
चंडीगढ़ यूनिवर्सिटी ने तुर्की और अजरबैजान की 23 यूनिवर्सिटी के साथ किए समझौते रद्द पाकिस्तान की मदद करने वाले देशों के साथ गठबंधन स्वीकार्य नहीं: सतनाम संधू
चंडीगढ़, 17 मई- सांसद (राज्यसभा) और चंडीगढ़ यूनिवर्सिटी के चांसलर सतनाम सिंह संधू ने घोषणा की कि देश की नंबर वन प्राइवेट यूनिवर्सिटी चंडीगढ़ यूनिवर्सिटी ने तुर्की और अजरबैजान की 23 यूनिवर्सिटी के साथ किए गए अपने सभी समझौता ज्ञापन (एमओयू) तत्काल प्रभाव से रद्द कर दिए हैं। चंडीगढ़ यूनिवर्सिटी ने यह फैसला राष्ट्रीय हित को ध्यान में रखते हुए लिया है।
चंडीगढ़, 17 मई- सांसद (राज्यसभा) और चंडीगढ़ यूनिवर्सिटी के चांसलर सतनाम सिंह संधू ने घोषणा की कि देश की नंबर वन प्राइवेट यूनिवर्सिटी चंडीगढ़ यूनिवर्सिटी ने तुर्की और अजरबैजान की 23 यूनिवर्सिटी के साथ किए गए अपने सभी समझौता ज्ञापन (एमओयू) तत्काल प्रभाव से रद्द कर दिए हैं। चंडीगढ़ यूनिवर्सिटी ने यह फैसला राष्ट्रीय हित को ध्यान में रखते हुए लिया है।
इस फैसले में स्टूडेंट और फैकल्टी एक्सचेंज प्रोग्राम, ज्वाइंट रिसर्च प्रोजेक्ट, डुअल डिग्री प्रोग्राम और दोनों देशों के संस्थानों के साथ सभी तरह के अकादमिक सहयोग को तत्काल प्रभाव से रद्द करना शामिल है। उल्लेखनीय है कि चंडीगढ़ यूनिवर्सिटी का यह फैसला भारत और पाकिस्तान के बीच बढ़ते तनाव के बाद आया है। और इसे अजरबैजान द्वारा आतंकवाद को समर्थन देने वाले पाकिस्तान को दिए जा रहे समर्थन के जवाब के तौर पर लिया गया है।
सतनाम सिंह संधू ने विस्तृत जानकारी देते हुए कहा कि जिस समय हमारे सशस्त्र बल अपनी जान जोखिम में डालकर देश की रक्षा कर रहे हैं, उस समय हम एक शिक्षण संस्थान के रूप में पीछे नहीं रह सकते और जो देश आतंकवाद को समर्थन देने वाले पाकिस्तान की किसी भी तरह से मदद कर रहे हैं, उनके साथ किसी भी तरह का समझौता (एमओयू) जारी नहीं रखा जा सकता।
उन्होंने कहा कि देश के प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने आतंकवाद के खिलाफ सख्त फैसले लिए हैं और ऐसे समय में देश की हर संस्था और व्यक्ति का यह कर्तव्य है कि वह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का साथ दे और देश की सशस्त्र सेनाओं का हर तरह से सहयोग करे। हम भविष्य में कभी भी किसी ऐसी संस्था से कोई संबंध नहीं रखेंगे जो भारत की संप्रभुता और एकता को कमजोर करती हो।
उन्होंने भारतीय विद्यार्थियों से तुर्की और अजरबैजान जैसे देशों में शिक्षा ग्रहण करने की अपील की। सतनाम सिंह संधू ने कहा कि चंडीगढ़ विश्वविद्यालय का विजन हमेशा 'राष्ट्र प्रथम' रहा है। और इसी के अनुरूप हमने तुर्की और अजरबैजान के साथ अपने सभी शैक्षणिक संबंध समाप्त करने का निर्णय लिया है। जब राष्ट्रीय सुरक्षा, अखंडता और देश की संप्रभुता की बात आएगी तो हम कुछ भी स्वीकार नहीं करेंगे।
कोई समझौता नहीं करेंगे। संधू ने आगे कहा कि देश के जिम्मेदार नागरिक होने के नाते हमें इस संकट की घड़ी में एकजुट होना चाहिए। हमें एकजुट होकर उन देशों के साथ सभी संबंधों या समर्थन का बहिष्कार करना चाहिए। जिन्होंने प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से हमारे राष्ट्रीय हितों के खिलाफ काम किया है।
