भी संदिग्ध अवैध गतिविधि की सूचना तुरंत अधिकारियों को देने के लिए प्रोत्साहित किया जाता है। सभी परिस्थितियों में सूचना देने वालों की पहचान पूरी तरह से गोपनीय रखी जाएगी।